नियमों के पालन में दंड का पुरस्कार, क्या यही है संघ का शिष्टाचार..
भोपाल। दो अक्टूबर का अवसर गांधी जयंती पूरे देश में ड्राई डे के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सभी तरह की शराब की दुकानें, बियर बार एवं आहते पूर्णतया बंद रखने के सख्त आदेश रहते हैं और इस नियम को पालन कराने का जिम्मा पुलिस एवं आबकारी विभाग को होता है।
इस आदेश की परिपालन में इसी 2 अक्टूबर को रसूखदार व्यक्ति के सरेआम बार संचालन पर जब आबकारी उप निरीक्षक ने कार्रवाई की तो उसे अपने सर्कल का प्रभार गवाना पड़ गया और इसे जिला कार्यालय में अटैच कर दिया गया। सूत्रों की माने तो इस बीयर बार के मलिक की आरएसएस से अच्छी कनेक्टिविटी होना बताया जा रहा है। लिहाजा संघ के जिला स्तर के पदाधिकारी के दबाव के चलते नियम विरुद्ध संचालित बीयर बार पर कार्रवाई करने वाले आबकारी उप निरीक्षक पर ही उल्टी कार्रवाई हो गई।
कैसी विडम्बना पूर्ण स्थित है कि जहां एक ओर भाजपा और संघ शराबबंदी की बात करतें है तो वहीं दूसरी ओर इनके पदाधिकारी नियमों का परिपालन करने वाले शासकीय अधिकारियों को दंडित करवाते हैं। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा की करनी और कथनी में भिन्नता के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चंद स्वार्थी स्वयंसेवक/ अधिकारी भी संघ की मर्यादा एवं नैतिकता को तार- तार करने पर आमादा हो गए हैं।