स्कूल शिक्षा विभाग में बसूली का खेल शुरू, छिंदवाड़ा जिला में 65 की बजाय 100 रुपए मांगे

8 से 10 करोड़ मुनाफे का मामला..

भोपाल 14 नवंबर 2024। स्कूल शिक्षा विभाग में परीक्षा के नाम पर प्रति छात्र 65 रूपए वसूली का खेल शुरू हो गया है। छिंदवाड़ा जिले में परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से यही रशि सौ-सौ रुपए मांगी गई है जो ब्लॉक के उत्कृष्ट विद्यालय में नगद अथवा उसके प्राचार्य के नाम से चेक के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा कराना है।

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा नवमी से बारहवी तक के विद्यार्थियों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 9 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है। नवमीं से बारहवीं तक की परीक्षा के पेपर राज्य स्तर पर बनेंगे। पेपरों की छपाई का जिम्मा राज्य ओपन के पास है। स्कूलों में करीब बीस लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। राज्य ओपन जिन प्रश्न-पत्रों की छपाई करेगा उसकी सूची भी भेज दी गई है। कुछ प्रश्न-पत्र स्थानीय स्तर पर डीईओ के माध्यम से प्रिंटिंग करवाए जाएंगे। प्रति विद्यार्थी 65 रुपए अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पेपरों की छपाई के लिए लेगा। राज्य ओपन द्वारा ली जा रही राशि का शिक्षक व छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया है। इसी के साथ परीक्षा के नाम पर जिलों में वसूली का खेल भी शुरू हो गया है। छिंदवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने आदेश जारी कर सभी स्कूलों से 65 रुपए के बजाय सौ-सौ रुपए की राशि प्रत्येक छात्र से मांगी गई है। यह राशि चैक /नगद जमा करानी है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल  बघेल कुछ भी कहने को लिए तैयार नहीं है।

जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा का पत्र..

म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड भोपाल का पत्र क्रमांक / एस.ओ.एस.ई.बी. परीक्षा-3/2024/4653 भोपाल दिनांक 11.11.2024 से संदर्भित लेख हैं कि वर्ष 2024-25 की कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक की स्थानीय परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का मुद्रण एवं जिला स्तर पर वितरण का कार्य मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड, भोपाल द्वारा किया जाना है। बोर्ड के संदर्भित पत्र के पालन में उक्त परीक्षाओं हेतु परीक्षा शुल्क प्रति छात्र रू. 100/- निर्धारित की गई है, जिसका 20 प्रतिशत संबंधित संस्था के लिये निर्धारित है ।

अतः संदर्भित पत्र के निर्देशों के पालन में आपको निर्देशित किया जाता है कि प्रति छात्र रू. 80/- के मान से अपनी संस्था के कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के समस्त विद्यार्थियों की परीक्षा शुल्क की राशि दिनांक 19 नवम्बर 2024 तक अपने विकासखण्ड के उत्कृष्ट विद्यालय में नगद अथवा प्राचार्य, उत्कृष्ट विद्यालय के नाम से चैक जारी कर जमा कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि विकासखण्ड के उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य द्वारा राशि संकलित की जाकर चैक अथवा नगद के माध्यम से कार्यालय में जमा की जा सके। इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे कि किसी भी संस्था द्वारा परीक्षा शुल्क की राशि सीधे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा न किया जावे”।

ज्ञात हो पिछले साल भी छात्रों से वसूली की यह व्यवस्था लागू की जा रही थी मगर प्रदेश स्तर पर काफी विरोध के स्वरों को मध्य नजर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फटकार लगाने पर वसूली का अभियान रुक गया था। तकरीबन 8 से 10 करोड़ वसूली के रूप में होने वाले मुनाफे का यह सौदा भला ऐसे ही क्यों रोका जाए क्यों ना इसका मिल बाटकर लाभ उठाया जाए ? इसीलिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब एवं मध्यम तपके से अर्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र के नाम पर अनावश्यक पैसे वसूलने का अभियान पुनः चालू हो गया। जिस पर मप्र के लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता एवं स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय गोयल अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं।

शिक्षक व्याख्याता एवं प्राचार्य संघ के प्रांतीय संयोजक शिववीर सिंह भदौरिया का कहना है कि नवमीं से बारहवीं तक की परीक्षा में विद्यालय द्वारा उपलब्ध प्रश्न पत्रों की फोटो कॉपी करवाने के पश्चात प्रति छात्र 15 से 20 रुपए के बीच वास्तविक व्यय होता है। प्रति छात्र लगभग 65 रू की राशि लेना बहुत अधिक है। शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र-छात्रा गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के होते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। राज्य ओपन के नाम पर पहले भी वसूली हो चुकी है। विरोध के बाद उक्त आदेशों को वापस लिया गया था।