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अनाधिकृत ढंग से कट-आउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स व झण्डियाँ लगाने पर प्रतिबंध

शहर में नए स्थान पर नहीं दी जा सकेगी राजनैतिक विज्ञापन के होर्डिंग लगाने की अनुमति

शहर के वैध एवं अनुमति प्राप्त स्थलों पर चुनावी विज्ञापन प्रदर्शित करने के पहले नगर निगम से लेना होगा अनापत्ति प्रमाण-पत्र

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती चौहान द्वारा चुनावी विज्ञापन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

ग्वालियर 28 मार्च 2024/ ग्वालियर शहर में कहीं भी अनाधिकृत ढंग से कट-आउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, झण्डियाँ इत्यादि चुनाव प्रचार सामग्रियों का प्रदर्शन पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान नगर निगम द्वारा किसी भी नए स्थान पर होर्डिंग्स एवं विज्ञापन की अनुमति जारी नहीं की जा सकेगी। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने के उद्देश्य से इस आशय का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। उन्होंने इस आदेश के जरिए होर्डिंग व बैनर से प्रचार-प्रसार की नीति भी निर्धारित कर दी है। यह आदेश नगर निगम सीमा में लागू होगा। छावनी क्षेत्र मुरार में छावनी बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी यह व्यवस्था लागू करायेंगे।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने इस आदेश के जरिए स्पष्ट किया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान नगर निगम क्षेत्र के सभी वैध एवं अनुमति प्राप्त स्थलों पर चुनाव से संबंधित राजनैतिक विज्ञापनों के प्रदर्शन के लिये नगर निगम से पूर्व अनुमति एवं अनापत्ति लेना अनिवार्य होगा। अनुमति व अनापत्ति प्रमाण-पत्र के आधार पर ही विभिन्न विज्ञापन एजेंसियाँ निर्धारित शर्तों के साथ शुल्क लेकर वैध स्थानों पर उम्मीदवारों एवं राजनैतिक दलों के विज्ञापनों का प्रदर्शन कर सकेंगे।
निगम के क्षेत्राधिकार के सभी वैध विज्ञापन स्थानों पर राजनैतिक विज्ञापन प्रदर्शित कराने के लिये उम्मीदवारों, राजनैतिक दलों, संस्थाओं व व्यक्तियों को निर्धारित प्रारूप में आयुक्त नगर निगम को आवेदन देकर विधिवत अनुमति लेनी होगी। आवेदन पत्र के साथ विज्ञापन में प्रदर्शित की जाने वाली भाषा व विषयवस्तु भी बतानी होगी। इसी आधार पर नगर निगम द्वारा विहित शर्तों का पालन करते हुए अनुमति व अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
आयुक्त नगर निगम की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अधिकृत विज्ञापन एजेंसियों से सलाह कर तीन चरणों की अवधि के राजनैतिक विज्ञापनों के लिये चरणवार विज्ञापन की मानक दरों का निर्धारण करें। साथ ही इसकी सूचना जिला निर्वाचन कार्यालय को अनिवार्यत: दी जाए, जिससे संबंधित प्रत्याशी के चुनावी व्यय में यह खर्चा जोड़ा जा सके। नगर निगम द्वारा अनुमति व अनापत्ति प्रदान करते समय अभ्यर्थियों व राजनैतिक दलों से निर्धारित शुल्क के अलावा किसी प्रकार का कोई अन्य शुल्क नहीं लिया जा सकेगा। आदेश में बार-बार स्पष्ट किया गया है कि यह अनुमति व अनापत्ति नगर निगम द्वारा पूर्व से स्वीकृत सूचीबद्ध स्थानों के लिये दी जाए। विज्ञापन एजेंसी आयुक्त नगर निगम द्वारा निर्धारित दर से ही राजनैतिक विज्ञापनों का शुल्क वसूल कर सकेंगे।
राजनैतिक विज्ञापनों के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अनुमति देते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी एक व्यक्ति या दल का राजनैतिक विज्ञापन स्थलों पर एकाधिकार न हो जाए। समस्त राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों को विज्ञापन प्रदर्शन का समान अवसर मिलना चाहिए।
नगर निगम सीमा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय व सार्वजनिक सामुदायिक भवन, संपत्ति अथवा शासकीय जमीन पर किसी भी प्रकार का राजनैतिक विज्ञापन व प्रचार-प्रसार करना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

ग्रामीण क्षेत्र में भी नगर निगम की तर्ज पर लागू होगी विज्ञापन संबंधी व्यवस्था

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि लोकसभा आम निर्वाचन के दौरान जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण, भतरवार व डबरा में भी नगर निगम की तर्ज पर चुनावी विज्ञापन की व्यवस्था लागू की गई है।

भवन स्वामी की लिखित सहमति और नगर निगम से अनापत्ति लेनी होगी

निजी भवन स्वामी की लिखित सहमति एवं नगर निगम की अनापत्ति प्राप्त करने के बाद झण्डे, पोस्टर, बैनर, दीवार लेखन व अस्थायी फ्लैक्स बोर्ड किसी निजी भवन पर लगाए जा सकेंगे। नगर निगम से यह अनापत्ति प्राप्त करने के लिये तीन दिवस के भीतर आवेदन जमा करना होगा। अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिये जमा की गई राशि की रसीद और भवन स्वामी द्वारा लिए जाने वाले किराए की रसीद व संलग्न प्रोफार्मा रिटर्निंग ऑफीसर अथवा सहायक रिटर्निंग ऑफीसर के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। झण्डे, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड पर ऐसा कुछ भी न लिखा जाए जिससे विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न हो और शांति भंग होने की संभावना बने। इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जायेगी।