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प्रधानमंत्री ने ब्रह्मपुर (ओडिशा) और उधना (गुजरात) के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत में बुलेट ट्रेन स्टेशन के निर्माण कार्य की समीक्षा की

भोपाल। भारत के हीरा और कपड़ा केंद्र के रूप में विख्यात सूरत में यात्री और माल ढुलाई में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। गुजरात की भविष्य की माँगों को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे व्यापक कदम उठा रहा है। इनमें सूरत और उधना में रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास और नई यात्री और मालगाड़ियाँ शुरू करना शामिल है।

ओडिशा और गुजरात के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्मपुर (ओडिशा) और उधना (गुजरात) के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एक नई पीढ़ी की ट्रेन है जिसे किफायती, सुरक्षित और लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है।

अमृत भारत एक्सप्रेस की विशेषताएँ

*उन्नत डिज़ाइन के साथ आधुनिक एर्गोनॉमिक सीटिंग
*निर्बाध आवागमन के लिए पूरी तरह से जुड़े हुए कोच
*उच्च सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने वाला दोहरा इंजन विन्यास

जिस तरह वंदे भारत ने मध्यम वर्ग के लिए यात्रा को नई परिभाषा दी है, उसी तरह अमृत भारत एक्सप्रेस भी किफायती किराए पर ऐसी ही सुविधाएँ प्रदान करेगी। आज शुरू की गई रेल सेवा का किराया 495 रुपये (सामान्य श्रेणी) और 795 रुपये (गैर-वातानुकूलित शयनयान श्रेणी) प्रति यात्रा होगा।
यह ट्रेन 5 राज्यों (गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा) के 22 जिलों में 1700 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।
इस नई कनेक्टिविटी के माध्यम से, युवाओं सहित उद्यमियों और व्यवसायियों को कपड़ा, हीरा और संबंधित क्षेत्रों में अधिक अवसर मिलेंगे। यह ट्रेन माँ तारा तारिणी शक्तिपीठ जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी लाभान्वित करेगी।

गुजरात में स्टेशन पुनर्विकास कार्य

अमृत भारत ट्रेन का उद्घाटनगुजरात के स्टेशनों का विकास अगले 50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए मास्टर डेवलपमेंट प्लान के तहत किया जा रहा है। भारतीय रेलवे उधना, सूरत, बिलिमोरा, सचिन आदि रेलवे स्टेशनों का व्यापक पुनर्विकास कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने आज उधना स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि स्टेशन को आधुनिक तर्ज पर डिज़ाइन किया जा रहा है। प्लेटफ़ॉर्म और पिट लाइनों की क्षमता बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए सूरत हाई स्पीड रेल स्टेशन का भी दौरा किया। सूरत-बिलिमोरा के बीच काम तेज़ी से चल रहा है। स्टेशन का सिविल कार्य पूरा हो चुका है और फ़िनिशिंग व उपयोगिता कार्य अभी चल रहे हैं। आज के निरीक्षण के दौरान, मंत्री महोदय ने हमें बताया कि इस परियोजना में आधुनिक और नवीन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
पटरियों पर काम उल्लेखनीय गति से चल रहा है। उन्होंने बताया कि सूरत स्टेशन पर पहला टर्नआउट सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। टर्नआउट रेलवे पटरियों का महत्वपूर्ण जंक्शन होता है। यह सुविधा उच्च गति वाली ट्रेनों के लचीलेपन और सुचारू संचालन को सक्षम बनाएगी।
पटरियों में रोलर बेयरिंग भी लगे हैं, जिससे बुलेट ट्रेन के तेज़ गति से चलने पर उनकी गति अधिक सुचारू और सुरक्षित हो जाती है। इसके अतिरिक्त, पटरियों पर स्लीपर कंक्रीट के बजाय मिश्रित सामग्री से बनाए गए हैं। इससे उच्च स्थायित्व, कम रखरखाव और उच्च गति पर बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होगा।

यात्रियों की सुविधा को और बेहतर बनाने और वातावरण में शोर को कम करने के लिए, डैम्पर्स के रूप में एक कंपन अवशोषण तंत्र शुरू किया गया है। ये डैम्पर्स शोर और झटके को अवशोषित करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस परियोजना से हम सूरत से मुंबई एक घंटे में पहुँच सकेंगे।


स्टेशनों के पुनर्विकास और ट्रैक बिछाने का काम लगातार जारी है। हाई-स्पीड रेल परियोजना अंततः कनेक्टिविटी में बदलाव लाएगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। अहमदाबाद और मुंबई का पूरा खंड एक आर्थिक गलियारा बन जाएगा। यह परियोजना रेलवे प्रौद्योगिकी और यात्री अनुभव में नए मानक भी स्थापित करेगी।