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परिवहन विभाग की सरगर्मी से मध्यप्रदेश का पारा चढ़ा

निर्देशों के माइनो के विपरीत चल रहा है विशेष अभियान

भोपाल 29 सितंबर 2025। मध्यप्रदेश परिवहन आयुक्त द्वारा 5 महीने पूर्व जारी दिशा निर्देश द्वारा जहां एक ओर अवैध वसूली पर अंकुश लगाने एवं पारदर्शी सिस्टम लागू करने की कोशिश की गई तो वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा मार्गदर्शित 15 दिवसीय चेकिंग अभियान ने मानो पूरे प्रदेश में भूचाल सा ला दिया है, जिसमें तमाम चेकप्वाइंट प्रभारी नियमों की परवाह न करते हुए भूखे भेड़िए की तरह अवैध वसूली पर टूट पड़े हैं।

बता दें कि अभी हाल में दिनांक 22 सितंबर 2025 परिवहन विभाग ने पूरे प्रदेश में वाहनों की चेकिंग के लिए 15 दिनों का विशेष एवं सतत अभियान चलाने की घोषणा की। जिसमें अभियान के दौरान विभिन्न प्रकार के वाहनों के दस्तावेजों जैसे बीमा, फिटनेस, पीयूसी एवं परमिट इत्यादि की जाचं की जायेगी साथ ही ओव्हर स्पीडिंग, ओव्हर लोडिंग, स्कूली वाहनों में सुरक्षा उपकरण साथ ही ऐसे वाहन जिन पर कर बकाया है उनकी जांच की जायेगी। विशेष फोकस यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुये यात्री वाहनों की ओर रहेगा। ऐसी सभी बसें जिनके ऊपर कर बकाया है, उनके संचालन को रोकने हेतु जब्ती की कार्यवाही की जायेगी।
तो वहीं अप्रैल 2025 को आयुक्त द्वारा अवैध बासूडी को रोकने एवं नए मॉडल के अनुरूप चेक प्वाइंटों पर पारदर्शी सिस्टम बनाने के क्रम में सशक्त गाइडलाइन जारी की गई थी जिसके मुख्य बिंदु इस प्रकार है कि चेकिंग के दौरान कम से कम दो बॉडी वॉर्न कैमरे चालू हालत में होने चाहिए-एक लाइव मोड में और दूसरा स्टैंड बाय मोड में, चेकिंग करने वाले सभी स्टाफ वर्दी में होने चाहिए और उनकी वर्दी पर नेम प्लेट लगी होनी चाहिए, चालान की कार्यवाही केवल पॉइंट ऑफ सेल (POS) मशीन के माध्यम से ही की जानी चाहिए, किसी भी वाहन को बिना किसी विशेष कारण के 15 मिनट से अधिक समय तक नहीं रोका जाना चाहिए, चेकिंग के दौरान कोई भी निजी या गैर-यूनिट ड्राइवर शामिल नहीं हो सकता है, रात के समय चेकिंग के लिए ऐसी जगह का चुनाव किया जाना चाहिए जहां अच्छी रोशनी हो ताकि कोई दुर्घटना न हो, सभी रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखा जाना चाहिए एवं चेकिंग टीम के प्रभारी को कैमरों की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी संभालनी होगी।

मध्य प्रदेश परिवहनभले ही कुछ अराजक तत्वों एवं फेक वीडियो ने प्रदेश में अराजक माहौल पैदा कर दिया हो मगर सच्चाई यह भी है कि 5 महीने पहले अवैध वसूली पर लगाए गए बैरीकेड्स को इस 15 दिवसीय चैकिंग अभियान ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। जुलाई 2024 को बंद की गई सभी चेक पोस्टों को इस 15 दिवसीय नए फरमान ने पूरी तरह से ओपन कर दिया है। अधिकांश आरटीओ एवं चेकपॉइंट प्रभारी आयुक्त के विशेष चेकिंग अभियान के निर्देश का अपने फायदे के लिए माइने बदलकर इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे प्रदेश में खलबली मच गई है। जिसमें एक्सीडेंट,चक्का जाम एवं बदशलूकियों की कई घटनाओं को साफ तौर पर देखने में आ रही है।

इस सप्ताह शुर्खियों में रहे जिले एवं चेकप्वाइंटस..

