कमिश्नर को गुमराह करके लगा रहे हैं झूठी रिपोर्ट..
वार्ड 18 व 19 की सीवर समस्या के लिए जिम्मेदार है कार्यपाली यंत्री गुप्ता और उसकी चहेती फर्म..
ग्वालियर 12 सितंबर 2025। यद्यपि प्रदेश के मुख्यमंत्री समाधान ऑनलाइन एवं सीएम हेल्पलाइन के प्रचार प्रसार से जनता एवं हाई कमान की नजरों में वाहवाही बटोर रहे हो मगर जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। मुख्यमंत्री का आधिकारिक एवं जमीनी अमला इसे महज एक नौटंकी मानते हुए मात्र किरदारी निभा रहा है। संभाग एवं जिला लेवल पर अधिकारियों एवं कर्मचारीयों को दंडित अथवा सम्मानित होना इसी का हिस्सा है, जबकि सच्चाई यह है कि सीएम हेल्पलाइन की अधिकांश शिकायतें बिना समाधान के झूठी रिपोर्ट के आधार पर विलोपित की जाती है। जिसे नगर निगम ग्वालियर के वार्ड 18 अंतर्गत शताब्दीपुरम के इस मामले से समझते हैं।
शिकायतकर्ता द्वारा 2 महीने पूर्व 13 जुलाई 2025 को सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई जिसका विवरण इस प्रकार है।” वार्ड क्रमांक 18, ग्लोरीविला शताब्दीपुरम फेज 1, के पास सर्विस रोड सीवेज पाइप लाइन महीनों से जाम है और उसका गंदा पानी रोड पर बह रहा है जिससे काफी परेशानी हो रही है। सीएम हेल्पलाइन पर पहली शिकायत 13/07/25 को दर्ज कराई गई थी, जिसे Level-1 अधिकारी (सहायक यंत्री) ने बिना किसी कार्यवाही के असत्य रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया। 23 जुलाई को मेरी असहमति के कारण यह शिकायत Level-2 अधिकारी (कार्यपालन यंत्री) के पास भेजी गई किंतु Level-2 अधिकारी ने भी सत्य रिपोर्ट लगाकर इसे बंद कर दिया। मेरी असंतुष्टि के कारण दिनांक 1 अगस्त 25 को यह शिकायत पुनः L-3 अधिकारी (आयुक्त) को प्रेषित की गई किंतु इस शिकायत को भी दिनांक 11/08/25 को बिना किसी कार्यवाही के असत्य रिपोर्ट लगाकर को बंद कर दिया गया। जैसा कि क्लोजर रिपोर्ट आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा अधिक व्यास की सीवेज पाइप लाइन बिछाने की मांग की जा रही है, यह पूर्णतया असत्य एवं मनगढ़ंत है। डिसिल्टिंग मशीन द्वारा सीवेज पाइप लाइन सफाई किए जाने की बात भी असत्य है। सत्यता का परीक्षण उस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरा द्वारा किया जा सकता है”।
पहली शिकायत लेवल 1-2 के अधिकारियों द्वारा लेवल 3 के अधिकारी आयुक्त संघप्रिय को गुमराह करके बिना समाधान विलोपित किए जाने पर शिकायतकर्ता ने पुनः 12.8.2025 को शिकायत दर्ज कराई। और उसी वक्त यह मामला युगक्रांति संपादक बृजराज सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल निगम आयुक्त संघप्रिय को पूरा विषय अवगत कराया। जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए उन्होंने सहायक यंत्री एपीएस भदोरिया को फटकार लगाई। भदोरिया मौका स्थल पर अमला के साथ पहुंचे मगर समस्या हल नहीं हुई। सहायक यंत्री भदोरिया ने ठेकेदार के सामने अपनी असमर्थता व्यक्त की तो संपादक सिंह ने फिर से आयुक्त को याद दिलाया साथ ही कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता से भी बात की। कार्यपालन यंत्री गुप्ता ठेकेदार के साथ मौके पर पहुंचे मगर कार्य एवं करवाई नहीं हुई लिहाजा आज दिनांक तक समस्या जस की तस है।
ठेकेदार नईम खान के सामने क्यों बोने हैं अधिकारी..
वार्ड 18 एवं 19 सहित अन्य कई वार्डों में सीवर सफाई/ संधारण का काम तूबा कंस्ट्रक्शन एंड इलेक्ट्रिकल के जिम्मे है इसका प्रोपराइटर नईम खान है जोकि कार्यपालन यंत्री का अत्यंत चहेता बताया जाता है। सूत्रों की माने तो लेवल 2 के अधिकारी गुप्ता इस फर्म में या तो साइलेंट पार्टनर है अथवा बड़े लेवल के हितग्राही है। इसी के चलते यह फर्म आयुक्त सहित निगम के किसी भी अधिकारी को नहीं सेंटती है। यहां तक कि इन वार्डो एवं ठेकेदार की शिकायत महापौर एवं विधायक ने अल्टीमेटम के साथ कमिश्नर की है।
जून 2025 में तूबा कंस्ट्रक्शन एंड इलेक्ट्रिकल पर सीवर संधारण कार्य में लापरवाही बरतने पर नगर निगम द्वारा 6.89 लाख अर्थ दंड लगाया था। उपायुक्त ने बताया कि वार्ड 18 व 19 में सीवर संबंधी शिकायतें लेवल 3 पर पहुंचने पर एजेंसी पर 1.70 लाख और सीएम हेल्पलाइन की 36 शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं होने पर 5.19 लाख का जुर्माना किया गया। प्रारंभिक लेवल पर जमीनी कार्रवाई की नोटशीट नोडल अधिकारी से अनुसंसित होकर कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता के पास तक पहुंच गई। जब मियां भए कोतवाल तो अब डर काहे का.. जी हां, वही स्थिति यहां पर है अपनी परम हितेषी फर्म पर भला गुप्ता जी कैसे कार्रवाई करें वह तो यहां तक कह रहे हैं कि इस तरह की फाइल मेरे पास अभी तक नहीं आई है दो-चार दिन में आ गई हो तो अलग बात है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सीएम हेल्पलाइन जैसे संजीदा मामले में पूरी तरह से नाफरमानी करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाईकी जाती है अथवा इसे अनदेखा करने पर मॉनिटरिंग अधिकारी कमिश्नर और कलेक्टर पर गाज गिरती है।