hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet girişpusulabetpusulabet giriş

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी फतवा से हजारों छात्र-छात्राएं हुए शाला त्यागी

13 साल से कम आयु के छात्रों को नहीं मिलेगा 9वीं कक्षा में प्रवेश..

भोपाल 24 जुलाई 2025। जहां एक ओर स्कूल शिक्षा विभाग ‘स्कूल चले हम’ प्रोग्राम के जरिए अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल पहुंचाने का अभियान चलता है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षण सत्र 2025 -26 के संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 11 जून 2025 को जारी फतवानुमा प्रवेश नियम के पालन ने पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी है। जिसके अंतर्गत 13 वर्ष से कम आयु के छात्रों को नौवीं कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जा सकता। जिसके चलते प्रदेश भर के हजारों बच्चों का शैक्षणिक वर्तमान अधर में लटक गया है।

नवीन शिक्षण सत्र में कक्षा आठवीं उत्तीर्ण करने वाले छात्रों हेतु मंडल की प्रवेश नीति में 1 अप्रैल 2025 को 13 वर्ष की आयु सीमा पूर्ण करने की बाध्यता के चलते संस्था प्राचार्यों द्वारा उनको कक्षा 9वी में प्रवेश देने से इंकार करने अथवा नामांकन नहीं होने देने से छात्र-छात्राओं की शाला त्यागी बनने की स्थिति बन रही है और वे रोड पर भटकने पर मजबूर हो रहे हैं। पहली कक्षा में आयु सीमा का पालन कराने में नाकाम शासन-प्रशासन द्वारा अचानक नौवीं कक्षा में प्रवेश के दौरान आयु सीमा का बैरीक्रेट लगाकर पढ़ाई से दूर रखने की नापाक कोशिश से न केवल बच्चों के मन को आहत किया जा रहा बल्कि संविधान में प्रदत्त शिक्षा के अधिकार को उनसे छीना जा रहा है।

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों के प्रति सजग संगठन शिक्षक व्याख्याता एवं प्राचार्य संवर्ग मप्र के संयोजक शिववीर भदोरिया ने इस संबंध पर व्यापक दृष्टिकोण के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा एवं आयुक्त के नाम आज ज्ञापन दिया है। जिसके अंतर्गत उन्होंने उल्लेखित किया है कि नवीन सत्र की 15 जून से कक्षा आठवीं को उत्तीर्ण कर नौवीं कक्षा में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं किंतु आयु सीमा की शर्त के अचानक पालन पर जोर देने की वजह से आठवीं के मेरिट लिस्टेड छात्रों को भी 9वी में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है जबकि अगस्त माह में तिमाही परीक्षा का कार्यक्रम पहले से ही घोषित है।

बता दें कि इस विसंगति पूर्ण नियम को पिछले वर्षों में भी पालन कराने कोशिश कराई गई मगर संघर्षील संगठन, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविन्द्र मोरे एवं मीडिया के दखल के चलते इस फतवानुमा नियम में शिथिलता जरूर बरती गई मगर उसे संशोधित करते हुए न्याय संगत नहीं बनाया गया। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मोरे ने कहा कि कल भोपाल पहुंचकर मैं इस पर आगे की कार्यवाही करूंगा और किसी भी तरह से बच्चों के अधिकारों से उन्हें वंचित नहीं रहने दूंगा।