सख्त निगरानी, पारदर्शिता और सुधार की दिशा में निर्णायक उठाऐ कदम..
भोपाल 31 दिसंबर 2025। वर्ष 2025 मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के लिए संरचनात्मक सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही का वर्ष साबित हुआ। परिवहन आयुक्त श्री विवेक शर्मा के नेतृत्व में विभाग ने न केवल वर्षों पुरानी अव्यवस्थाओं पर लगाम लगाई, बल्कि ज़मीनी स्तर पर फैले भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत किया।
चेक पोस्ट बंद होने के बाद नई व्यवस्था पर कड़ी निगरानी
मध्य प्रदेश में परिवहन चेक पोस्टों को बंद किए जाने के बाद लागू की गई नई चेक प्वाइंट व्यवस्था को लेकर परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने प्रारंभ से ही स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नई व्यवस्था के अंतर्गत चेक प्वाइंटों पर पदस्थ जमीनी अमले पर पूर्ण निगरानी रखी गई, ताकि वाहन चालकों और परिवहन व्यवसायियों को किसी प्रकार की अनावश्यक प्रताड़ना का सामना न करना पड़े।
शिकायतों के लिए खुला और निष्पक्ष तंत्र
परिवहन आयुक्त ने विभाग के विरुद्ध आने वाली शिकायतों के लिए शिकायत तंत्र को पूरी तरह खुला रखा। विशेष बात यह रही कि शिकायतों के निराकरण में एकतरफा कार्रवाई के बजाय दोनों पक्षों की वास्तविकता और साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिए गए।
इस प्रक्रिया के तहत कई मामलों में अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाए जाने पर दंडित भी किया गया, जिससे विभाग के भीतर स्पष्ट संदेश गया कि अनुशासनहीनता और भ्रष्ट आचरण पर अब कठोर कार्रवाई होगी।
डिप्टी कमिश्नर किरण शर्मा को सौंपी गई निगरानी की जिम्मेदारी

परिवहन अमले पर सतत निगरानी और शिकायतों की प्रभावी सुनवाई के लिए डिप्टी कमिश्नर किरण शर्मा को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई।
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा स्वयं नियमित रूप से इन शिकायतों की समीक्षा किरण शर्मा के साथ करते रहे, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि शिकायतें केवल कागज़ों तक सीमित न रहें बल्कि उनका समयबद्ध और निष्पक्ष समाधान हो।
परिवहन अधिकारियों से बेहतर समन्वय
परिवहन आयुक्त ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (RTO), एआरटीओ एवं अन्य अधिकारियों से बेहतर समन्वय स्थापित किया। विभागीय बैठकों, फील्ड फीडबैक और आंतरिक संवाद के माध्यम से उन्होंने परिवहन तंत्र को अधिक व्यावहारिक, संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने पर जोर दिया।
अनुसंधान और सुधार पर विशेष फोकस
वर्ष 2025 में परिवहन विभाग को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के लिए नीतिगत और अनुसंधान स्तर पर भी कार्य किया गया।
डिजिटलीकरण, डेटा आधारित निर्णय प्रक्रिया, ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए गए, जिससे आम नागरिकों और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत मिली।
प्रशासनिक क्षमता का दिया साफ संदेश
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा के कार्यकाल में यह स्पष्ट संदेश सामने आया कि विभागीय पद किसी दबाव या मनमानी का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा और जवाबदेही का दायित्व है।
भ्रष्टाचार पर सख्ती, ईमानदार अमले को संरक्षण और शिकायतकर्ताओं को सुनवाई—इन तीन स्तंभों पर 2025 में परिवहन विभाग की कार्यशैली टिकी रही।
वर्ष 2025 में मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने यह सिद्ध किया कि सख्त प्रशासनिक इच्छाशक्ति, पारदर्शी व्यवस्था और ज़मीनी निगरानी के माध्यम से बड़े स्तर के सुधार संभव हैं।
परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा के नेतृत्व में विभाग ने न केवल अवैध वसूली पर प्रभावी नियंत्रण किया, बल्कि परिवहन व्यवस्था को अधिक भरोसेमंद और नागरिक-हितैषी बनाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए।
