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भगवान विरसा मुंडा का जीवन हमें मातृभूमि के प्रति समर्पण और समाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता सिखाता है – प्रभारी मंत्री पटेल

आज का दिन समाज की सामूहिक उन्नति, सम्मान और सांस्कृतिक चेतना को सशक्त करने का प्रतीक है – श्रीमती कामना सिंह

भिण्ड 15 नवम्बर 2025। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर “जनजातीय गौरव दिवस” का जिला स्तरीय कार्यक्रम महर्षि अरविन्द महाविद्यालय गोहद में आयोजित किया गया। इस दौरान विधायक गोहद श्री केशव देसाई, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह नरवरिया, कलेक्टर श्री किरोड़ी लाल मीना, पुलिस अधीक्षक डॉ असित यादव, सीईओ जिला पंचायत भिण्ड श्री सुनील दुबे सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने उपस्थित जनों को संबोधित कर कहा कि भगवान विरसा मुंडा एक महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपनी निस्वार्थ लगन और साहस से भारत के आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। 15 नवंबर का दिन भगवान विरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो अब जनजातीय गौरव दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भगवान विरसा मुंडा ने अपनी प्रजा को एकजुट करके विदेशी शासन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा, जंगलों और अधिकारों की रक्षा की और अपनी जनजातीय संस्कृति और सामाजिक न्याय के लिए अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने इस अवसर पर आदिवासी गौरव वर्ष के दौरान देश भर में आयोजित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जागरूकता अभियानों और सम्मान समारोह का उल्लेख करते हुए बताया कि यह आयोजन आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद रखने का माध्यम है।
प्रभारी मंत्री श्री पटेल ने कहा कि भगवान विरसा मुंडा की 150वीं जयंती आदिवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने अपने बलिदान से सामाजिक न्याय और आज़ादी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे विरसा मुंडा के आदर्शों पर चलकर अपने समुदाय के अधिकारों और विकास के लिए समर्पित हों।
मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार जनजातीय सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है, जिससे उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है। भगवान विरसा मुंडा का जीवन और उनका संघर्ष आज भी देश में सभी आदिवासी समाज के लिए मार्गदर्शक है, जो हमें हमारी मातृभूमि के प्रति समर्पण और समाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता सिखाता है।
प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने भगवान विरसा मुंडा जयंती को केवल एक स्मृति दिवस के रूप में नहीं बल्कि आदिवासी पहचान, संघर्ष और सशक्तिकरण के पर्व के रूप में मनाने का आह्वान किया और कहा कि विरसा मुंडा का बलिदान और उनकी विरासत हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने आदिवासी गौरव वर्ष के दौरान देशभर में हो रहे कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इस दिन को जनजातीय एकता, समानता एवं सामाजिक न्याय के उदाहरण के रूप में मानने का आग्रह किया और कहा कि यह दिन हमें आदिवासी समाज के महत्व, उनकी संस्कृति और उनके योगदान को समझने और सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।

बिरसा मुंडा जयंती
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कामना सिंह भदौरिया ने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का दिन समाज की गौरवपूर्ण संस्कृति, परंपराओं, संघर्षों और उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि इस दिवस के माध्यम से नई पीढ़ी तक आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत और गौरवगाथा को पहुँचाना आवश्यक है। यह कार्यक्रम आदिवासी समाज के उत्थान, सम्मान और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस दिन आदिवासियों के स्वतंत्रता संग्राम नायकों, वीरता और योगदान को भी याद किया जाता है, ताकि युवाओं में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण की जागरूकता बढ़े। उन्होंने कहा कि यह गौरव दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं बल्कि समाज की सामूहिक उन्नति, सम्मान और सांस्कृतिक चेतना को सशक्त करने का प्रतीक है, जिसके लिए सभी नागरिकों को संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए। यह दिन आदिवासियों के गौरव को पुनः स्थापित करने और समाज के सभी वर्गों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।