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प्रभारी कार्यपालन यंत्री जी के श्रीवास्तव ने किया करोड़ों का घोटाला

मनरेगा योजना में ₹ 21.04 करोड़ राशि की सामग्री के भुगतान में की भारी अनियमिता..

फर्जी कार्यों के लिए ₹ 253.53 लाख का चहेती फर्मों के नाम हुआ भुगतान..

संभाग कमिश्नर ने थमाया 15 दिन का नोटिस, अभी तक कोई जवाब नहीं..

ग्वालियर-शिवपुरी। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री जीके श्रीवास्तव ने सिर्फ एक वर्ष के अपने कार्यकाल में ही मनरेगा योजना में करोड़ों रुपयों की अनियमितता की है। विभागीय जांच में प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता स्पष्ट हुई है। जिसे लेकर संभागायुक्त ने प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने की स्थिति में एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। 28 मार्च को हस्ताक्षरित संभागीय आयुक्त के इस नोटिस की समय अवधि पूर्ण होचुकी है मगर श्रीवास्तव पत्र के विलंब से मिलने का बहाना बना रहे हैं।

आरईएस के ईई जीके श्रीवास्तव के भ्रष्टाचार की चर्चा शहर से लेकर गांव-गांव तक में थी। जनप्रतिनिधि जिस गांव में जाते थे वहां से उन्हें शिकायत मिल रहीं थीं। इसके बाद भाजपा जिला महामंत्री प्रमेंद्र सोनू बिरथरे ने 10 मार्च को जिला पंचायत सीईओ को एक गोपनीय शिकायत की थी। जिसमें उल्लेख किया कि मनरेगा योजना अंतर्गत प्रचलित एवं प्रगतिरत निर्माण कार्यो में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के बिना माप पुस्तिका में माप, मूल्यांकन एवं प्रोग्रेस अंकित किए बिना ही मजदूरी एवं सामग्री के देयकों का भुगतान बिना हस्ताक्षर पारित कर किया गया है।

बिना माप एवं मूल्यांकन किए बिना इन कार्यों की मजदूरी एवं सामग्री के लिए हुआ ₹ 37.23 लाख का अनियमित भुगतान..
*चेक डैम निर्माण खैराघाट पर इंदार जनपद पंचायत बदरवास
*सिंध नदी के किनारे घाट निर्माण बूढ़ाडोंगर, जनपद पंचायत बदरवास
*सुदूर सड़क का निर्माण राजापुर से विजयपुरा तक जनपद पंचायत बदरवास
*चेक डैम निर्माण भूरा खो नाले पर करियारा ग्राम पंचायत गोपालपुर, जनपद शिवपुरी
*ग्रेवल रोड अंदरूनी से रांछी ग्राम पंचायत रांछी

23 करोड से अधिक का घोटाला, संभाग कमिश्नर ने थमाया नटिस मगर अभी तक कोई जवाब नहीं..

इसके उपरांत जिला पंचायत की सहकारिता और उद्योग स्थायी समिति की सभापति सुनीता नवल जाटव ने 11 मार्च 2023 को बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के कार्य प्रारंभ कर अपने करीबियों द्वारा भ्रष्टाचार कराये जाने की शिकायत की गई। इसमें भी अनियमितता मिली। जांच में सामने आया कि कार्यभार ग्रहण करने की दिनांक 01 मार्च 2023 से वर्तमान तक मनरेगा योजना से वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि 10.99 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में राशि 10.04 करोड़ इस प्रकार कुल 21.04 करोड़ सामग्री मद में भुगतान किया गया, लेकिन निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं।

ईई ने बिना मूल्यांकन अथवा सत्यापन के राशि 28.80 लाख, बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के प्रारंभ किए कार्यों पर राशि रुपये 126.29 लाख एवं गैर अनुमत कार्यों पर 70.44 लाख कुल राशि रुपये 225.53 लाख राशि अनियमित भुगतान की गई है।

बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति के इन कार्यों के लिए हुआ ₹ 126.29 लाख का अनियमित भुगतान..
*अप्रोच रोड निर्माण जनकपुर से माध्यमिक विद्यालय बामोर कला की ओर
*अप्रोच सड़क निर्माण टोरिया से पंचायत भवन रांछी
*सुदूर सड़क निर्माण पन्ना धाकड़ के खेत से कमला खेड़ी तक
*सुदूर सड़क निर्माण खोरघाट रोड से रामखेड़ी ठर्रा रोड शांति बाग तक
*सुदूर सड़क निर्माण रानीताल से पठान बाबा की ओर बीजरौनी
*चेक निर्माण बटुआ वाले नाले पर, ग्राम पंचायत देवरी खुर्द
*चेक डैम निर्माण पटियन के घाट वाले नाले पर ग्रा पं. बूढदा
*चेक डैम निर्माण अमरोहा वाली नदी पर, ग्रा पं देवरी खुर्द
*चेक डैम निर्माण कार्य पार्वती नदी झरना के पास ग्रा पं गुरिच्छा
*चेक डैम निर्माण अहिल्या गऊघाट ग्राम पंचायत खटका
*चेक डैम निर्माण पार्वती नदी पर, ग्रा पं मारोरा खालसा
*चेक डैम निर्माण रसोई वाली नदी पर, ग्राम पं रशैरा
*चेक डैम निर्माण खेराघाट ग्राम पं छर्च
*चेक डैम निर्माण सेमर वाले नाले पर, ग्राम पं छर्च

इन गैर अनुमत कार्यों के लिए हुआ ₹ 70.44 लाख वसूली का योग्य अनियमित भुगतान..
*सिंधु नदी के किनारे पर घाट निर्माण ग्रा पं रिजौदी जनपद बदरवास
*सिंधु नदी के किनारे घाट निर्माण घुड़वार, ग्रा पं रिजोंदी बदरवास
*सिंधु नदी किनारे पर घाट निर्माण,ग्रा पं बूढा डोंगर बदरवास
*सिंधु नदी के किनारे घाट निर्माण बांसखेड़ा बदरवास
*सिंधु नदी के किनारे पर घाट निर्माण, बिजरौनी बदरवास

नोटिस में उल्लेख है कि ईई ने अपने कार्यकाल में शासन के
निर्देशों का पालन किये बिना मनरेगा योजना में राशि 21.04
करोड़ सामग्री का भुगतान में अनियमितता की गई है।

भुगतान उपरांत कोई भी कार्य इनके कार्यकाल में पूर्ण नहीं हुआ है जिसमें प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत होते हैं।ये भीषण दुष्कृत्य पदीय दायित्वों के निर्वहन में गंभीर वित्तीय अनियमितता, लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता के साथ कदाचरण की श्रेणी में आता है, जो मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन है।

इनका क्या कहना है..

*अभी नोटिस का जवाब नहीं आया है समय अवधि के भीतर जवाब ना आने पर एकपक्षी कार्यवाही होगी बाकी करवाई जवाब के रूप में उसके पक्ष को सुनने के बाद निश्चित होगी. .ग्वालियर संभाग आयुक्त डॉ सुदामा खाड़े 

*अभी मामला मेरे संज्ञान में आया है इसकी गंभीरता से जांच होगी और दोषी पाएजाने पर सख्त कार्रवाई होगी..    इंजीनियर इन चीफ, मध्य प्रदेश ग्रामीण यंत्र की सेवा श्री हरी सिंह