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क्षेत्र में अधिक पैदावार देने वाली फसलों को प्रोत्साहन दें: संभाग आयुक्त डॉ. खाड़े

संभागीय समीक्षा बैठक में हुई कृषि एवं कृषि से जुड़े विभागों की गतिविधियों की समीक्षा

जिन किसानों ने उन्नत खेती कर अधिक फायदा कमाया है वह अन्य किसानों को बताएँ

रबी उत्पादन एवं खरीफ फसलों की तैयारियों की हुई जिलेवार विस्तार से समीक्षा

ग्वालियर 06 जून 2024/ किसानों को ऐसी फसलों के लिये प्रोत्साहित करें, जिनकी पैदावार ज्यादा हो, मिट्टी की उत्पादकता बनी रहे, कम लागत लगे और किसानों को फायदा भी अधिक हो। इस आशय के निर्देश संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कृषि एवं कृषि से जुड़े विभागों के संभागीय अधिकारियों को दिए। डॉ. खाड़े संभागीय बैठक में रबी फसल की पैदावार एवं खरीफ फसल की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि संभाग के हर जिले की परिस्थितियों के अनुसार उन फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए, जो वहाँ की जलवायु व मिट्टी में अधिक उत्पादन देने के लिये अनुकूल हैं।
संभाग आयुक्त डॉ. खाड़े ने कहा कि पिछले साल जिन फसलों की सलाह दी गई थी, उससे हुए फायदे की जानकारी अन्य किसानों तक पहुँचाएँ, जिससे वे भी इन फसलों को अपना सकें। उन्होंने कृषि एवं कृषि से जुड़े विभागों को पिछले साल दी गई सलाह के आधार पर हुए उत्पादन का सर्वेक्षण करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि किसानों तक फसल संबंधी सलाह समय से पहुँचाएँ, जिससे वे उन्हीं फसलों की बोनी करें जो उनके लिए फायदेमंद है।
गुरूवार को संभाग आयुक्त कार्यालय में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में संभाग आयुक्त डॉ. खाड़े ने निर्देश दिए कि खरीफ मौसम में किसानों को खाद व बीज मिलने में दिक्कत नहीं होना चाहिए। इसके लिये किसान कल्याण एवं कृषि विकास, विपणन संघ व सहकारिता विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर काम करें। साथ ही किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग के बारे में भी सलाह दें और रासायनिक उर्वरकों के विकल्प भी बताएँ।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले रबी मौसम में ग्वालियर संभाग में लगभग 1503 हजार हैक्टेयर रकबे में फसल की बोनी हुई थी। इस साल के खरीफ मौसम में एक लाख 80 हजार हैक्टेयर रकबे में बोनी का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले खरीफ मौसम से 10 हजार 280 हैक्टेयर अधिक है। संभाग में खरीफ के लिये यूरिया, डीएपी, एनपीके व एमओपी रासायनिक उर्वरकों का वर्तमान में कुल 56 हजार 971 मैट्रिक टन भण्डारण है, जो लक्ष्य का लगभग 96.5 प्रतिशत है। इसके अलावा रेलवे रैक से लगातार उर्वरकों की आवक होती रहेगी।
संभागीय समीक्षा बैठक में कृषि से जुड़े विभागों मसलन पशुपालन, उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य पालन, विपणन संघ एवं दुग्ध संघ की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भी किसानों को करें जागरूक

संभाग आयुक्त ने कहा किसानों को उन्नत खेती एवं मिट्टी के अनुसार फसल लेने और संतुलित उर्वरकों के उपयोग के संबंध में संगोष्ठी, कार्यशाला व गाँव-गाँव संपर्क के माध्यम से विभागीय अमले के माध्यम से जागरूक किया जाए। साथ ही निर्देश दिए कि वीडियो क्लिपिंग व रील बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने खेती किसानी संबंधी प्रचार-प्रसार गतिविधियों को प्रभावी बनाने पर विशेष बल दिया।

गंभीर रूप से बीमार पशुओं के इलाज के लिए आईसीयू स्थापित करें

संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने गंभीर रूप से बीमार पशुओं के इलाज के लिए संभागीय स्तर अर्थात ग्वालियर में आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) स्थापित करने के निर्देश संभागीय संयुक्त संचालक चिकित्सा सेवाएँ को दिए। उन्होंने कहा इसका प्रस्ताव तैयार कर उचित माध्यम से राज्य शासन को भेजें। बैठक में बताया गया संभाग में 32 चलित पशु चिकित्सा इकाई काम कर रही हैं। जिनके द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 37 हजार 829 पशुओं का उपचार किया गया।

पीडीएस दुकानों के समीप स्थापित करें साँची पार्लर

दुग्ध संघ के उत्पादों तक आमजन की पहुँच आसान करने के लिये संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने साँची पार्लर बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा उचित मूल्य की दुकानों एवं उपभोक्ता भण्डारों के समीप पार्लर बनाए जा सकते हैं।