सिंडिकेट की तरह चलाया जा रहा है नकल का गोरख धंधा..
कलेक्टर एवं सीईओ ने लिया सज्ञान, एसडीएम को किया निर्देशित..
ग्वालियर 27 फरवरी 2025। बोर्ड की परीक्षाओं में पारदर्शिता के इंतजामात में जिला प्रशासन एक ओर अपने बड़े-बड़े दावे कर रहा है मगर जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है, जिसमें ग्वालियर जिला के तमाम परीक्षा केंद्रों सहित चार शहर का नाका क्षेत्र नकल का गढ़ बना हुआ है।
इन परीक्षा केंद्रों में पेपर बांटने के पश्चात पेपर निकाल कर उसे हल कर केंद्र पर तैनात शासकीय पर्यवेक्षकों के सहयोग से ओटी (वस्तुनिष्ठ प्रश्न) करा दी जाती है। जैमर एवं सीसीटीवी कैमरा केवल यहां दिखाने मात्र को लगे हुए है जिनमें से अधिकांश में रिकॉर्डिंग तक उपलब्ध नहीं हो पाएगी। परीक्षा के दौरान इन केंद्रों की 3 घंटे की सीसीटीवी कैमरा की रिकॉर्डिंग की जांच कराई जाए तो वस्तुस्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इन केंद्रों में मुख्य रूप से केएसपी हायर सेकेंडरी स्कूल इंदिरा नगर चार शहर का नाका,विद्या विहार सेकेंडरी स्कूल चारशहर का नाका, पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल न्यू कॉलोनी हजीरा,सीबीएस हायर सेकेंडरी स्कूल पी एच ई कॉलोनी हजीरा,एक्सीलेंट कान्वेंट स्कूल चार शहर का नाका, शा.कन्या उ मा विद्यालय फोर्ट रोड हजीरा के नाम शामिल है।
सूत्रों की माने तो परीक्षा को पारदर्शी बनाने के नियमों को ताक पर रखकर इन केंद्रों पर प्रशासन की मिली भगत से तमाम अनियमितता को अनदेखा करते हुए परीक्षा के नाम पर धड़ल्ले से नकल का कारोबार चलाया जा रहा है। इनमें केएसपी परीक्षा केंद्र सबसे बड़ा माफिया है जिसमें हर वर्ष ऐसे विद्यालय का सेंटर रखा जाता है जिसमें नकल के ठेका के नाम पर ही बच्चे एडमिशन लेते हैं इसकी पुष्टि इस विद्यालय की छात्र संख्या और विद्यालय के मान्यता मापदंडों की तुलनात्मक समीक्षा से की सकती है। साथ ही केएसपी विद्यालय के तकरीबन 75 छात्रों के नाम भी चार शहर के नाका के इसी विद्यालय में दर्ज हैं जिसका केंद्र हमेशा केएसपी ही रहता है अर्थात केएसपी के 75 विद्यार्थियों का सेंटर खुद के ही स्कूल में है। नियमानुसार परीक्षा केंद्र किसी निवास अथवा संस्थान से दूर सेपरेट बनाया जाता है मगर केएसपी परीक्षा केंद्र की परिसर में ही संस्था प्रमुख पवैया निवासरत है। उनके निवास का दरवाजा प्राचार्य कक्ष के बाजू में कैंपस के अंदर ही खुलता है जहां से ये अपने केंद्र पर मन माफिक दखल रखते हैं।
परीक्षा केंद्रों की सूची में संवेदनशीलता की श्रेणी में आने वाले इन केंद्रों पर फ्लाइंग मात्र औपचारिकता करके क्यों लौट आती है जबकि अन्य केंद्रों पर घंटों निरीक्षण करती है? ज्ञात हो कि इसी कुख्यात सेंटर पर 2 साल पहले पेपर लीक होकर व्हाट्सएप पर वायरल हुआ जिसका पूरे प्रदेश में हंगामा हुआ और एक फर्जी परीक्षार्थी विगत वर्ष इन्हीं सेंटर से पकड़ा गया था।
सिंडिकेट की तरह चलाया जा रहा है नकल का गोरख धंधा..
सूत्रों की माने तो नकल की गैंग सिंडिकेट की तरह कार्य कर रहा है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में कुछ प्रिंसिपल एवं कर्मचारी शामिल हैं।जिला शिक्षा अधिकारी की परीक्षा नियंत्रक कमेटी में पिछले कई वर्षों से लगातार वही व्यक्ति टीम में शामिल किए जाते हैं जो खासी रकम देते हैं और इसके एवज में ये केंद्रो पर ड्यूटी लगाने के नाम पर स्कूलों से खासी रकम वसूलने एवं नकल के धंधे की संचालन व्यवस्था देखते हैं। जिनमें प्रिंसिपल संजय निगम,भूपेंद्र सिंह सिकरवार ,अनिल जैन, रणजीत सिंह चौहान सहित कुछ अन्य कर्मचारी शामिल है।
सिंडिकेट के रूप में संचालित नकल के गोरख धंधे वाले अत्यंत महत्वपूर्ण/संवेदनशील क्षेत्र में छापामार दल द्वारा औचक निरीक्षण के नाम पर औपचारिकता करना जिला प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है? इस संबंध में संपादक बृजराज सिंह तोमर ने कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार सिंह से विस्तार से चर्चा करते हुए उन्हें जानकारी दी। इस पर सीईओ विवेक कुमार ने बताया कि इस विषय में हम तत्काल एसडीएम को निर्देशित कर रहे हैं वह सभी बिंदुओं पर गंभीरता से निगरानी करेंगे। चूंकि खबर मिलने तक आज की परीक्षा संपन्न हो चुकी थी इसलिए अब के बाद होने वाली परीक्षा में इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं मिलेगी।