चालान से नहीं जवाबदेही से चलेगा प्रदेश !
भोपाल 6 नवंबर 2025। मध्यप्रदेश में अव्यवस्थित ट्रैफ़िक, टूटी सड़कों और बढ़ते सड़क हादसों की गंभीर स्थिति के बावजूद भाजपा सरकार ने जनता की समस्याओं से ध्यान हटाकर चालान वसूली पर जोर देना शुरू कर दिया है। आज से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है। 4 साल से बड़े बच्चे तक को हेलमेट न पहनने पर ₹300 का चालान किया जाएगा। यह कानून पहले से मोटर व्हीकल एक्ट में मौजूद था, पर खराब सड़कों को सुधारने की कोई सख्ती आज तक नहीं दिखी।
सरकार की प्राथमिकताएँ चिंताजनक :
• भोपाल स्मार्ट सिटी पर ₹7,000 करोड़ से अधिक खर्च, सड़कें फिर भी गड्ढों की गिरफ्त में
• प्रदेश में 300+ ब्लैक स्पॉट किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं
• ट्रैफ़िक मैनेजमेंट पूरी तरह फेल
• बारिश में सड़कें तालाब और खाई बन जाती हैं
• हादसों में हर साल हजारों लोगों की जान जाती है
चालानी अभियान में जनता की पीड़ा अनसुनी
आज भोपाल में 20 पॉइंट्स पर भारी चालानी कार्रवाई के दौरान कई पीड़ादायक स्थितियाँ सामने आईं ICU में भर्ती बच्ची के पिता तक से ₹300 वसूले जा रहे हैं।
यह स्पष्ट है सरकार को जनता की सुरक्षा नहीं, जुर्माना वसूली में ज़्यादा दिलचस्पी है।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रवीण धौलपुरे ने भाजपा सरकार से 4 सीधे सवाल पूछे हैं कि
चालान से क्या सड़कें खुद ठीक हो जाएंगी❓
गड्ढे कौन भरेगा❓
ट्रैफ़िक मैनेजमेंट सुधारने की क्या योजना है❓
सड़क हादसों में होने वाली मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा❓
जनता हेलमेट के खिलाफ नहीं जनता उन बदहाल व्यवस्थाओं के खिलाफ है जो उसकी जान रोज़ खतरे में डाल रही हैं।
23 साल से रामराज्य का दावा करने वाली सरकार-अब सड़क में गड्ढों से लंका का राज दिखा रही है!
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता प्रवीण धौलपुरे ने मांग की है कि प्रदेश की सड़कों और ट्रैफ़िक सिस्टम के व्यापक सुधार की तत्काल कार्ययोजना जारी की जाए। ब्लैक स्पॉट्स पर त्वरित कार्रवाई हो। चालानी अभियान में मानवीय संवेदनशीलता अनिवार्य हो। जनता का सब्र अब टूट रहा है। सड़क से सुरक्षा तक हर स्तर पर सरकार को जवाब देना ही होगा।
