लिखित अनुमति के बिना निजी सम्पत्ति को विरूपित करना संज्ञेय अपराध

जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान द्वारा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

आदेश के उल्लंघन पर एक हजार रूपये का लगेगा जुर्माना और अधिनियम के तहत अन्य कार्रवाई भी होगी

ग्वालियर 27 मार्च 2024/ लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान निजी अर्थात अशासकीय परिसम्पत्ति को भी भवन स्वामी की अनुमति के बिना स्याही, खड़िया रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके विरूपित करना संज्ञेय एवं दण्डनीय अपराध होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले लोकसभा निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के उद्देश्य से सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने आदेश में स्पष्ट किया है कि निजी सम्पत्ति पर भी भवन स्वामी की अनुमति के बगैर कुछ लिखा जाता है या झण्डे बैनर इत्यादि लगाए जाते हैं तो ऐसा करने वाले के खिलाफ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती चौहान द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि जो कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल या उम्मीदवार शासकीय भवन या कोई भी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सम्पत्ति का विरूपण करेगा तो उसके खिलाफ एक हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। सम्पत्ति के अन्तर्गत भवन, झोंपड़ी, संरचना, दीवार, वृक्ष, खम्बा (पोस्ट) स्तम्भ या कोई अन्य परिनिर्माण शामिल होगा।

नगर निगम से भी लेनी होगी एनओसी

चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भवन स्वामी की लिखित सहमति के बाद झण्डे, पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन व फ्लैक्स बोर्ड लगा सकेंगे। पर नगर निगम द्वारा एनओसी जारी करने के लिये ली गई राशि की रसीद, भवन स्वामी द्वारा लिए जाने वाले किराए की रसीद तथा बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड व लिखावट इत्यादि पर किए गए खर्च की रसीद इत्यादि सहित इस पर हुए खर्च का सम्पूर्ण ब्यौरा निर्धारित प्रोफार्मा में संबंधित प्रत्याशी को तीन दिन के भीतर रिटर्निंग ऑफीसर के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि झण्डे, बैनर, पोस्टर, फ्लैस बोर्ड पर कोई ऐसी लिखावट अथवा चित्र प्रदर्शित नहीं होना चाहिए जिससे विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होता हो और शांति भंग होने की संभावना हो।

शासकीय सम्पत्ति को मूलरूप में लाने के लिये दल गठित

जिले की सीमा के अंतर्गत पूर्व में विरूपित शासकीय सम्पत्ति को पुन: मूल स्वरूप में लाने के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दल गठित किए गए हैं। नगर निगम ग्वालियर एवं राजस्व अनुविभाग ग्वालियर व डबरा के लिये क्षेत्रीय अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक, बीएसएनएल के एसडीओ, विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री, नगर निगम व नगर पालिका के क्षेत्रीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री व जनपद पंचायत के सीईओ को इस दल में शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति को मूल स्वरूप में लाने पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति पंचायत सचिव द्वारा मूलभूत योजना की राशि से की जा सकेगी। भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विरूपण निवारण का मूल दायित्व संबंधित थाना प्रभारी, पटवारी व पंचायत सचिव का होगा।