यह विशेष जांच अभियान क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं चेक पोइंट/फ्लाइंग प्रभारी के संयुक्त तत्वाधान में चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत गत 7-8 दिनों में इन वेरियलों जमकर सुर्खियां बटोरी।
चिरूला, दतिया: अभियान के पहले दिन ही भीषण दुर्घटना हुई, एक्सीडेंट की जिम्मेदार चेकिंग प्रभारी केके गोस्वामी एवं अन्य वसूलीकर्ता घटना स्थल से भाग गए। घंटों ड्राइवर एवं राहगीरों द्वारा ग्वालियर झांसी हाईवे पर चक्का जाम रहा और आरटीओ स्वाति पाठक अलग-अलग तरीके से समझाइए देती हुए मामले को शांत करती रही।
हनुमना-रीवा: सौरभ शर्मा जैसे किसी बड़ी शख्सियत के संरक्षण में डमी प्रभारी सुमन दीक्षित हमेशा चर्चा में रही है। यहां आयुक्त के तमाम निर्देशों को ताक पर रख कर गुंडागर्दी के साथ जबरिया अवैध वसूली की जाती है। यहां पर 200, 300, 500 एवं ₹1000 क्रमशः खाली गाड़ी, 6 चक्का, 10 चक्का एवं ट्रेलर से धमकी देकर वसूले जाते हैं। जहां तक कि इस चेक पॉइंट पर ₹500 का कूपन भी दिया जाता है। लगातार वीडियो वायरल होने के बावजूद गुंडारूपी तथाकथित वसूलीकर्ता और प्रभारी पर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया।
खवासा-सिवनी: यहां भी काफी हद तक हनुमना बेरियल की अवैध वसूली का अंधानुसरण किया जाता है। कटरों द्वारा की जा रही वसूली से चक्का जाम अथवा अन्य तरह के विवाद की स्थिति में प्रभारी रितु रघुवंशी ड्राइवर को समझाइश देने पहुंच जाती है।
सागर-माल्थोन: विशेष चेकिंग अभियान जारी दिनांक को चेकिंग के दौरान एक ट्रक में पीछे से दूसरे ट्रक मे टक्कर मारी जिससे ड्राइवर के पैर फैक्चर हो गए, चेकिंग दल मौका ए वारदात से रफू चक्कर हो गया और सागर बाईपास पर घंटों जाम की स्थिति रही, हालांकि यह दुर्घटना ड्राइवर के नशे में

धुत्त होने की वजह से हुई।
जबलपुर बॉर्डर के चेक पॉइंट पर अन्य दरों के साथ ₹1200 प्रतिमाह की दर बहुप्रचलित है। गुजराती मॉडल के रूप में विकसित इस चेक पॉइंट पर कटरों के लिए अतिरिक्त वर्दी अलमारी अथवा बैग में रखने का प्रावधान है। इनके अलावा खिलचीपुर, सेंधवा, मोतीनाला, चाकघाट सहित अन्य कई चेक पॉइंट आंशिक सुर्खियों में रहे। युगक्रांति टीम परिवहन के जमीनी अमला की वास्तविक समस्याओं एवं स्थानीय हकीकत से भी जल्द अवगत कराएगी।

हालांकि आयुक्त शर्मा द्वारा अनियमितताओं की शिकायत पर लगातार कार्रवाइयों का दौर जारी है मगर फिर भी इनके द्वारा पारदर्शी व्यवस्था बनाने के क्रम में जारी गाइडलाइन को जमीनी अमला बिल्कुल भी फॉलो नहीं करता, जिसे फुटेज, वीडियो एवं मौके पर साफतौर पर देखा जा सकता है। सूत्रों की माने तो चेक पोस्टों के बंद होने के उपरांत लागू नई व्यवस्था से सरकार के राजस्व में भारी गिरावट आई है जिस पर चिंता जताई जा रही है। 15 दिवस के इस जांच अभियान को इसी क्रम में किसी नए परिवर्तन की तैयारी का प्रयोग बताया जा रहा है।