इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन..
भोपाल/जबलपुर 27 अगस्त 2025। पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्यालय एवं मध्यप्रदेश की संस्कारधानी के नाम से विख्यात जबलपुर को देश की राजधानी से जोड़ने वाली 12189 महाकौशल एक्सप्रेस घोर लापरवाही एवं अव्यवस्थाओं का शिकार है। जिसमें अवैध परिवहन के चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस ट्रेन में कृषि उपज की अवैध ढुलाई (परिवहन) बेरोक- टोक जारी है। जबलपुर से S-6 में यात्रा कर रहे यात्री (पीएनआर – 8637294687) ने युगक्रांति समाचार को बताया कि यात्रा के दौरान स्लीपर कोच की तकरीबन सभी बोगियों के जॉइंट पर सब्ज़ी से भरे बोरे अटे हुए थे और एक तरफ़ का दरवाजा पोटलियों से बंद किया हुआ था। जिसके चलते पुरूष एवं महिला यात्रियों को टॉयलेट तक जाने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही कई बरियों में मिर्ची भरी होने की वजह यात्रियों को सांस तक लेने में कठिनाई महसूस हो रही थी। खबर में S1 से S6 के फोटोग्राफ्स लगे हैं।
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्यालय से प्रारंभ होने वाली यह ट्रेन अपने आरंभिक स्टेशन से जीआरपी/आरपीएफ की निगरानी में प्रारंभ होती है। जहाँ सुरक्षाबल की यह ज़िम्मेदारी होती है कि गाड़ी अपने आरंभिक स्टेशन से चाक-चौबंद सुरक्षा की जॉंच के पश्चात सुरक्षित यात्रा के लिए गंतव्य की ओर प्रस्थान करे। जहां एक ओर भारतीय रेल ने यात्रियों द्वारा ले जाने वाले सामान के भार एवं उस पर लगने वाली दरों का पुनर्निर्धारण कुछ ही दिनों पूर्व किया है तो वहीं दूसरी ओर जबलपुर मंडल प्रबंधन ने यात्री गाड़ी को मालगाड़ी बनाने की खुली छूट दे रखी है। सवाल यह भी है कि कृषि उपज से भरे बोरे पूरे स्टेशन काम्प्लेक्स को पार करके यात्री गाड़ी में लोड करते समय स्टेशन प्रबंधक एवं रेलवे सुरक्षा कर्मी कहां होते हैं, या इन्हीं की मिलीभगत से यह सब खुलेआम चल रहा है?
रेलवे सुरक्षा के दावों को लेकर बड़ी बड़ी बातें करने वाले रेलवे उच्च प्रबंधन एवं रेल मंत्रालय को भी इस घटना पर गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए। क्योंकि सब्ज़ियों के बोरे और पोटलियों की आड़ में कहीं कोई अमानक वस्तु अथवा कोई विस्फोटक पदार्थ तो लोड नहीं किया जा रहा जो कभी यात्रियों के जीवन में बड़ा खतरा पैदा कर दें और आखिरकार यही चूक अथवा लापरवाही एक भयंकर भूल में न बदल जाए !