मेरा यह शरीर मृत्यु के बाद मेडीकल कॉलेज की सम्पत्ति होगा

देह दान का संकल्प लेकर बुजुर्ग अशोक मजूमदार ने अपनी पीठ पर गुदवाया यह वाक्य

समाज के लिये प्रेरणा बनी है मजूमदार जी की यह पहल

ग्वालियर 25 सितंबर 2025/ जीवन के 84 बसंत देख चुके वरिष्ठ नागरिक श्री अशोक मजूमदार ने समाज के लिये प्रेरणादायी कदम उठाया है। उन्होंने मृत्यु के बाद अपने शरीर को गजराराजा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर की सम्पत्ति घोषित कर दिया है। देह दान के प्रति अशोक मजूमदार के दृढ़ संकल्प का अंदाजा, इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बहुत पहले से अपनी पीठ पर स्थायी रूप से गुदवा रखा है कि मेरा यह शरीर मृत्यु के बाद मेडीकल कॉलेज की सम्पत्ति हो जायेगा। उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देह दान एवं अंग दान जैसी मानवता की सेवा एवं जीवन मूल्यों के प्रति समर्पित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।
लाला का बाजार ग्वालियर निवासी श्री अशोक मजूमदार रीढ़ की हड्डी में नसों के दबाव के कारण आई पैरालिसिस की शिकायत की जाँच के लिये मेडीकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल जेएएच में आए थे। न्यूरो सर्जन न्यूरोसर्जन डॉ. अवधेश शुक्ला ने उनका इलाज और सफल ऑपरेशन किया। इसी दौरान डॉ. शुक्ला को उनकी पीठ पर एक टैटू गुदा हुआ दिखा, जिस पर लिखा था “प्रोपर्टी ऑफ मेडीकल कॉलेज”। समाज के प्रति मजूमदार जी का समर्पण देखकर चिकित्सकगण अत्यंत प्रभावित हुए। यह बात जब गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आर के एस धाकड को पता चली तो उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप श्री अशोक मजूमदार को बीते रोज सम्मानित किया।
इस अवसर पर मौजूद जेएएच समूह के अधीक्षक डॉ. सुधीर सक्सेना, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश त्रिवेदी, न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अवधेश शुक्ला, डॉ. मनीष चतुर्वेदी (नोडल बॉडी डोनेशन), डॉ. अनिल और अन्य चिकित्सकगणों ने भी मजूमदार जी के इस निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उनके इस कदम को समाज के लिये प्रेरणादायी बताया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि वर्तमान युग में अंग प्रत्यारोपण, अंग दान, देह दान जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की महती आवश्यकता है। एक देह दान से लगभग 9 डॉक्टर्स को चिकित्सा संबंधी कई बारीकियों को व्यावहारिक रूप से सीखने में सहायता मिलती है। चिकित्सा शिक्षा के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेजों के साथ आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में भी पार्थिक देह की आवश्यकता होती है। राज्य शासन द्वारा देह दान के लिए परिवारों में जागरूकता लाने और उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। देह दान की पूर्व सूचना देने वालों को राज्य शासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा। अंग दान की पूर्व सूचना देने वाले व्यक्तियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित किया जाएगा। ऐसे जिन व्यक्तियों के पास अनुष्मान कार्ड नहीं हैं, उनके आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएंगे। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में अंग दान और अंग प्रत्यारोपण की स्थिति बने, इस उद्देश्य से आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।