hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet giriş

फिलीस्तीन के समर्थन में मार्च निकालने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चार छात्रों पर केस

नई दिल्ली ।  इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जारी युद्ध के बीच फिलीस्तीन के समर्थन में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में निकाले गए एक मार्च के संबंध में पुलिस ने चार छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया है.   रिपोर्ट के मुताबिक, एसपी सिटी आर. शेखर पाठक ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने इस मामले में कई छात्रों पर मामला दर्ज किया है, जिनमें से केवल चार नामजद हैं. उन्होंने बताया कि छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 15&ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत जारी आदेश की अवज्ञा) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है. छात्रों ने रविवार रात एएमयू परिसर में डक पॉइंट से बाब-ए-सैयद गेट तक मार्च निकाला था. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अपने मार्च के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी. एफआईआर में कहा गया है कि छात्रों ने एक ‘आतंकवादी समूह’ के ‘समर्थन’ में मार्च किया था. पाठक ने कहा, ‘आतिफ, खालिद, कामरान और नावेद चौधरी एफआईआर में नामजद चार छात्र हैं.’ रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जिन चार छात्रों को एफआईआर में नामित किया है, उनमें खालिद डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की पढ़ाई कर रहे हैं, आतिफ मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) के छात्र हैं और मोहम्मद नावेद और कामरान एमए के छात्र हैं. एएमयू के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि मार्च पूर्व अनुमति के बिना आयोजित किया गया था, इसलिए यह अवैध था. उन्होंने कहा, ‘हमारे देश ने चल रहे युद्ध के संबंध में जो रुख अपनाया है, एएमयू उस पर कायम है. हम परिसर में संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर किसी भी अनुशासनहीनता की अनुमति नहीं दे सकते.’ उन्होंने कहा, ‘हमने आंतरिक जांच के भी आदेश दिए हैं और कानून के शासन का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’ प्रॉक्टर ने कहा कि मार्च में शामिल छात्र फिलीस्तीनियों के पक्ष में नारे लगा रहे थे और इजऱायल द्वारा बमबारी को ‘वर्चस्व स्थापित करने के लिए निर्दोष मूल निवासियों पर किया गया अत्याचार’ करार दिया था. एहतियात के तौर पर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.  वीडियो देखने के बाद अलीगढ़ से दो बार के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने एक बयान में कहा कि उन्होंने पुलिस और एएमयू के कार्यवाहक कुलपति से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. गौतम ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने इस मुद्दे पर हमारे देश का रुख स्पष्ट कर दिया है. देश कभी भी आतंकवादियों का समर्थन नहीं कर सकता.’ वहीं, कांग्रेस की अलीगढ़ जिला इकाई के प्रमुख डॉ. संतोष सिंह चौहान ने कहा कि उनकी पार्टी ने भी इजरायल का समर्थन किया है, क्योंकि देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़ रहा है.