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आर्थिक नवोत्थान की स्वर्णिम गाथा रचते मोहन- सत्येंद्र जैन लेखक

मुख्यमंत्री डां मोहन यादव की सरकार का दूसरा बजट वर्ष 2025-26 हेतु उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया है।यह बजट,स्वतंत्रता के अमृत काल में मध्य प्रदेश का दूसरा अमृत बजट है।राज्य के आर्थिक नवोत्थान की स्वर्णिम गाथा के संकल्पों से परिपूर्ण इस मंगलकारी बजट में प्रदेश का विकास और भगवान रूपी जनता के कल्याण की सुगंध प्रवाहित हो रही है।

न त्वहं कामये राज्यं,न स्वर्गं नापुनर्भवम् ।

कामये दुःखतप्तानां,प्राणिनाम् आर्तनाशनम् ।

अर्थात मुझे न राज्य,न स्वर्ग और न मोक्ष की कामना है।मेरी इच्छा है कि पीड़ितों का दुख,कष्ट दूर करने में मेरा जीवन काम आए।भारतीय संस्कृति के इस मूलमंत्र को अंगीकार कर भागीरथी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मंगलकारी बजट में रामराज की छवि स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित हो रही है।राम वन गमन पथ, श्री कृष्ण पाथेय, श्री महाकाल लोक सहित डेढ़ दर्जन लोक को विकसित करने का संकल्प झलक रहा है।कोई भी नया कर भी आरोपित नहीं किया गया है।बजट में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के मंत्र से ओतप्रोत होकर ज्ञान GYAN गरीब ,युवा, किसान,नारी शक्ति एवं मध्यम वर्ग के कल्याण हेतु समर्पित है।

मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव के अनेक निर्णयों में संस्कृति वत्सल,प्रतापी,कुशल प्रशासक विक्रमादित्य,राजमाता अहिल्या देवी होल्कर,रानी दुर्गावती,महाराजा छत्रसाल की राज्य कुशलता की छवि दृष्टिगोचर होती है।

विश्व के महानतम अर्थशास्त्री चाणक्य के मंत्र अनुसार –

प्रजासुखे सुखं राज्ञः,प्रजानां च हिते हितम् ।

नात्मप्रियं हितं राज्ञः,प्रजानां तु प्रियं हितम् ।

अर्थात प्रजा के सुख में राजा का सुख निहित है। प्रजा का हित ही राजा का वास्तविक हित है ।

इस मंत्र को आत्मसात करते हुए भाजपा की डॉ मोहन यादव सरकार प्रगति पथ पर अग्रसर है।अर्थ तंत्र को उन्नत कर रही है।मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का ही सुफल है कि इस बजट में कोई भी नया कर आरोपित नहीं किया है।यह निर्णय प्रजा को राहत प्रदान करता है।इस बजट को प्रस्तुत करने के पूर्व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यापार, उद्योग, स्वास्थ्य,शिक्षा,श्रम, पर्यावरण, पत्रकारिता,आम नागरिकों आदि से संवाद कर एवं विभिन्न माध्यमों से सुझावों को संकलित कर,विमर्श उपरांत तैयार किया गया है।यह बजट प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर,उद्योग,निवेश,रोजगार को बढ़ाने के साथ-साथ सर्व समावेशी,लोकमंगल की भावना का बजट है।

लक्षित बजट

आगामी 5 वर्षों में बजट के आकार को दोगुना कर वर्ष 2028-29 तक 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का भाजपा की मोहन सरकार का लक्ष्य है।पूंजीगत निवेश को बढ़ाना,सड़क विस्तार एवं संधारण, सिंचाई क्षेत्रफ़ल जल संचय क्षमता विस्तारण,बिजली,सौर,पवन ऊर्जा उत्पादन,वितरण सुविधा का विस्तार, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा का विकास और उद्योग,रोजगार के अवसर वृद्धि हेतु निवेश आकर्षित करने आदि के लक्ष्यों को पूर्ण कर विकसित भारत निर्माण के परम लक्ष्य में योगदान देना है।वर्ष 2025-26 को उद्योग,निवेश एवं रोजगार वर्ष घोषित किया गया है।प्रचलित दर पर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर 11.05 प्रतिशत है।राष्ट्रीय विकास दर के डेढ़ गुनी से अधिक है।भारत की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर के लगभग 5 प्रतिशत हो गया है।वर्ष 2046-47 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 250 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य है।प्रति व्यक्ति आय को 22 लाख रुपए से अधिक ले जाने का लक्ष्य है।

