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मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल पर कॉपियां मूल्यांकन के बकाया है करोड़ों रुपए

एमपी बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं की कॉपियां मूल्यांकन के शिक्षकों के 75 लाख 32 हजार 870 रुपए अकेले इंदौर के बकाया..

भोपाल/ इंदौर 18 नवंबर 2024। गत शैक्षणिक सत्र 2023-24 की एमपी बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं परीक्षा का मूल्यांकन फरवरी में हुआ और मई- जून में रिजल्ट भी आ गया, इसके बावजूद मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इन दोनों बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने वाले शिक्षकों को उनकी मेहनत का अभी तक भुगतान नहीं किया है। ना तो मूल्यांकन का पैसा दिया गया और ना ही उन्हें वाहन एवं यात्रा भत्ता का भुगतान किया गया। ये स्थिति मध्य प्रदेश के इंदौर सहित अधिकांश जिलों की है।
इंदौर जिला के उदाहरण के साथ इस व्यवस्था पर गौर फरमाते हैं। एमपी बोर्ड की 10वीं -12वीं की परीक्षाओं की कॉपियां जांचने के लिए प्रत्येक जिला में एक प्रमुख मूल्यांकन केंद्र बनाया जाता है जिसमें जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को यहां बुलाकर परीक्षा की कॉपियां जंचवाई जाती हैं। इंदौर जिला के उदाहरण के साथ बात करते हैं कि गत शैक्षणिक सत्र 2023- 24 की परीक्षाओं के लिए इंदौर जिले के 993 शिक्षकों की यहां ड्यूटी लगाई थी। जिनमें 10वीं के मूल्यांकन के लिए 582 और 12वीं के मूल्यांकन के लिए 411 शिक्षक थे। इनके द्वारा कुल 2 लाख 65 हजार 617 कांपिया में से 1लाख 58 हजार 191 कॉपियां 10वीं की और एक लाख 10हजार 426 कॉपियां 12वीं की मूल्यांकित की गई। बोर्ड दसवीं की प्रत्येक कॉपी जांचने के 15 रु और 12वीं की कॉपी जांचने के लिए 16 रु देता है। इस प्रकार 582 शिक्षकों को दसवीं की कॉपियां जांचने के एवज में 23 लाख 72 हजार 865 मिलना है और यात्रा एवं वाहन भत्ता मिलाकर ये राशि कुल 33 लाख 88 हजार 358 रुपए है। अर्थात इंदौर जिला के 993 शिक्षकों को कुल 75 लाख 32 हजार 870 माध्यमिक शिक्षा मंडल से मिलने का इंतजार है।


यही माजरा देवास, आगर- मालवा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, गुना, दतिया, नरसिंहपुर, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नीमच, धार, कटनी, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, बड़वानी, डिंडोरी सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों का है जहां पर दीपावली से पहले हो जाने वाले भुगतान के लिए मूल्यांकनकर्ता शिक्षकों को इंतजार है। प्रदेशभर के शिक्षकों के मूल्यांकन के एवज में एमपी बोर्ड पर बकाया राशि का अनुमानित आंकड़ा तकरीबन 20 करोड़ से भी अधिक निकल कर सामने आएगा।

इसके चलते पूरे प्रदेश में बोर्ड के खिलाफ शिक्षकों की खासी नाराजगी है। इन शिक्षकों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों द्वारा लगातार यही आश्वासन मिल रहा है कि 10वीं एवं 12वीं की कॉपी जांचने वाले मूल्यांकन कर्ता के बिल सबमिट हो गए और जल्द से जल्द भुगतान होगा। युग क्रांति द्वारा एमपी बोर्ड के मुख्यालय एवं आंचलिक कार्यालयों से संपर्क के जरिए भी इसी तरह का ढुलमुल जवाब मिला।