hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişkavbetkavbet girişkavbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel giriş

भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई आयोजित

 वायु गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन, वन, प्राकृतिक संसाधन, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत और वन्य जीवन पर वार्ता..

नई दिल्ली 12 जुलाई 2024। भूटान सरकार के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री श्री जेम शेरिंग के नेतृत्व में भूटान की शाही सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह से भेंट की। बैठक के दौरान वायु गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन, वन, प्राकृतिक संसाधन, वन्य जीवन और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।

श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भारत की वैश्विक पहल इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में शामिल होने पर भूटान के मंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक समान भौगोलिक स्थिति, इकोसिस्‍टम और लोकतंत्र के समान मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन दोनों देशों के लिए एक समान चिंता का विषय है।

श्री शेरिंग ने अप्रैल 2024 में पारो में टाइगर लैंडस्केप सम्मेलन के लिए सतत वित्त की सफलतापूर्वक मेजबानी के संदर्भ में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भूटान पहले से ही एक कार्बन रहित देश है और अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा जलविद्युत से प्राप्त करता है।

दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन, वायु गुणवत्ता, वन, वन्यजीव प्रबंधन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन में क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में संयुक्‍त रूप से कार्य करने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने संयुक्त कार्य समूह की बैठक आयोजित करने का सुझाव भी दिया।

****