इंदौर 17 मार्च 2024। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने मध्यप्रदेश पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986 एवं अनुसंधान अधिनियम 2002 (अधिनियम) में निहित प्रावधानों के तहत इंदौर जिले के समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। जिले में लगातार घटते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा 6(1) के तहत 18 मार्च 2024 से 30 जून 2024 तक पूरे जिले में गैर सरकारी एवं निजी ट्यूबवेलों के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
संबंधित राजस्व , पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों को जब्त करने का अधिकार होगा जो अवैध रूप से जिले के प्रतिबंधित स्थानों में प्रवेश करती हैं या ट्यूबवेल खनन/बोरिंग करने का प्रयास करती हैं और संबंधित पुलिस थाना क्षेत्रों में एफआईआर दर्ज कराती हैं। सभी अपर कलेक्टर अपने क्षेत्र के अपरिहार्य प्रकरणों एवं अन्य प्रयोजनों के लिए समुचित जांच उपरांत अनुमति प्रदान करने हेतु अधिकृत हैं। इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना और दो साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यह आदेश शासकीय योजनाओं के तहत किये जाने वाले ट्यूबवेल उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजना के तहत ट्यूबवेल खनन का कार्य लोकसभा चुनाव हेतु लागू आचार संहिता का पालन करने की शर्त पर किया जा सकेगा। 2024. प्राप्त करना आवश्यक नहीं होगा. आवश्यकता पड़ने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के तहत नये खोदे गये निजी ट्यूबवेल एवं अन्य मौजूदा निजी जल स्रोतों का अधिग्रहण किया जा सकता है।