उन्नत आर्थिक बजट-

भाजपा की मोहन सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।यह पिछले बजट सेे 15 प्रतिशत अधिक है। यह बजट भाजपा सरकार के संकल्प,प्रदेश के क्रमिक,उत्तरोत्तर विकास को दर्शाता है।राज्य का पूंजीगत व्यय भी बढ़कर लगभग 85 हजार करोड़ हुआ है।प्रभावी पूंजीगत व्यय भी 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक है।यह राज्य की जीएसडीपी का 5.5 प्रतिशत से अधिक है।वर्तमान बजट का लगभग 22 प्रतिशत से अधिक है । अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय करने जा रही है।यह भाजपा की मोहन सरकार का साहस है जो संकल्प पत्र के संकल्पों को पूरित करने के साथ-साथ समानान्तर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर महती धनराशि निवेश कर रही है।अधिक पूंजीगत व्यय होने से ही मध्य प्रदेश का दीर्घकालीन,शाश्वत विकास संभव है। अनेक आर्थिक अध्ययनों में अर्थशास्त्रियों द्वारा बताया गया है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में एक रुपए व्यय करने पर लॉन्ग टर्म में लगभग आठ रुपये अर्थ व्यवस्था में आते हैं।अर्थ व्यवस्था सशक्त होती है।

इस बजट में कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान 3.75 लाख करोड़ रुपये है।पिछले वर्ष के सापेक्ष 14 प्रतिशत अधिक है।राजस्व प्राप्ति अनुमान भी 10 प्रतिशत बढ़ा है।जो 2.90 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने की संभावना है ।राज्य के स्वयं के कर की राशि भी 7 प्रतिशत से बढ़कर 1.09 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। केंद्रीय करों से प्रदेश को लगभग 17 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1.11 लाख करोड़ रुपए प्राप्ति का अनुमान है।वर्ष 2024-25 में यह राशि 95.75 हजार करोड़ रुपए अनुमानित है।करेत्तर राजस्व प्राप्ति भी 4 प्रतिशत वृद्धि के साथ लगभग 21.39 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित है।राजकोषीय घाटा भी राज्य जीएसडीपी का 4.66 प्रतिशत अनुमानित है।मध्य प्रदेश का 1 रुपए व्यय में से 17 पैसे अधोसंरचना विकास में, 9 पैसे कृषि क्षेत्र में, 12 पैसे स्वास्थ्य क्षेत्र में, 11 पैसे शिक्षा क्षेत्र में, 6 पैसे समाज कल्याण में, 12 पैसे नगर एवं ग्रामीण विकास में, 9 पैसे सामान्य सेवा में,7 पैसे ऋण भुगतान में,7 पैसे ब्याज भुगतान में,7 पैसे पेंशन पर व्यय होने का अनुमान है।राज्य को 1 रुपए अर्जित करने में 29 पैसे राज्य करों से, 30 पैसे केंद्रीय करों से, 13 पैसे केंद्रीय सहायता से, 6 पैसे करेत्तर राजस्व, 22 पैसे अन्य पूँजी प्राप्ति से आते हैं।

आर्थिक विकास के समस्त पैरामीटर प्रदेश के आर्थिक उत्थान के प्रतिमान हैं।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सरकार का वित्तीय वर्ष 2025-26 का सर्व समावेशी बजट,प्रदेश के आर्थिक नवोत्थान की गाथा गढ़ विकसित मध्य प्रदेश की संकल्पना को पूरित करेगा।