ग्वालियर 11 सितबर 2025। भारत की आत्मनिर्भरता, स्वदेशी विचारधारा और स्वावलम्बन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से “उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन एवं स्वदेशी सुरक्षा व स्वावलम्बन अभियान” का आयोजन दिनांक 11 सितम्बर 2025 को अपराह्न 2:00 बजे शासकीय अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय तानसेन नगर ग्वालियर में किया जा रहा है।
सम्मेलन की खासियत..
उद्यमिता प्रोत्साहन : युवाओं को स्वरोजगार एवं स्टार्टअप्स हेतु मार्गदर्शन
स्वदेशी सुरक्षा : स्वदेशी उत्पादों और तकनीक को बढ़ावा
स्वावलम्बन अभियान : “लोकल से वोकल” के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का जुलूस : सम्मेलन के उपरांत विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार हेतु जन-जागरूकता जुलूस का आयोजन
विशेष व्याख्यान : शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों के प्रेरक संबोधन
सहयोग : सरकारी योजनाओं और सामाजिक संगठनों की सहभागिता
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आदर्श पंडित जी,ने की प्रान्त सह कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ श्री विजय जी दीक्षित, ने उद्यमिता प्रोत्साहन एवं पंच परिवर्तन विषय पर उद्बोधन दिया तथा एवं स्वदेशी सुरक्षा तथा स्वालंबन अभियान का संकल्प दिलाया प्रांत शाह महिला कार्य प्रमुख स्वदेशी जागरण मंच डॉ. नीति पांडे जी नए स्वदेशी की भूमिका के साथ स्वदेशी अपनाने तथा स्वदेशी का भाव जन जागरण किया तथा स्वदेशी विदेशी वस्तुओं के पत्रक बांटे गए, प्रान्त सह संयोजक स्वदेशी जागरण मंच श्री राकेश शर्मा जी,विभिन्न क्षेत्रों से गणमान्य अतिथि, शिक्षाविद्, कॉलेज का समस्त स्टाफ डॉक्टर राजेश कंचन श्रीमती अर्चना रघुवंशी डॉक्टर अशोक तिवारी जी डॉक्टर भारती पुजारी आदि उपस्थित रहे उद्यमी, विद्यार्थी और समाजसेवी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
आयोजन समिति ने समाज के सभी वर्गों से इस अभियान में सक्रिय सहभागिता की अपील की है ताकि स्वदेशी उद्योग को प्रोत्साहन और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प सशक्त हो सके। इस कार्यक्रम में स्वदेशी के स्वदेशी जागरण मंच के समस्त कार्यकर्ता डॉ. सर्वेश जी दीक्षित, श्री लोकेंद्र जी राजपूत,श्री सतेंद्र जी सिकरवार श्री लव कुश की श्री धर्मेंद्र जी श्री मनीष मिश्रा जी श्री मुकेश शर्मा जी,श्री अभय प्रताप सिंह जी जादौन जी एवं M.Ed तथा B.Ed के समस्त छात्र अध्यापक मुख्य रूप से उपस्थित रहे तथा आभार प्रदर्शन कॉलेज के सहायक अध्यापक डॉ श्याम बिहारी जी ओझा ने किया।