मनरेगा राशि का बड़ा हिस्सा अब जल संरक्षण को समर्पित
नई दिल्ली 25 सितंबर 2025। केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली से ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव शैलेश कुमार सिंह सहित केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, जिला कलेक्टर्स और ग्रामीण ब्लॉकों के प्रतिनिधि भी वर्चुअल रूप से जुड़े।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जल सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया है। इसके लिए मनरेगा अधिनियम में संशोधन कर जल संरक्षण कार्यों पर निश्चित व्यय को अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब ‘अति जलसंकट ग्रसित’ ब्लॉकों में मनरेगा की 65 प्रतिशत राशि, ‘अर्ध गंभीर’ ब्लॉकों में 40 प्रतिशत राशि और जिन ब्लॉकों में जल संकट नहीं है, वहां भी कम से कम 30 प्रतिशत राशि जल संबंधी कार्यों में खर्च होगी।
शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सदैव जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है और कैच द रेन, अमृत सरोवर और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसे अभियानों से देश में जागरूकता बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि पानी ही जीवन है और जल संरक्षण से भूजल स्तर बढ़ेगा, नदियां पुनर्जीवित होंगी और खेती, पर्यावरण, पशु-पक्षी व मानव जीवन सभी लाभांवित होंगे।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे जल सुरक्षा और ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया।पृष्ठभूमि में बताया गया कि वर्ष 2014 से अब तक मनरेगा ने ₹8.4 लाख करोड़ के व्यय और 3000 करोड़ मानव-दिवस रोजगार सृजन के साथ जल संरक्षण और ग्रामीण विकास में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इस अवधि में 1.25 करोड़ से अधिक जल संरक्षण परिसंपत्तियां जैसे चेकडैम, कृषि तालाब और सामुदायिक सरोवर बनाए गए हैं। महिलाओं की भागीदारी भी 48 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत तक पहुंची है। इन प्रयासों से जल संकटग्रस्त ग्रामीण ब्लॉकों की संख्या में कमी आई है।