असली गांधीवादी थे बिंदेश्वर पाठक

श्रृद्धांजलि  राकेश अचल (achalrakesh1959@gmail.com) बिंदेश्वर दुबे को कभी लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करने का मौक़ा नहीं मिला। वे कभी संस्कार  सीखने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में भी शायद नहीं गए ,लेकिन जो स्वच्छ भारत को लेकर  जो सपना हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने पांच साल पहले देखा…

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आइये अब सड़कों पर मुकाबला करें

राकेश अचल संसद का सत्रावसान हो चुका है ।  संसद में जिन लोगों ने कथित रूप से अमर्यादित आचरण किया उन्हें एक- एककर निलंबित कर दिया गया । खुशनसीब थे राहुल गांधी जो लोकसभा की सदस्य्ता बहाली के बाद अमर्यादित आचरण की वजह से निलंबित नहीं किये गए। सदन से निलंबित सांसद अब सड़क पर…

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भक्ति बेचो या देशभक्ति सब बिकती है

सिनेमा राकेश अचल हंगामें में डूबी  संसद और नफरत में डूबी सियासत के बाहर निकलो तो पता चले की दुनिया के बाजार में सब कुछ बिकता है ।  भगवान भी और देशभक्ति भी। खरीदारों की दुनिया में कोई कमी नहीं है। आप ठीक समझे ! आज मै सियासत की नहीं सिनेमा की बात कर रहा…

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स्वतंत्रता दिवस विशेष

जन गण मन अधिनायक जय हे  राकेश अचल स्वतंत्रता दिवस पर सिर्फ जय गान करने का रिवाज है ,मै भी इस मौके पर केवल उनकी जय बोलूंगा जो सचमुच भारत के भाग्यविधाता हैं,जन हैं गण हैं ,मन हैं। अधिनायक  हैं। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगौर ने मात्र 52  पलों के इस राष्ट्रगीत में सब कुछ कह दिया…

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नेहरू की बराबरी के लिए एक और जन्म चाहिए

राकेश अचल भारत में लाल किले से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज दसवीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर डॉ मन मोहन सिंह की बराबरी तो कर ली लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बराबरी करने के लिए मोदी जी को एक और जन्म की जरूरत पड़ सकती है। मोदी जी ने आज…

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