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शास्त्रीय संगीत का देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” 15 से 19 दिसम्बर तक होगा आयोजित

पूरी गरिमा व भव्यता के साथ हो शताब्दी तानसेन समारोह का आयोजन – मंत्री श्री कुशवाह

संभाग आयुक्त श्री खत्री की अध्यक्षता में हुई स्थानीय समिति की बैठक

ग्वालियर 06 दिसम्बर 2024/ गौरवमयी तानसेन समारोह का शताब्दी आयोजन पूरी गरिमा के साथ हो। सभी लोग मिलजुलकर 100वें तानसेन समारोह को भव्यता प्रदान करें। शताब्दी वर्ष में इस प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव का आयोजन इतना भव्य व आकर्षक हो, जिससे वह इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो। यह बात सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने तानसेन समारोह की स्थानीय समिति की में मौजूद सदस्यों का आह्वान करते हुए कही। संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में समारोह को गरिमामय बनाने के लिये गहन विचार मंथन हुआ।
संभाग आयुक्त श्री खत्री ने समिति को भरोसा दिलाया कि बैठक में आए अच्छे सुझावों पर ध्यान देकर तानसेन समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि समारोह में अधिकाधिक संगीत रसिक पहुँचें। इसके लिये समारोह की तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में इस साल 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित होगा। यह सालाना समारोह भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 99 साल से आयोजित हो रहा है। इस साल समारोह का शताब्दी वर्ष है।
शुक्रवार को संभाग आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई तानसेन समारोह की स्थानीय समिति की बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री अरविंद सक्सेना, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे, संचालक संस्कृतिक विभाग श्री एम पी नामदेव, नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री अभय चौधरी, उद्भव संस्था के प्रमुख डॉ. केशव पाण्डेय, श्री बालखांडे, संस्कार भारती के अध्यक्ष डॉ. संजय धवले तथा सर्वश्री ईश्वरचंद करकरे, नरेन्द्र कुंटे, अशोक आनंद व अभिजीत सुखदाणे सहित समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद थे।

समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को गंभीरता से लें

संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री ने बैठक में मौजूद संस्कृति संचालक को निर्देश दिए कि समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से लें और प्रमुख सचिव संस्कृति के ध्यान में लाकर इन सुझावों पर अमल करें। उन्होंने स्थानीय समिति की बैठक में आए सुझावों के आधार पर कलाकारों के चयन के लिए गठित की जाने वाली ज्यूरी में ग्वालियर के संगीत विशेषज्ञों को शामिल करने के लिये भी कहा।
स्थानीय समिति की बैठक में संभाग आयुक्त ने सभी आयोजन स्थलों पर जिला प्रशासन व नगर निगम से संबंधित सभी व्यवस्थायें पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही कहा कि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में भी समारोह की सभा से संबंधित सभी व्यवस्थायें गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें।

संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री ने संस्कृति संचालक को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह के आयोजन से तीन महीने पहले से ही स्थानीय समिति के सदस्यों के सुझाव लें और उन सुझावों के आधार पर समारोह की रूपरेखा तैयार करें। उन्होंने हर साल नियमित अंतराल से स्थानीय समिति की बैठक आयोजित करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि इस साल के आयोजन के बाद दो माह के भीतर समीक्षा बैठक रखें और जो कमियां सामने आएं, उसे अगले वर्ष के आयोजन में दूर करें। साथ ही समिति के सदस्यों सुझाव के आधार पर नए आयाम भी जोड़ें।

“गमक” को लेकर बनी सहमति, सदस्यों ने सुझाए कलाकारों के नाम

तानसेन संगीत समारोह के एक दिन पहले आयोजित होने वाले पूर्वरंग “गमक” को लेकर भी स्थानीय समिति के सदस्यों के सुझावों पर सहमति बनी है। इस बार भी तानसेन समारोह के एक दिन पहले यानि 14 दिसम्बर को इंटक मैदान में “गमक” के आयोजन के प्रयास किए जायेंगे। इसके लिए समिति के सदस्यों ने उप शास्त्रीय संगीत के ख्यातिनाम कलाकारों के नाम सुझाव स्वरूप बताए। संभाग आयुक्त ने 8 दिसम्बर तक कलाकारों से संपर्क कर इस आयोजन के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश संस्कृति संचालक को दिए।

तानसेन समारोह की हर सभा के आरंभ में ध्रुपद प्रस्तुति देने वाली संस्थाओं में शामिल स्थानीय विद्यार्थियों व कलाकारों को प्रमाण-पत्र देने का निर्णय भी स्थानीय समिति की बैठक में लिया गया। संभाग आयुक्त ने बैठक के निर्णय के अनुसार सभी स्थानीय प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भी यह प्रमाण-पत्र दिए जाएँ।

बेहट स्थित प्राचीन शिव मंदिर का होगा कायाकल्प

सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में स्थित प्राचीन शिव मंदिर का कायाकल्प एवं जीर्णोद्धार कराया जायेगा। उन्होंने इस मंदिर की फोटोग्राफ सहित जानकारी इंटेक सोसायटी को भेजने के निर्देश दिए हैं। इंटेक सोसायटी इस कार्य के लिये एस्टीमेट तैयार करेगी। ऐतिहासिकता और मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए संस्कृति विभाग के माध्यम से मंदिर का कायाकल्प कराया जायेगा।

15 दिसम्बर को प्रात:काल पारंपरिक ढंग से एवं सायंकाल होगा औपचारिक शुभारंभ

शताब्दी वर्ष के तानसेन समारोह का आगाज 15 दिसम्बर को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए बनाए गए भव्य मंच पर औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।

मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगीं

तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभायें समानांतर रूप से सजेंगीं। यह सभायें तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
संस्कृति संचालक ने बैठक में जानकारी दी कि समारोह के दौरान लगभग 650 दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। साथ ही मोतीमहल मे राग-रागनियों पर चित्रकला प्रदर्शनी भी लगेगी। हर साल की तरह वादी-संवादी कार्यक्रम भी होंगे।

18 दिसम्बर को होगा अलंकरण समारोह का आयोजन

अलंकरण समारोह का आयोजन 18 दिसम्बर को सायंकाल 6 बजे तानसेन समाधि परिसर में मुख्य समारोह के भव्य मंच पर आयोजित होगा। देश के ख्यातिनाम तबला वादक पं. स्वपन चौधरी कोलकाता को वर्ष 2023 के तानसेन सम्मान से विभूषित किया जायेगा। इसी तरह वर्ष 2023 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से सानंद न्यास इंदौर को अलंकृत किया जायेगा।

संगीत की नगरी में 10 स्थलों पर होंगीं दुर्लभ वाद्यों की प्रस्तुतियाँ

इस साल के तानसेन संगीत समारोह के तहत 14 दिसम्बर को पूर्वरंग “गमक” के रूप में संगीत की नगरी ग्वालियर के 10 प्रमुख् स्थलों पर दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियां होंगीं। इन स्थलों में टाउन हॉल महाराज बाड़ा, बैजाताल, हस्सू-हद्दू खाँ सभागृह, जयविलास पैलेस, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय, शंकर गांधर्व महाविद्यालय, दत्त मंदिर, ग्वालियर किला व तानसेन कलावीथिका शामिल है।