संदल–शर्मा गठजोड़ ढहा, युग क्रांति की रिपोर्ट के बाद PWD की बड़ी कार्रवाई
मंत्रालय तक पहुँचा ‘आरके मेव–तनिष्क राज’ का रहस्य—PWD ने ली त्वरित कार्रवाई
भोपाल 2 दिसंबर 2025। युग क्रांति द्वारा तथ्यों पर आधारित कल किए खुलासे ने मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और लोक निर्माण विभाग (PWD) में मची हड़बड़ाहट को अब सतह पर ला दिया है। इस खबर के बाद सचिवालय से लेकर मंत्रालय तक अतिशय हलचल देखी गई—जहां अलग-अलग विभागों के गलियारों में “आरके मेव और तनिष्क राज” की रहस्यमयी भूमिका को लेकर दिनभर फुसफुसाहटों और चर्चाओं का दौर चलता रहा।
इधर, चर्चाओं के बीच कॉरपोरेशन के अध्यक्ष के तथाकथित मानमर्दन की कहानियां भी सामने आईं, तो वहीं दूसरी ओर लंबे समय से साथ चल रहे संदल–शर्मा गठजोड़ की मोहपास भी आखिरकार टूटती हुई दिखाई दी। युग क्रांति के खुलासे के बाद जिस तेजी से घटनाक्रम बदला, वह प्रशासनिक दुनिया में कम ही देखने को मिलता है।
PWD ने दबाव में दिखाई तेजी, जारी किया एकतरफा रिलीव आदेश
प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर ही PWD द्वारा जारी पत्र (क्रमांक 304/1617/… दिनांक 01/12/2025) में स्पष्ट
तौर पर उपयंत्री के.के. संदल को तात्कालिक प्रभाव से उनके मूल विभाग में प्रतिनियुक्ति से वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया।
यह वही संदल हैं जिन पर लंबे समय से पुलिस हाउसिंग में विवादित निर्णयों, अपारदर्शी फाइल संचालन और कथित “दो-व्यक्ति तंत्र” के आरोप लगते रहे हैं।
दस्तावेज में यह भी दर्ज है कि संडल को पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा कार्यमुक्त न किए जाने की स्थिति में सीधे-सीधे निर्देशित किया गया है कि वह PWD कार्यालय में तत्काल उपस्थिति सुनिश्चित करें। यह उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई उसी संदर्भ आदेश (24–10–2025) के अनुपालन में की गई है जिसे महीनों से जानबूझकर लंबित रखा गया था।
सवाल यह कि अब तक आदेश अटका क्यों था?
युग क्रांति की खबर के बाद खुलासा हुआ कि—आदेश लगभग 40 दिन तक दबा रहा। कॉरपोरेशन के भीतर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने इसे रोकने की कोशिश की और संदल–शर्मा गठजोड़ ने इसे ठंडे बस्ते में डालने का पूरा प्रयास किया। लेकिन जब खबर सामने आई और मंत्रालय तक उसकी प्रतिध्वनि पहुंची, तो हालात बदलते देर न लगी।
“आरके मेव – तनिष्क राज” का रहस्य चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र
खबर के बाद सचिवालय से मंत्रालय तक यह दो नामों के रहस्य पर सबसे ज्यादा गूंज रही। सवाल उठे कि—आखिरकार ये दोनों कौन हैं? किसके संरक्षण में कॉरपोरेशन के तंत्र को प्रभावित करते रहे? सूत्रों की माने तो सरगर्मी इतनी तेज रही कि कई अधिकारी अपने पुराने निर्णयों को लेकर सफाई देते दिखे।
कल दिनभर अफसरशाही के गलियारों में यह चर्चा भी जोरों पर रही कि कॉरपोरेशन के अध्यक्ष को एक अप्रत्याशित स्थिति का सामना करना पड़ा। सूत्र अनुसार,मंत्रालय स्तर पर उनसे तीखे “एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल” पर असंतोष जताया गया और संडल–शर्मा टीम को दिए गए संरक्षण पर भी कड़ी आपत्तियाँ उठीं। इस पूरे घटनाक्रम को कई वरिष्ठ अधिकारी खासकर अध्यक्ष का तथाकथित मानमर्दन भी सुनने को मिला।
संदल–शर्मा गठजोड़ की मोहपास टूटी—अब आगे क्या?

युग क्रांति के खुलासे ने जिस गठजोड़ को हिलाकर रख दिया है, वह पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में लंबे समय से निर्णयों को प्रभावित करता रहा है। सूत्रों के मुताबिक—कई फाइलें अब पुनः परीक्षण में जाएंगी, पुराने निर्णयों की समीक्षा की जाएगी और इस टीम से जुड़े अन्य लोगों पर भी निगरानी बढ़ने वाली है।
कल की खबर सिर्फ एक प्रतिनियुक्ति आदेश की कहानी नहीं थी बल्कि उन काले घेरों का पर्दाफाश था जिनके सहारे कॉरपोरेशन में एक “अनौपचारिक सत्ता तंत्र” चलता रहा।
और आज जब PWD की कार्रवाई रिकॉर्ड पर आ चुकी है, तो यह साफ है कि युग क्रांति की खबर का प्रभाव सीधा और तीखा पड़ा है।
