विगत 15 वर्षों से उपेक्षा का शिकार है ₹ 2 करोड़ प्रति वर्ष का राजस्व वसूलने वाला ये कार्यालय..
नगर निगम कमिश्नर के आश्वासन से जागी नई उम्मीद की किरण..
ग्वालियर 6 जून 2024। जहां एक तरफ हाल में चुनावी अभियान के दौरान प्रदेश एवं देश के नेताओं के साथ-साथ अधिकारीगण भी अपने अपने क्षेत्र में महा विकास का गुणगान करते हुए नहीं थक रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ ये भी सच्चाई है कि आज भी स्मार्ट सिटी ग्वालियर में नगर निगम का ये कार्यालय टपरे से संचालित है।
ये सच्चाई है ग्वालियर शहर के वार्ड 18 में स्थित दीनदयाल नगर में 6 फीट ऊंचे टीन सेड के नीचे 8×8 के दो कमरे मे काम चलाऊ पीएचई विभाग के कार्यालय की। इन छोटे-छोटे दो कमरों/टीन सेड में से एक सैड का उपयोग कलेक्शन सेंटर के रूप में तथा दूसरे में अन्य व्यवस्था चलाई जाती है। तथाकथित इस कार्यालय के आसपास शौचालय तक का नामो -निशान देखने को नहीं मिलेगा। कार्यालय में कार्यरत महिला/ पुरुष कर्मचारियों को पेशाब जाने के लिए भी जगह की जुगाड़ तलाशनी पड़ती है। 47-48 डिग्री तापमान में टीन सेड के नीचे धड़कते- उबलते कमरे में कार्य कर रहे ये कर्मचारी अक्सर पसीना पोंछते नजर आएंगे। जब आज दोपहर युग क्रांति प्रतिनिधि बृजराज सिंह ने इस कार्यालय का मुआइना किया तो वहां के हालात देख हतप्रद रह गया और इसी बात की मौके पर से जानकारी नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह को दी जिस पर उन्होंने तत्काल एक्शन मोड में आते हुए कहा कि मैं तत्काल इस संबंध में विभाग के सक्षम अधिकारी से बात करता हूं और इस ऑफिस की बेहतरी के लिए जो भी पॉसिबल होगा वह किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी के नाम पर जहां एक ओर कई लाख करोड़ का बजट विकास कार्यों में खर्च होता रहा है तो वहीं जल कर के रूप में 2 करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष राजस्व वसूलने वाला यह कार्यालय 15 वर्षों से अधिक समय से आखिरकार क्यों उपेक्षा का शिकार होता रहा है यह अपने आप में सवाल है? फंड की कमी से व्यवस्थित ऑफिस ना होना यह कहना बेमानी होगी इसलिए यहां साफ तौर पर कहा जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारियों के ढुलमुल रवैया और अनदेखी करने वाले व्यवहार की वजह से ये कार्यालय लगातारों वंचना का शिकार होता रहा है। नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह के संज्ञान में आने के बाद उनके व्यक्तित्व के आधार पर यह आशा की जा सकती है कि कुछ समय बाद इस कार्यालय का कुछ ना कुछ उद्धार जरूर होकर रहेगा।