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दोस्ती निभाते-निभाते अचानक रूस पर क्यों भड़क गया तुर्की? दे डाली खुली चेतावनी

रूस का दोस्त तुर्की नाराज हो गया है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने पुतिन को चेतावनी दी है. ब्लैक सी यानी काला सागर में किसी भी तरह के विवाद को बढ़ाने वाली कार्रवाई से बचने की सलाह दी. हाल ही में रूसी सेना ने तुर्की के एक कार्गो शिप को निशाना बनाया था, जिससे दोनों देशों में तल्खी बढ़ गई. यह पहली बार नहीं था जब तुर्की के शिप को निशाना बनाते हुए हमला किया गया हो. यूक्रेन से एक्सपोर्ट के लिए बनाए गए शिपिंग कॉरिडोर को रूस ने पिछले दिनों बंद कर दिया, जिसके बाद रूसी सेना यहां हमले कर रही है.

रूसी सेना ने इस रूट से गुजरने वाली किसी भी शिप को हमले की चेतावनी दे रखी है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने युनाइटेड नेशन ट्रीटी से किनारा कर लिया है. युद्ध के बीच तुर्की की मध्यस्थता में अनाज के एक्सपोर्ट पर डील फाइनल हुई थी जिसे अब रूस नहीं मानता. ट्रीटी और डील से बाहर होने के साथ ही पुतिन की सेना ने उस रूट से गुजरने वाले शिप्स को हमले की चेतावनी दी थी. रूसी सेना काला सागर और डानुबे नदी के पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगातार हमले कर रही है. यहां तबाही मचाए हुई.

रूस के इनकार के बाद यूक्रेन ने बनाए शिपिंग कॉरिडोर

बुधवार को ही रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में डानुबे नदी के पास पोर्ट पर मिसाइल हमले किए थे. हांगकांग के झंडे वाला जोसेफ शुल्टे शिप बुधवार को ओडेसा के बंदरगाह से रवाना हुआ है. यह पहली ऐसी शिप थी जिसने रूस की चेतावनी को खुली चुनौती दी थी. यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने इस बीच कहा कि जिस शिप पर रूसी सेना ने हमला किया है, वो दरअसल दूसरे शिपिंग रूट से गुजर रही थी. रूस के समझौते से अलग होने और एक्सपोर्ट कॉरिडोर बंद करने के बाद यूक्रेन ने इसे पिछले महीने शुरू किया है.

पोर्ट क्षेत्र में रूस कर रहा मिसाइल हमले

ओडेसा क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन के प्रमुख ओलेह किपर ने कहा कि रूस ने पोर्ट क्षेत्र में खासतौर पर अनाज भंडारण के लिए बनाए गए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिसाइल से निशाना बनाया है. हाल के महीनों में देखा गया कि रूस और तुर्की के बीच दोस्ती बढ़ रही थी. खासतौर पर एस-400 डील को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद दोनों देशों में और करीबी बढ़ी. तुर्की नाटो का एक सदस्य देश है.

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