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साइबर ठग को ठेंगा दिखा सकते हैं आप, अगर 2 घंटे में Dial करेंगे ये नंबर

हमारे जीवन में इंटरनेट के साथ-साथ स्मार्टफोन का अपना एक अलग ही स्थान बन चुका है. स्मार्टफोन के जरिए ही हम जब चाहें, जिसे चाहें और जहां चाहें पैसा भेज सकते हैं. हमारी पूरी जानकारी स्मार्टफोन में ही मौजूद है. एक तरह से देखें तो हमारे लिए यह बड़ी सहूलियत भी है लेकिन, कभी-कभी इसके बदले में हमें बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. यह नुकसान साइबर ठगी के जरिए होती है. हालांकि, इसे रोकने के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी तो की है, लेकिन आज भी अधिकतर लोग इसके इस्तेमाल से अनभिज्ञ हैं. यह एक ऐसा नंबर है कि अगर इसका इस्तेमाल सही समय पर किया गया तो कुछ ही घंटे में आपका पैसा आपके खाते में वापस आ जाएगा.
साइबर फ्रॉड कोई नया शब्द नहीं है, अधिकतर स्मार्टफोन यूजर्स इस शब्द से वाकिब हैं और होंगे, इसके बाद भी कुछ लोगों को बड़ी चपत झेलनी पड़ जाती है. साइबर फ्रॉड किसी के साथ भी हो सकता है, आम आदमी से लेकर बड़े से बड़े अफसर और अधिकारी भी इसके शिकार हो जाते हैं और लाखों रुपए गंवा बैठते हैं. जब तक उनको कुछ पता चलता है बैंक अकाउंट खाली हो चुका होता है.

आखिर कैसे किया जाता है यह फ्रॉड?

आप और हम में से कई लोग साइबर फ्रॉड को लेकर सतर्कता भी रखते होंगे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरे की बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर जाते हैं या ये कहे कि वो हर चीज को सही मानने लगते हैं. कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाने के चक्कर में लाखों रुपए गंवा देते हैं और साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में जब भी आपके पास किसी नए और संदिग्ध नंबर से फोन या मैसेज आए तो आपको सावधान रहने की जरूरत है.

हाल फिलहाल की बात करे तो एक मैसेज जो अधिकतर लोगों के मोबाइल पर आया होगा कि उनका बिजली कनेक्शन कटने वाला है. कनेक्शन को कटने से बचाना है तो अभी बकाया राशि का भुगतान करें. अब बिजली एक ऐसी चीज है कि इसके बिना रहना मुश्किल है, लोग जरूर उस मैसेज को पढ़ेंगे और अगर नाम पर कनेक्शन है तो बकाए राशि को चेक करने या फिर भुगदान करने का प्रयास करेंगे. मैसेज में एक नबर भी दिया जाता है जिस पर संपर्क करने के लिए कहा जाता है. आप इस नंबर पर जैसे ही कॉल करेंगे वो आपसे वैरिफिकेशन के लिए आधार नंबर मांगेंगे या फिर बकाया राशि के बारे में बताएंगे.
अगर आपको फ्रॉड का अंदाजा नहीं है तो फिर सामने वाला शख्स आपसे बिल का भुगतान करने के लिए कहेगा. बात करते-करते ही वो आपसे एटीएम कार्ड नंबर और उसका पिन या फिर यूपीआई के जरिए पेमेंट का ऑप्शन आपके सामने रखेगा. जैसे ही आप उसको अपनी डिटेल उपलब्ध कराते हैं समझ लीजिए आपके साथ फ्रॉड होने जा रहा है. आप फोन रख कर राहत की सांस लेते हैं कि बिजली का कनेक्शन नहीं कटा, तब तक कुछ मिनट बात पता चलता है कि अकाउंट खाली हो गया. यहीं से हमारी अग्निपरीक्षा शुरू होती है. ऐसी स्थिति में हमें सबसे पहले सरकार की ओर जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 जीरो पर कॉल करना चाहिए.

सरकारी हेल्पलाइन नंबर 1930 का कब और कैसे करें इस्तेमाल?

जैसे ही आप 1930 नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं सरकार अपने सेंट्रलाइज सिस्टम और बैंक के जरिए आपके खाते की जांच शुरू कर देती है. इसके बाद उस खाते या फिर यूपीआई आईडी की ट्रैंकिंग शुरू हो जाती है जिसके जरिए पैसा निकाला गया होता है. इसके बाद सरकार उस बैंक और शाखा के नोडल अफसर से संपर्क करती है और फ्रॉड की जानकारी मुहैया कराती है. बैंक के कर्मी या फिर नोडल अफसर आपके अकाउंट से हुए ट्रांजेक्शन को खंगालेंगे और देखेंगे की पैसा किस अकाउंट में और किसके जरिए गया है. सारी जानकारी निकालने के बाद बैंक उस अकाउंट के ट्रांजेक्शन को फ्रीज कर देगा ताकि उसमें पड़े पैसे को निकाला न जा सके.
विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर फ्रॉड, घटना को अंजाम देने के बाद पैसे को एटीएम के जरिए निकाल लेते हैं. ऐसे में अगर समय रहते फ्रॉड की शिकायत की जाती है और एटीएम से पैसा नहीं निकाला गया है तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आपको पैसा वापस मिल जाएगा. इसलिए अगर भविष्य में आपके या फिर आपके जानने वालों के साथ ऐसा हो तो उसकी सूचना सबसे पहले सरकारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें. इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर फ्रॉड, घटना को अंजाम देने के बाद पैसे को एटीएम के जरिए निकाल लेते हैं. ऐसे में अगर समय रहते फ्रॉड की शिकायत की जाती है और एटीएम से पैसा नहीं निकाला गया है तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आपको पैसा वापस मिल जाएगा. इसलिए अगर भविष्य में आपके या फिर आपके जानने वालों के साथ ऐसा हो तो उसकी सूचना सबसे पहले सरकारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें. इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.

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