hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişkavbetkavbet girişkavbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel giriş

प्राध्यापकों का अनूठा विरोध प्रदर्शन

उरई 16 सितंबर 2024। गांधी महाविद्यालय उरई के प्राध्यापकों ने व्यवस्था के विरुद्ध आवाज़ उठाने का एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। प्राध्यापकों द्वारा किये गए विरोध प्रदर्शन से महाविद्यालय के किसी भी कार्य में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आई। यहाँ कक्षाओं का सञ्चालन भी सुचारू रूप से होता रहा, विद्यार्थियों के सम्बंधित कक्षाओं में प्रवेश भी होते रहे, कार्यालयीन कार्य भी यथोचित रूप में संपन्न होते रहे. आपको बताते चलें कि महाविद्यालयों में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अन्तर्गत प्राध्यापकों की प्रोन्नति प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रोन्नति के नियमों और सेवा-शर्तों को पूरा करने वाले प्राध्यापकों को निश्चित प्रारूप में अपना आवेदन समस्त अभिलेखों के साथ प्राचार्य कार्यालय में जमा करना पड़ता है।

महाविद्यालय के दस प्राध्यापकों द्वारा यथोचित सेवा-शर्तों को पूरा करने के बाद अपनी प्रोन्नति सम्बन्धी आवेदन की फाइल को समस्त दस्तावेजों के साथ गत वर्ष, 2023 में 15 सितम्बर को प्राचार्य कार्यालय में जमा किया था। उसके बाद से अद्यतन सम्बंधित प्राधिकारी द्वारा कोई आधिकारिक जानकारी किसी भी प्राध्यापक को नहीं दी गई है और न ही इस सम्बन्ध में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी द्वारा गठित साक्षात्कार पैनल को आधिकारी ढंग से सूचित किया है. सम्बंधित उच्चाधिकारी, प्राधिकारी की इस तरह की कार्य-संस्कृति के चलते पूरा एक वर्ष हो जाने के बाद भी वे दस प्राध्यापक अपनी प्रोन्नति की राह ताकने में लगे हैं।

इस तरह की कार्य-संस्कृति, कार्य-प्रणाली से क्षुब्ध होकर उन दस प्राध्यापकों के साथ-साथ अन्य जागरूक प्राध्यापकों ने विरोध का नया तरीका अपनाया। इस विरोध प्रदर्शन में सम्बंधित प्राध्यापकों ने एक वर्ष से फाइलों की स्थिति में प्रगति ने देखते हुए प्राचार्य कार्यालय में फाइल जमा करने की पहली वर्षगाँठ मनाई. इस अवसर पर प्राध्यापकों द्वारा न केवल केक काटा गया, बल्कि महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों, कर्मचारियों को जलपान भी करवाया गया। महाविद्यालय का कार्य बाधित न हो इसका ध्यान रखते हुए सभी विभागों में जलपान पहुँचाये जाने की व्यवस्था की गई। महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने इस अवसर पर कहा कि वे लोग शिक्षित हैं और शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, ऐसे में उनके द्वारा विरोध के तरीके से विद्यार्थियों में भी चेतनात्मक विकास करवाना था। प्राध्यापकों ने कहा कि प्रोन्नति के इस मुद्दे के साथ-साथ एनपीएस का मुद्दा भी उनके महाविद्यालय में उलझा हुआ है। इसके लिए भी प्राध्यापकों और कर्मियों द्वारा इसी तरह से शालीन, सभ्य विरोध प्रदर्शन करके उदाहरण निर्मित किया जायेगा।

विरोध प्रदर्शन के इस अवसर पर शिक्षक संघ अध्यक्ष रोहित कुमार पाठक, महामंत्री डॉ. धर्मेन्द्र कुमार, पूर्व नैक प्रभारी डॉ. ऋचा सिंह राठौर, पूर्व आईक्यूएसी संयोजक डॉ. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. ऋचा पटैरिया, प्रीति परमार, डॉ. मोनू मिश्रा, डॉ. के.के. गुप्ता, डॉ. के.के. त्रिपाठी, डॉ. मसऊद अंसारी, डॉ. कंचन दीक्षित, डॉ. इन्द्रमणि दूबे, डॉ. संदीप श्रीवास्तव, डॉ. शिवसंपत्त द्विवेदी, डॉ. वंदना सिंह, डॉ. विश्वप्रभा त्रिपाठी, कश्यप पालीवाल, महेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।