matbet girişpadişahbetonwinmarsbahisjojobetkralbetmarsbahismatbetartemisbetrestbetartemisbet girişkavbetextrabetgalabetvaycasinovaycasino girişmatbetpadişahbetjojobetpusulabetdiyarbakır escortextrabet güncel girişextrabet girişkavbetkavbet girişyakabetyakabet girişgalabetgalabet girişgalabetgalabet girişgalabet güncel girişultrabetultrabet güncel girişultrabet girişultrabetultrabetultrabet girişultrabet güncel girişperabetjojobetjojobetgrandpashabet

3 दिन में कार्यभार नहीं संभाला तो संदल पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

प्रमुख अभियंता राणा की चेतावनी को ठेंगा, शासन ने के.के. संडल पर कसा शिकंजा

भोपाल 29 दिसंबर 2025। लोक निर्माण विभाग (PWD) में आदेशों की अवहेलना और अफसरशाही की मनमानी अब खुलकर सामने आ गई है। प्रमुख अभियंता केपीएस राणा द्वारा पहले ही जारी किए गए चेतावनीपूर्ण आदेश का पालन न करने पर अब शासन को सख्त रुख अपनाना पड़ा है।

युग क्रांति द्वारा पहले प्रकाशित खबरों में जिस अवहेलना की ओर इशारा किया गया था, उसी पर मुहर लगाते हुए शासन ने अब औपचारिक आदेश जारी कर दिया है।

🔴 क्या है पूरा मामला..

लोक निर्माण विभाग से 17 साल पहले  मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में पदस्थ के.के. संडल उपयंत्री (मैकेनिकल) को विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 24.10.2025 के तहत प्रतिनियुक्ति से वापस लेकर प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल में कार्यभार ग्रहण करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे लेकिन— आदेश के बावजूद के.के. संडल ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक/संचालक की शय पर प्रमुख अभियंता राणा द्वारा दिए गए निर्देशों को नजरअंदाज किया गया और फिर दिनांक 21.11.2025 को पुनः पत्र जारी होने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी रही

प्रमुख अभियंता केपीएस राणा का कड़ा रुख

यद्यपि प्रमुख अभियंता के उल्लंघन पर उपयंत्री पर कार्रवाई ना करते हुए शासन को पत्र लिखना इस बात को साबित करता है कि “केपीएस राणा सिर्फ नाम के ही राणा है” लेकिन फिर भी आदेशों की लगातार अवहेलना से नाराज़ राणा ने स्पष्ट शब्दों में शासन को पत्र लिखकर—
के.के. संडल एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की और अब उसी पत्र के आधार पर लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय, भोपाल से आज दिनांक 29.12.2025 को यह चेतावनीपूर्ण शासनादेश जारी किया गया है।

⚖️ अब क्या कहता है शासन का आदेश?

मध्य प्रदेश शासन के निर्माण विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवनआदेश के उप सचिव राजेश शाह जारी पत्र क्रमांक -1 /1 /8 / 09/2025/स्थान/19 अंतर्गत शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि के.के. संडल को 3 दिवस के भीतर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा, आदेश का पालन न होने पर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 नियम 3 के खंड-1 एवं 2 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
अर्थात अब मामला सिर्फ चेतावनी तक सीमित नहीं रहा,सीधी कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है।

बड़ा सवाल यह है कि क्या वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को यूं ही नजरअंदाज किया जाता रहेगा? क्या एक विभाग प्रमुख के आदेश का पालन करना दूसरे विभाग प्रमुख का कर्तव्य नहीं ? क्या अफसर का ईगो और निजी स्वार्थ शासन के आदेश से ऊपर है? क्या शासन के आदेश भी कुछ अफसरों के लिए “वैकल्पिक” हैं? और क्या ऐसे अफसर के लिए सिविल सेवा आचरण संहिता मे कोई प्रावधान नहीं ? क्या अब भी के के संदल किसी संरक्षण के भरोसे है?

फिलहाल अब निगाहें इस पर हैं कि— के.के. संडल 3 दिन में कार्यभार ग्रहण करते हैं या शासन पहली बार वास्तव में कड़ी कार्रवाई करता है ? Yug Kranti इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखेगा।