आज़ादी सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं, ये जिम्मेदारी का संकल्प है”: बृजराज एस तोमर

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों से आज़ादी के वास्तविक मायने याद रखने की अपील..

ग्वालियर/नई दिल्ली 14 अगस्त 2025। कल देश 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है लेकिन आज, इस पूर्व संध्यासंपादक की कलम से पर यह सवाल हमारे सामने खड़ा है कि क्या हम आज़ादी के मायने सच में समझते हैं?
1947 में मिली यह स्वतंत्रता केवल अंग्रेज़ी हुकूमत से मुक्ति नहीं थी बल्कि यह एक अवसर था- अपने विचारों, अपनी संस्कृति और अपने देश के भविष्य को स्वयं गढ़ने का।

“आज़ादी सिर्फ़ 15 अगस्त की तारीख़ नहीं..ये हमारी रोज़ की जिम्मेदारी है”। आज के दौर में आज़ादी का मतलब सिर्फ़ भाषण देना या झंडा फहराना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार से मुक्ति, समाज में समान अवसर, स्वच्छ पर्यावरण, सुरक्षित सीमाएँ और नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी है। “अंग्रेज़ चले गए लेकिन अगर हमारे समाज में भेदभाव, अन्याय और भ्रष्ट्राचार बाकी है तो आज़ादी अधूरी है”। आज़ादी का मतलब सिर्फ़ अंग्रेज़ों से मुक्ति नहीं, बल्कि हर डर से मुक्ति है… भ्रष्टाचार से, अन्याय से, भेदभाव से, प्रदूषण से और बेपरवाह सोच से मुक्ति।
सच्ची आज़ादी वह है जहाँ हर व्यक्ति निडर होकर अपने अधिकारों का प्रयोग कर सके और अपने कर्तव्यों का सम्मान करे। कल तिरंगा लहराएगा, लेकिन आज सवाल यह है क्या हमने सच में अपने देश को उतना आज़ाद बनाया है, जितना हमारे वीरों ने सपना देखा था? याद रखिए, तिरंगे की असली शान तब है, जब हर नागरिक अपना कर्तव्य निभाए।

इस स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संकल्प लें..

देश को ईमानदार बनाएंगे, पर्यावरण को स्वच्छ रखेंगे, एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करेंगे, देश की एकता को टूटने नहीं देंगे। कल तिरंगा लहराते समय हम सबको यह संकल्प लेना होगा -आज़ादी की रक्षा सिर्फ़ सैनिकों का नहीं, हर नागरिक का कर्तव्य है। कल का जश्न तभी मायने रखेगा, जब आज हम अपने फ़र्ज़ निभाएंगे।

संपादक की कलम से… जय हिंद🚩