मुरैना के डाक अधीक्षक , पोस्ट मास्टर , पोस्टमेन‌ और डाक बचत खाता एजेंट के खिलाफ सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने मामला दर्ज किया

जांच हुई प्रारंभ,‌ कोर्ट में भी दायर होगा मामला, सी वी सी भी सी बी आई में दर्ज करेगी केस

मुरैना 19 जून 2024। अमानत में खयानत और विश्वासघात , छल कपट एवं धोखाधड़ी व जलसाजी , मिथ्या साक्ष्य निर्माण और उनका उपयोग करने के मामले में न्यायबंधु नरेन्द्र सिंह तोमर एडवोकेट द्वारा केन्द्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज कराई गयी थी , जिस पर केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने कार्यवाही करते हुये आरोपी गण डाक अधीक्षक चंबल संभाग , पोस्ट मास्टर मुरैना , तत्कालीन पोस्टमेन गांधी कालोनी मुरैना के खिलाफ‌ जांच शुरू कर‌ दी है ।
उल्लेखनीय है कि मुरैना के डाक बचत खाता एजेंट सतीश कुलश्रेष्ठ और उसके पुत्र ने स्व प्रोफेसर आर एस तोमर तथा स्व काशी देवी के 5 बचत खाते और एक एफ डी तथा कुछ विकास पत्र खोले , दोनों लोगों के निधन उपरांत , कोर्ट में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का प्रकरण दाखिल करने से पूर्व स्व प्रोफेसर आर एस तोमर के उत्तराधिकारी सबसे बड़े पुत्र न्यायबंधु नरेन्द्र सिह तोमर एडवोकेट ने सतीश कुलश्रेष्ठ और पोस्टमास्टर तथा डाक अधीक्षक को लीगल नोटिस जारी किये और माता पिता दोनों के पोस्ट आफिस में खातों की व जमाधन राशि की जानकारी मांगी‌ ।


आरोपीगण ने जानकारी देने से इंकार कर दिया ,पोस्ट आफिस के नियमानुसार खाता या फिक्स्ड अमाउंट मेच्योर होते ही , खाताधारक के पते पर रजिस्टर्ड डाक इत्तला भेजने का नियम है , लेकिन आरोपी गण ने जमा राशि 7 लाख 50 हजार रू फिक्स्ड – मेच्योरिटी उपरांत दोगुनी राशि की कोई भी सूचना या इत्तला खाताधारक के पते पर नहीं दी , तथा जानकारी मांगे जाने पर भी किसी भी खाते की जानकारी नहीं दी ।
इस प्रकार आरोपीगण ने सभी 5 बचत खातों और एक फिक्स्ड डिपोजिट तथा विकास पत्रों की जानकारी कपट एवं बेईमानी पूर्वक छिपा ली ।
न्यायबंधु नरेन्द्र सिंह तोमर एडवोकेट ने उत्तराधिकार प्रमाणपत्र हेतु आवेदन कोर्ट में पेश किया , साथ ही उच्च स्तर पर डाक अधीक्षक की शिकायत कर दी , जिस पर डाक अधीक्षक ने तीन बचत खातों की जानकारी लिखित रूप में स्वीकार की तथा 7 लाख 50 हजार रू की फिक्स्ड भी स्वीकार की ,‌ लेकिन अन्य दो बचत खातों और विकास पत्रों की जानकारी छिपा ली ।
इस पर फिर से उच्च स्तरीय शिकायत हुई तो डाक अधीक्षक ने जवाब दिया कि मामला कोर्ट में है , कोर्ट द्वारा मांगे जाने पर कोर्ट को ही बताया जायेगा ।
हकीकत यह थी कि कोर्ट द्वारा समन तामील होने के बाद भी डाक अधीक्षक चंबल एक‌ भी दिन कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ ,और भारत सरकार और दूरसंचार विभाग / संचार विभाग को फर्जी जवाब लिख लिख कर भेजता रहा ।
इस पर न्याय बंधु ने मामला सेंट्रल विजिले़स कमीशन में रजिस्टर करा दिया और लिखा कि आज तक एक दिन के लियै भी डाक अधीक्षक कभी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ है , कोर्ट में इसके विरूद्ध पृथक से मेरे द्वारा क्रिमिनल कार्यवाही शुरू की जा रही है , साथ ही सेंट्रल विजिलेंस कमीशन को लिखा कि तत्कालीन पोस्टमेन हमारी अनेक रजिस्टर्ड पोस्ट गायब कर देता है और लेने से इंकार या पाने वाला यहां नहीं रहता लिख देता है ।
सारे मामलों में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है , दूसरी ओर मुरैना कोर्ट में भी जुलाई के पहले हफ्ते में ही आरोपी गण के विरूद्ध क्रिमिनिल प्रोसीडिंग शुरू करने का आवेदन दिया जा रहा है ।‌