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बच्चों को बीमारियों से बचाने व उपचार के लिए घर-घर दी जा रही है दस्तक

दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान को गंभीरता से अंजाम दें – कलेक्टर श्रीमती चौहान

जन्म से पाँच वर्ष तक का कोई भी बच्चा जाँच, उपचार व इलाज के प्रबंधन से छूटे नहीं

31 अगस्त तक चलेगा यह अभियान

ग्वालियर 17 जुलाई 2024/ जिले में “दस्तक सह स्टॉप डायरिया” अभियान को स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला पूरी गंभीरता के साथ अंजाम दें। जन्म से पाँच वर्ष तक का कोई भी बच्चा बीमारियों की जांच, उपचार व प्रबंधन से छूटने न पाए। इसमें किसी तरह की ढ़िलाई व लापरवाही न हो। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला टीकाकरण अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
ज्ञात हो जन्म से पाँच वर्ष तक के बच्चो का घर-घर जाकर नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार करने के लिये गत 25 जून से शुरू हुआ “दस्तक सह स्टॉप डायरिया” अभियान 31 अगस्त तक चलेगा। अभियान के तहत सवास्थ्य विभाग का मैदानी अमला घर-घर दस्तक देकर बच्चों की जांच व उनका इलाज किया जा रहा है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.आर. के. गुप्ता ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर घर जाकर 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन का काम किया जा रहा है। साथ ही बीमार नवजात और बच्चों की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रोटोकॉल आधारित प्रबंधन, 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरूप विटामिन ए अनुपुरण, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण के लिए ओआरएस एवं जिंक के उपयोग संबंधी जागरूकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
अभियान के तहत 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृति की पहचान, 5 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में श्रवणबाधिता एवं दृष्टिदोष की पहचान, एसएनसीयू एवं एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फालोअप किया जा रहा है। साथ ही टीकाकरण से वंचित बच्चों के टीकाकरण की जानकारी भी ली जा रही है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. गुप्ता ने बताया कि स्टॉप डायरिया अभियान के तहत इस बार 5 वर्ष तक के बच्चों को ओआरएस के डबल पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।