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महुआ मोइत्रा की बढ़ेगी मुश्किलें! दर्शन हीरानंदानी का दावा- ‘पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए अडानी को बनाया निशाना’

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के संसद में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोप मामले में गुरुवार (19 अक्टूबर) को नया मोड़ आया.

उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी ने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा ने अडानी ग्रुप के मामले में गौतम अडानी को निशाना इसलिए बनाया ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब कर सकें. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ये जानकारी दी है.

आरोप है कि रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करने वाले हीरानंदानी ग्रुप ने अडानी ग्रुप के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर पैसे दिए थे.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि मोइत्रा ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया.

हीरानंदानी ने और क्या कहा?
हलफनामे में हीरानंदानी ने स्वीकार किया कि सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की कंपनी के एलएनजी टर्मिनल के बजाए ओडिशा में धामरा एलएनजी आयात सुविधा केंद्र को चुनने के बाद उन्होंने अडानी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था.

उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने ‘‘महंगी लग्जरी आइटम, दिल्ली में उनके बंगले की मरम्मत, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की.’’

हीरानंदानी ने कहा कि साल 2017 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में महुआ मोइत्रा से मुलाकात के बाद वह पिछले कुछ वर्षों में उनकी ‘करीबी निजी दोस्त बन गईं. हीरानंदानी ने कहा कि इससे उन्हें विपक्षी दलों की शासित राज्यों में व्यापार का अवसर मिलने की उम्मीद थी.

निशिकांत दुबे ने क्या कहा?

हीरानंदानी के इस दावे के बाद निशिकांत दुबे ने कहा कि देश की सुरक्षा एवं संसद की गरिमा मेरे लिए सर्वोपरि है. सत्यमेव जयते.

लोकसभा की आचार समिति के पास मामला

बता दें कि मंगलवार (17 अक्टूबर को) लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ की गई शिकायत की जांच के लिए मामले को लोकसभा की आचार समिति के पास भेज दिया था.

बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार (15 अक्टूबर) को ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए उद्योगपति हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस आरोप को टीएमसी नेता महुआ ने आधारहीन बताया. साथ ही ओम बिरला से आग्रह किया है कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित कर दें.