hacklink al
casibompadişahbetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişmatbetmatbet girişholiganbetholiganbet girişmeritkingmeritking girişmeritkingmeritking girişjojobetjojobet girişbetcio girişbetciojojobetjojobet girişmeritkingmeritking girişmeritkingmeritkingmeritking girişalobetalobet girişalobetalobet girişalobetalobet girişholiganbet girişholiganbet girişholiganbet girişmaksibet girişmaksibet

लोक निर्माण विभाग का आदेश ठंडे बस्ते में

पुलिस हाउसिंग के संदल को ‘एकतरफा कार्यमुक्ति’ न होने के पीछे किसकी लाचारी?

क्या है संदल के आरके मेव और तनिष्क राज का रहस्य ! 

भोपाल 1 दिसंबर 2025। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा 21 नवंबर 2025 को जारी चेतावनी पत्र में उपयंत्री (वि/या) किशोर कुमार संदल को तत्काल पुलिस हाउसिंग निगम से कार्यमुक्त होकर मूल विभाग में ज्वाइन करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। पत्र में सख्त भाषा में उल्लेख था कि यदि संदल 3 दिन की समयसीमा में उपस्थिति नहीं देता है, तो स्टैंड रिलीव, विभागीय जांच, कारण बताओ नोटिस या निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, पत्र की समय सीमा समाप्त हुए कई दिन बीत जाने के बावजूद, संदल न तो कार्यमुक्त हुआ और न ही लोक निर्माण विभाग ने उस पर किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई की। इससे विभागीय स्तर पर गहरी गतिरोध, लाचारी और संदिग्ध संरक्षण की चर्चा तेज हो गई है।

पत्र में स्पष्ट चेतावनी – फिर भी कार्रवाई नहीं, क्यों?

21 नवंबर के पत्र में अधोहस्ताक्षरी प्रमुख अभियंता ने साफ लिखा है कि शासन के 24/10/2025 के आदेश का पालनमुख्य अभियंता का पत्र संदल ने नहीं किया। आदेश की लगातार अवहेलना गंभीर अनुशासनहीनता है। इस पत्र में 3 दिन में मूल विभाग में उपस्थित न होने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी मगर आज दिनांक तक संदल ने आदेश को तबज्जो नहीं दी। फिर भी अभी तक इसे ना स्टैंड रिलीव आदेश जारी हुआ,ना विभागीय जांच शुरू हुई, ना निलंबन, ना ही संदल को पुलिस हाउसिंग से कार्यमुक्त किया गया।

इस चुप्पी ने जहां एक ओर लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय और पुलिस हाउसिंग—तीनों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं तो वहीं दूसरी ओर मोहन सरकार के प्रशासनिक व्यवस्था का माखौल उड़ाया है‌

क्या है संदल के आरके मेव और तनिष्क का राज..

सूत्रों की मानें तो महादेव अपार्टमेंट भोपाल के साथ उज्जैन, जबलपुर और बैतूल से जुड़े काले धन की अर्थव्यवस्था करने वाले चार कारिंदों (जो लोक निर्माण विभाग की संवेदनशील फाइलिंग तथा वित्तीय मामलों पर पकड़ बनाए रखते हैं) ने संदल को आश्वस्त कर रखा है कि: > “PWD से जारी सभी कार्यमुक्ति आदेश सिर्फ दिखावा हैं…आप पुलिस हाउसिंग में ही बने रहिए, कोई आपको कार्यमुक्त नहीं कर पाएगा।”

सूत्रों की आगे माने तो संदल को पुलिस हाउसिंग में बनाए रखने के पीछे ऊँचे स्तर का संरक्षण है, कई लोगों ने संदल के मुंह से सीना ठोककर कहते सुना गया है कि “जिसके सर पर आरके मेव और तनिष्क राज का हाथ हो उसे भला दूसरे किस साज की जरूरत”!
संभवत है इसी के चलते न तो पुलिस हाउसिंग के अध्यक्ष कार्रवाई कर पा रहे हैं और न ही लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता, उपसचिव, अपर सचिव, प्रमुख सचिव या स्वयं मंत्री कोई निर्णायक कदम उठा पा रहे हैं ?

एक सब-इंजीनियर इतना शक्तिशाली कैसे? यह सबसे बड़ा सवाल है। एक डिप्लोमा होल्डर सब-इंजीनियर जिसका पुलिस हाउसिंग में एक प्रतिशत भी वास्तविक कार्य नहीं, जो मूल विभाग के आदेश का पालन नहीं कर रहा, वह इतना शक्तिशाली कैसे हो गया कि दो विभाग मिलकर भी उसे कार्यमुक्त नहीं कर पा रहे? क्या यह महज प्रशासनिक कमजोरी है या फिर विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी बड़े आर्थिक या राजनीतिक बोझतले दब चुके हैं?

आखिरकार इन सभी सवालों के जवाब क्या आरके मेव और तनिष्क राज में छुपे हुए हैं ?

विपक्ष करेगा मामला विधानसभा में उठाने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार संदल मामला अब इतना संवेदनशील हो चुका है कि विपक्ष दिसंबर 2025 सत्र में इसे_प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण या विशेष उल्लेख के रूप में उठाने की तैयारी कर चुका है। लेकिन उन्हीं सूत्रों का दावा है कि पुलिस हाउसिंग का शीर्ष प्रबंधन इस खेल में पारंगत हो चुका है कि कौन सा ध्यानाकर्षण पटल पर आने से रोकना है और किसका जवाब रोक देने से भी काम चल जाता है।

अब जनता, मीडिया और विधानसभा की नजरें इस पर है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा संदल की ‘एकतरफा कार्यमुक्ति’ में आखिरकार कौनसी लाचारी है_विभागीय ढीलेपन की,आर्थिक प्रभाव की या राजनीतिक संरक्षण (आरके मेव -तनिष्क राज) की ?

आने वाले दिनों में विधानसभा की कार्यवाही यह स्पष्ट कर देगी कि संदल को बचा कर जंगल राज की स्थापना होती है अथवा कानूनी राज स्थापित किया जाएगा यह देखने वाली बात है!