त्योहारी सीजन में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए रात और सुबह तड़के किया जा रहा ट्रांसमिशन लाइनों का मेंटेनेंस
महिला अधिकारियो ने संभाला है मोर्चा
भोपाल 14 अक्टूबर 2025। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि इंदौर महानगर के विद्युत उपभोक्ताओं को जरूरत के समय विद्युत का व्यवधान न हो, इस उद्देश्य के साथ मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) इंदौर ने एक अभिनव पहल की है। त्योहारी सीजन में ट्रांसमिशन लाइन के मेंटेनेंस दिन के बजाय देर रात या सुबह तड़के किए जा रहे हैं, ताकि उपभोक्ताओं को बिजली व्यवधान का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा है कि इसी तरह के प्रयोग अन्य शहरों में भी किए जाएंगे।
सामान्यतः ट्रांसमिशन लाइन में मेंटेनेंस का कार्य दिन के उजाले में ही किया जाता है, लेकिन इंदौर ट्रांसमिशन मेंटेनेंस टीम ने इस परंपरा को बदल दिया है। अब जब शहर सो रहा होता है, तब एमपी ट्रांसको की टीमें फील्ड में सक्रिय होकर ट्रांसमिशन लाइनों की देखरेख कर रही होती हैं।
फ्रंट लाइन मे महिला अधिकारी
एमपी ट्रांसको इंदौर की यह पहल इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसका नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती नीलम खन्ना के मार्गदर्शन मे कार्यपालन अभियंता श्रीमती नम्रता जैन कर रहीं है। अपनी घरेलू जिम्मेदारी के साथ ही कार्यपालन अभियंता श्रीमती नम्रता जैन चाहे रात्रि कालीन हो या सुबह तडके, पूरे शटडाउन समय मे फील्ड पर मौजूद रहकर मेंटेनेंस कार्य की स्वयं निगरानी करती हैं।
त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास
अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती नीलम खन्ना ने बताया कि “इंदौर की बिजली व्यवस्था कुछ इस तरह है कि यदि ट्रांसमिशन लाइन पर मेंटेनेंस के दौरान शटडाउन लिया जाए, तो उपभोक्ताओं को असुविधा हो सकती है। इस समय त्योहारी सीजन होने के कारण घरेलू और व्यावसायिक दोनों वर्गों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।” इसी कारण ट्रांसमिशन लाइन का मेंटेनेंस रात भर या तड़के सुबह किया जा रहा है।
रेलवे के मेगा ब्लॉक के दौरान भी किया गया सफल कार्य
विगत दिवस रेलवे द्वारा दिए गए समय सीमा वाले मेगा ब्लॉक के दौरान श्रीमती नम्रता जैन की सूझबूझ और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के कारण एमपी ट्रांसको की टीम ने रात भर काम कर रेलवे क्रॉसिंग पर कंडक्टर बदली के बेहद चुनौतीपूर्ण काम को न्यूनतम संभव समय मे पूरा करने का उल्लेखनीय कार्य किया। इसी तरह 132 के व्ही नॉर्थ जोन- चंबल सर्किट एक ट्रांसमिशन लाइन पर सुबह 4:00 बजे से शटडाउन लेकर काम किया गया, तो इसी फीडर के सर्किट नंबर दो पर रात भर ब्रेकडाउन अटेंड किया गया।
अंधेरे और ठंड के बावजूद अधिकारी-कर्मचारी पूरी निष्ठा से कार्य में जुटे रहे। एमपी ट्रांसको की यह अनूठी पहल तकनीकी नवाचार के साथ-साथ कार्यसंस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। इंदौर ट्रांसको का ध्येय है–जब सेवा का संकल्प हो, तो समय और परिस्थिति मायने नहीं रखते।