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सीबीआई ने रिश्वतखोरी के दो अलग-अलग मामलों में दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया

सीजीडीए के लेखा परीक्षक एवं रेलवे मंडल के अस्पताल अधीक्षक का रिश्वतखोरी मामला..

नई दिल्ली 3 अक्टूबर 2025। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के दो अलग-अलग मामलों में एकीकृत वित्तीय सलाहकार, रक्षा लेखा महानियंत्रक गांधीनगर -गुजरात के लेखा परीक्षक/कार्मिक और मंडल रेलवे अस्पताल, हिंगोली गेट, नांदेड़ के मुख्य कार्यालय अधीक्षक को गिरफ्तार किया है।

पहले मामले में, शिकायतकर्ता (एक निजी कंपनी के मालिक) ने आरोप लगाया कि एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए), रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए) गांधीनगर (गुजरात) के आरोपी लेखा परीक्षक/कार्मिक ने आपूर्ति आदेश जारी करने के लिए फाइल को मंजूरी देने के लिए 4 लाख रुपये (सीसीटीवी एयर फोर्स, पुणे की बोली मूल्य 2.5 करोड़ रुपये की आधार राशि का 2%) का अनुचित लाभ मांगा।

सीबीआई ने दिनांक 30.09.25 को जाल बिछाया और एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए), रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), गांधीनगर (गुजरात) के आरोपी लेखा परीक्षक/कार्मिक को 3.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए पकड़ा। आरोपी को गिरफ्तार करके विशेष न्यायाधीश, अहमदाबाद से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद विशेष न्यायाधीश, पुणे के समक्ष पेश किया गया तथा उसे दिनांक 04.10.2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

दूसरा मामला सीबीआई ने दिनांक 29.09.2025 को मुख्य कार्यालय अधीक्षक (ओ.एस.), मंडल रेलवे अस्पताल, हिंगोली गेट, नांदेड़ के विरुद्ध दर्ज किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 91,576 रुपये के लंबित बिल और 1.25 लाख रुपये की निष्पादन गारंटी के भुगतान के लिए 25,000 रुपये का अनुचित लाभ मांगा था। यह भुगतान एक निजी कंपनी, जहाँ शिकायतकर्ता कार्यरत है, के हाउसकीपिंग और सफाई ठेके से संबंधित था। बातचीत के बाद, आरोपी 20,000 रुपये की रिश्वत लेने के लिए सहमत हो गया।

सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को नांदेड़ स्थित उसके घर पर 20,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बाद में आरोपी को 29.09.2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों की तलाशी ली।

*साभार रेलविस्पर