CPI रैंकिंग लगातार गिर रही, सरकार कब जागेगी?
नई दिल्ली 3 दिसंबर 2025। भारत की अर्थव्यवस्था चाहे लाख करोड़ों में दौड़ रही हो और सरकार बेशर्मी से दुनिया भर का मानमर्दन करके भले ही जनता की आंखों में धूल झोंक रही है लेकिन देश की सबसे बड़ी बीमारी — भ्रष्टाचार — लगातार और खतरनाक रूप से फैल रही है। हालिया अंतरराष्ट्रीय आंकड़े बताते हैं कि भारत की छवि दुनिया में तेज़ी से गिरी है और सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की धारणा पहले से अधिक गहरी हो गई है।
Transparency International की 2024 की रिपोर्ट ने एक बार फिर देश को आईना दिखाया है।
🔴 भारत की वैश्विक रैंकिंग—शर्मनाक फिसलावट जारी
180 देशों में भारत की रैंक: 96
CPI स्कोर: 38/100
2022 में स्कोर 40 था, 2023 में 39… और अब 38।
यानी पिछले तीन वर्षों में लगातार गिरावट और यह गिरावट संयोग नहीं बल्कि एक चेतावनी है।
CPI यानी Corruption Perception Index सरकार के सार्वजनिक तंत्र में भ्रष्टाचार की छवि को मापता है। स्कोर जितना कम- स्थिति उतनी खराब। 38 का स्कोर बताता है कि जनता, वैश्विक निवेशक, और विशेषज्ञ भारत के सरकारी सिस्टम को “भ्रष्ट” मान रहे हैं।
🔥 क्या है सबसे डरावनी बात ?
भारत का CPI स्कोर 2018 में 41 तक सुधार चुका था लेकिन तब से 2024 तक यह लगातार गिरते-गिरते 38 पर पहुँच गया। मतलब—छह साल में भारत भ्रष्टाचार की लड़ाई में पीछे हट गया है अर्थात देश में पूरी तरह से 100% भ्रष्टाचार का जहर फैल जाएगा।
⚠️ भ्रष्टाचार क्यों बढ़ रहा है — संकेत बेहद गंभीर
सरकारी योजनाओं में रिसाव, टेंडर–कॉन्ट्रैक्ट में कमीशन का खेल,
ग्रामीण योजनाओं से लेकर नगर निगमों तक फाइलें “तेल” के बिना नहीं चलती,
नौकरी, पदस्थापना और स्थानांतरण में “रेट लिस्ट”
जांच एजेंसियों पर दबाव और राजनीतिक उपयोग
सिस्टम में पारदर्शिता की कमी
शिकायतकर्ता और व्हिसलब्लोअर्स असुरक्षित
यह संकेत बताते हैं कि समस्या सतही नहीं—संस्थागत (Systemic) है।
🧨 सरकार के लिए यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, सीधी चेतावनी है
भारत का भ्रष्टाचार स्कोर गिरना केवल एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट की बात नहीं। यह देश के निवेश माहौल, विकास की रफ्तार, और जनता के भरोसे पर सीधा प्रहार है।
आज जब भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो रहा है साथ ही भ्रष्टाचार का फैलता ज़हर विकास को अंदर से खोखला कर रहा है। अगर सरकार ने अभी कठोर और ईमानदार कदम नहीं उठाए तो विदेशी निवेश घटेगा, विकास की रफ्तार रुकेगी, जनता का विश्वास टूटेगा और “अच्छे दिन” सिर्फ नारों में रह जाएंगे
🚨 जनता का सवाल साफ—GDP बढ़ रही है पर सिस्टम कब सुधरेगा?
जो राष्ट्र भ्रष्टाचार में पीछे नहीं हट पाता, वह प्रगति में आगे नहीं बढ़ सकता।
भारत को अब सिर्फ बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं—साफ़ और जवाबदेह सरकार चाहिए।

भ्रष्टाचार अब सिर्फ एक मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय खतरा है और खतरे को टालना सरकार के लिए अब संभव नहीं। सन् 2011-12 में यूपीए गवर्नमेंट के दौरान बहुत ही बद्तर हालात थे, उसके उपरांत 2014 से एनडीए गवर्नमेंट आने के उपरांत 2018 तक स्थिति में सुधार हुआ और अब स्थिति लगातार बता रही है कि भ्रष्टाचार तेजी से इस कदर बढ़ रहा है कि आगामी 6 वर्षों में विश्व में पहले पायदान पर होगा और यह स्थिति इतनी भयावह होगी जो की कल्पना से भी परेय है।
