कहीं अवैध उगाही, तो कहीं फेक वीडियो से ट्रांसपोर्ट विभाग को बदनाम करने की साजिश’
‘ड्राइवर संघ’ के नाम पर गुंडागर्दी और चक्का जाम का आतंक
भोपाल/ग्वालियर 19 दिसंबर 2025 * विशेष रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में चेक प्वाइंटों पर अवैध वसूली को लेकर सरकार और परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई सख्ती का मिश्रित असर अब सामने आने लगा है।
जहाँ एक ओर प्रदेश के कई हिस्सों में अवैध वसूली पर प्रारंभिक स्तर पर अंकुश लगा है, वहीं दूसरी ओर ड्राइवर संघ के नाम का खुलेआम दुरुपयोग कर अराजक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था, विभागीय गरिमा और आमजन की सुविधा पर सीधा हमला किया जा रहा है।
युग क्रांति द्वारा प्रकाशित खबरों पर लगातार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए दोषी परिवहन अधिकारियों/ कर्मियों पर एक्शन लिया गया। लेकिन मौजूदा स्थिति अब ऐसी हो गई है कि सिस्टम सुधार की आड़ में शरारती तत्वों द्वारा अब अराजकता को हथियार बनाया जा रहा है।
अवैध वसूली पर कार्रवाई, लेकिन नई समस्या ने सिर उठाया..
परिवहन विभाग के आंतरिक रिकॉर्ड बताते हैं कि कुछ चेक प्वाइंटों पर अवैध वसूली की शिकायतों के बाद कार्रवाई की गई, *डिजिटल रसीद, ई-चालान और सीसीटीवी से कैश वसूली पर रोक लगी, *ओवरलोडिंग और टैक्स चोरी पर दबाव बढ़ा लेकिन इसी सख्ती के बाद ड्राइवर संघ के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया।
ड्राइवर संघ के नाम पर गुंडागर्दी का खुला खेल शुरू हो गया है, जिसके चलते प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आए घटनाक्रम चिंताजनक हैं_कहीं सरेआम बैरिकेट तोड़े गए_कहीं परिवहन अधिकारियों को गालियाँ, धमकियाँ और अभद्र भाषा_सरकारी चेक प्वाइंटों पर हंगामा और कामकाज बाधित
वरिष्ठ अधिकारियों की सशक्त निगरानी और तथाकथित इस तरह के अराजक रवैया के बीच में पिसता जमीनी अमला कभी-कभी स्वयं को प्रताड़ित एवं असहाय महसूस करता है जहां तक कि कुछ चेक प्वाइंट प्रभारी तो इस्तीफा देने तक का मन बना लेते हैं।
सूत्रों और पड़ताल बताती है कि इन घटनाओं में शामिल कई लोग न तो पंजीकृत ड्राइवर संघ से जुड़े हैं, न ही किसी वैध प्रतिनिधित्व के पात्र—फिर भी संघ के नाम का इस्तेमाल ढाल की तरह किया जा रहा है और कानून को हाथ में लेकर दबाव बनाने की हिमाकत किया जाना मानो प्रचलन सा बन गया है।
चक्का जाम बना नया हथियार, आमजन बेहाल..
सबसे गंभीर पहलू यह है कि छोटी-छोटी घटनाओं को बहाना
बनाकर चक्का जाम किया जा रहा है, राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर घंटों यातायात बाधित होने से एम्बुलेंस, स्कूली वाहन और राहगीर अनावश्यक परेशानी में फँस रहे हैं।
यह स्थिति अवैध वसूली से लड़ाई को जनविरोधी बना देने का खतरनाक प्रयास मानी जा रही है। आमजन से जब युग क्रांति ने बातचीत की तो उन्होंने मांग की है कि_”आम नागरिक को समस्या में डालना एक पब्लिक न्यूसेंस जैसा है लिहाजा इस पर सरकार को कठोरता बरतनी चाहिए भले ही वह ड्राइवर हो या कोई संगठन अथवा अन्य, इन सबको अराजकता की श्रेणी में रखना चाहिए”।
फेक वीडियो और बदनामी का संगठित प्रयास..
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर: बिना लोकेशन, बिना तारीख के वीडियो वायरल, चेक प्वाइंटों को बदनाम करने वाले एडिटेड क्लिप, यह सब विभागीय कार्रवाई को “उत्पीड़न” बताने का सुनियोजित नैरेटिव है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह सब वैध कार्रवाई को कमजोर करने और दबाव बनाने की रणनीति है।
प्रदेश के संवेदनशील चेक प्वाइंटों में चिरूला, सिकंदरा, माल्थोन, खवासा, खिलचीपुर, सेंधवा, रामनगर, पिटौल, हनुमना, चाकघाट, सोयत इत्यादि शामिल है। इनमें से कुछ स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी और पुलिस समन्वय के निर्देश दिए जाना बताया गया है।
परिवहन विभाग का दो टूक संदेश..
अधिकारिक सूत्रों का कहना है_ “अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन ड्राइवर संघ के नाम पर गुंडागर्दी, चक्का जाम और विभाग को बदनाम करने की साजिश पर भी उतनी ही सख्ती हो, इस पर तेजी से प्रयास जारी है।
प्रदेश को दो स्पष्ट फैसले लेने होंगे—अवैध वसूली पर बिना समझौते रोक और ड्राइवर संघ की आड़ में विभाग को बदनाम करने, आमजन को परेशान करने और कानून हाथ में लेने वालों पर कठोर कार्रवाई हो। सिस्टम सुधार जरूरी है, लेकिन अराजकता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं।
हर घटना की पड़ताल और सच्चाई के साथ “युग क्रांति” आपके साथ!
