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महिला सशक्तिकरण के पैरोकार देखते रह गए, सशक्त महिला अधिकारी हुई शक्तिहीन

पुरुष अधिकारियों से बेहतर कार्य करने की सजा – दवा निरीक्षक अनुभूति शर्मा निलंबित

ग्वालियर 28 अक्टूबर 2025। महिला सशक्तिकरण की बातें करने वाला सरकारी तंत्र एक सशक्त महिला अधिकारी को ही शक्तिहीन करने में सफल होता दिख रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक दिनेश श्रीवास्तव द्वारा हाल ही में ग्वालियर में पदस्थ दवा निरीक्षक अनुभूति शर्मा को निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया गया है।

आदेश में आरोप लगाया गया है कि अनुभूति शर्मा ने अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं किया, दवा नमूनों की जांच रिपोर्ट, निरीक्षण संबंधी कार्रवाई और अन्य विभागीय सूचनाएँ समय पर उप-संचालक या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को नहीं भेजीं। साथ ही, नवीन दवा प्रमाणपत्र जारी करने में अनियमितता के भी आरोप लगाए गए हैं।

हालांकि, युग क्रांति के सूत्रों ने जब स्थानीय दवा व्यवसायियों और दवा बाजार से जुड़े लोगों से बातचीत की, तो तस्वीर बिल्कुल विपरीत सामने आई। दवा व्यापारियों का कहना है कि “कई वर्षों बाद ग्वालियर को एक तेज़-तर्रार और ईमानदार दवा निरीक्षक मिला था, जो निष्क्रिय पड़े सिस्टम को सक्रिय बनाए हुए थी।” सूत्रों की माने तो अनुभूति शर्मा ने छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद ग्वालियर में थोक और खुदरा दवा दुकानों पर सख्त कार्रवाई की थी। वर्षों से निष्क्रिय पड़े निरीक्षण तंत्र को उन्होंने फिर से सक्रिय किया और नियम विरुद्ध कार्य कर रहे प्रतिष्ठानों पर नोटिस जारी किए।

दवा व्यापारियों और आम नागरिकों के बीच अब यह चर्चा जोरों पर है कि -“क्या सरकार और जिले के बड़े नेता उन अधिकारियों को संरक्षण देने में विफल हैं जो सच्चाई और ईमानदारी से काम करते हैं? या फिर महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार में एक सशक्त महिला अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति निष्ठा दिखाने की सजा भुगत रही है ?”