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“एक राष्ट्र–एक चुनाव” पर ग्वालियर में विचारमंथन

अधिवक्ता परिषद मध्यभारत प्रांत द्वारा आयोजित हुई कार्यशाला

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, कुलपति कल्पना शर्मा, वरिष्ठ विधिवेत्ताओं ने रखे विचार

ग्वालियर शनिवार 29 नवंबर 2025। अधिवक्ता परिषद मध्यभारत प्रांत जिला इकाई ग्वालियर द्वारा “एक राष्ट्र–एक चुनाव” विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

समय, संसाधन और प्रशासनिक ऊर्जा की होगी बड़ी बचत: तोमर

अपने संबोधन में श्री तोमर ने भारत को विश्व का सबसे सक्षम लोकतंत्र बताते हुए कहा कि “एक राष्ट्र–एक चुनाव समय, धन और प्रशासनिक संसाधनों की अत्यधिक बचत सुनिश्चित करेगा, जिससे देश की ऊर्जा विकास कार्यों की ओर केंद्रित हो सकेगी।” उन्होंने भारत के संविधान की 75 वर्षीय यात्रा, आवश्यक संशोधनों और महिलाओं को 33% आरक्षण देने वाले ऐतिहासिक फैसले को सामाजिक प्रगति का महत्वपूर्ण कदम बताया।
श्री तोमर ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनके बलिदान के कारण ही भारत का संविधान कश्मीर तक पूर्ण रूप से लागू हो पाया और आज धारा 370 व 35A इतिहास बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, डीबीटी, गरीब कल्याण योजनाएँ तथा आधारभूत ढाँचे में सुधारों ने भारत की विकास गति को नया आयाम दिया है।
उन्होंने समाजिक मूल्यों के संदर्भ में दत्तोपंत ठेंगड़ीजी का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि बीज और पौधे की परवरिश अच्छी हो तो फल भी उत्कृष्ट ही मिलता है। यही दर्शन आज अधिवक्ता परिषद के वटवृक्ष रूप में परिलक्षित होता है।

युवाओं की रचनात्मक सोच से ही बदलेगा देश का भविष्य: कुलपति कल्पना शर्मा

कार्यशालालक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान की कुलपति प्रोफेसर कल्पना शर्मा ने कहा कि भारत का भविष्य स्वस्थ संवाद, सकारात्मक सोच और जागरूक युवाओं पर आधारित है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान जैसे जन-आंदोलनों में युवाओं की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया और कहा कि देश तभी प्रगति करेगा जब युवा रचनात्मक सोच और जिम्मेदार नागरिकता का परिचय दें।

कार्यक्रम को शहर के प्रसिद्ध अधिवक्ता स्वर्गीय शर्मा जी को समर्पित किया गया। वक्ताओं ने उनके न्यायिक योगदान और सरल कार्यशैली को भावपूर्ण स्मरण किया।

संविधान निर्माण में भारतीय संस्कृति की झलक : दीपेंद्र सिंह कुशवाह

अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं राष्ट्रीय अधिवक्ता परिषद के विशेष आमंत्रित सदस्य श्री दीपेंद्र सिंह कुशवाहा ने संविधान में हुए संशोधनों और भारतीय संस्कृति के प्रभाव पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे नंदलाल बोस व रायबहादुर रामनारायण सिंह जैसे कलाकारों ने संविधान की मूल प्रति को भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों से जीवंत बनाया।

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय मंत्री श्री विक्रम दुबे ने कहा कि देश केवल अधिकारों से नहीं, कर्तव्यों के प्रति सजगता से चलता है। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं और नागरिकों से आग्रह किया कि राष्ट्र निर्माण में कर्तव्य भावना ही सर्वोच्च आधार है। प्रांत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल ने परिषद द्वारा संचालित न्याय केंद्रों की जानकारी दी, जो मध्यभारत प्रांत में जरूरतमंद नागरिकों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

युवा संसद—पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम में आयोजित युवा संसद प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए गए:

प्रथम पुरस्कार- अभिषेक उपाध्याय, द्वितीय पुरस्कार – युवराज सिंह पवैया, तृतीय पुरस्कार – सिद्धांत सक्सेना एवं यशी गौतम को मिला, साथ ही वर्बल मेंशन: दिव्यांशी अवस्थी, सृष्टि शिवहरे, शिवम शर्मा, देवांशी शिवहरे, बेस्ट कॉलेज डेलिगेशन: विक्रांत यूनिवर्सिटी को प्रदान किए गए।

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन श्री अरुण शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष, द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्ता, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएँ एवं अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।