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1 घंटे की झमाझम बारिश से शहर हुआ जलमग्न, सीवर पर बहाया  करोड़ों रुपया बेकार – रिहायशी बस्तियों के साथ एमएस रोड पानी से हुई सराबोर

मुरैना। रविवार की सुबह कई धूप एवं उमस भरी गर्मी से बेहाल लोगों को दोपहर 2 बजे के लगभग उस समय राहत मिली, जब अचानक बादल घूमर आए और लगभग 1 घंटे तक झमाझम बारिश होती रही। इस 1 घंटे की बारिश से शहर की सभी बस्तियां एवं मुख्य मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गए, जिससे नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रिहायशी बस्तियों में पानी इतना अधिक था कि लोगों के घरों तक पहुंच गया और सारे काम छोड़कर आमजन घर से पानी का निकास करने में जुट गए। राज्य सरकार द्वारा मुरैना नगर निगम को सीवर प्रोजेक्ट के लिए दिया गया बजट बेकार चला गया, क्योंकि सीवर मुरैना में काम ही नहीं कर रही।     शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जब नगर पालिका परिषद मुरैना को नगर निगम में तब्दील किया गया तो राज्य सरकार द्वारा सीवर प्रोजेक्ट की घोषणा की गई और महापौर अशोक अर्गल के कार्यकाल में करोड़ों रुपए की लागत से यह कार्य हुआ भी, लेकिन अभी तक 6 साल में पूरा नहीं हुआ है। शहर में सीवर प्रोजेक्ट तो हो गया, लेकिन पानी के निकास की समस्या जस की तस बनी हुई है। सीवर से पहले जो स्थिति थी, अब उससे भी खराब स्थिति शहर की है। रविवार की दोपहर 1 घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने सीवर प्रोजेक्ट की पोल खोलकर रख दी, वही बरसात से पूर्व होने वाली सफाई भी नगर निगम द्वारा ठीक-ठाक से नहीं कराई गई, जिस कारण जलभराव की समस्या विकट स्थिति आमजन के लिए उत्पन्न कर रही है। अभी बारिश का दौर आगे भी चलेगा और कहीं लगातार बारिश हुई तो क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। रविवार को ही बारिश के बाद शहर की सभी बस्तियां पैर के घुटने तक जलमग्न हो गई तथा मुख्य मार्ग एमएस रोड तथा मार्केट के सभी बाजार पानी से लबालब हो गए और आमजन सभी कार्यों को छोड़कर घरों एवं दुकानों में भरे पानी को निकालने में जुट गए।         एक घंटे की बारिश के दौरान शहर के तमाम सरकारी दफ्तरों के प्रांगण पानी से भर गए, जिससे कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में सभी अधिकारी बैठे हुए हैं, लेकिन जलभराव की समस्या को लेकर कोई ठोस प्लानिंग किसी के द्वारा कभी नहीं की गई है, जिस कारण बारिश के दौर में आमजन की परेशानियां बढ़ती जा रही है।

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