मध्य प्रदेश की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था..
भोपाल 21 अप्रैल 2025। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री श्री मुकेश नायक ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली, भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े और घोटालों पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। छतरपुर जिला अस्पताल में 17 अप्रैल 2025 को हुई अमानवीय घटना, जिसमें 77 वर्षीय बुजुर्ग उद्धव सिंह जोशी को डॉ. राजेश मिश्रा ने थप्पड़ मारे, कॉलर पकड़ा और फर्श पर घसीटकर पुलिस चौकी ले गए, ने बीजेपी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। यह घटना, जो एक वायरल वीडियो के माध्यम से सामने आई, केवल एक डॉक्टर की गुंडागर्दी नहीं, बल्कि 22 वर्षों के बीजेपी शासन में स्वास्थ्य तंत्र के पूरी तरह ध्वस्त होने का जीता-जागता सबूत है।
श्री मुकेश नायक ने कहा कि “यह शर्मनाक है कि एक 77 वर्षीय बुजुर्ग को सिर्फ इसलिए पीटा गया, क्योंकि वह लंबी कतार में खड़े नहीं हो पा रहे थे। जब पूरी दुनिया रोबोटिक सर्जरी और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों को अपना रही है, मध्य प्रदेश के जिला अस्पतालों में मरीजों के शरीर को चीर-फाड़ कर ऑपरेशन किए जा रहे हैं। हृदय रोग, कैंसर और यूरोलॉजी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को नागपुर, मुंबई और दिल्ली भटकना पड़ता है, क्योंकि यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। बीजेपी के 22 वर्षों के शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को बद से बदतर कर दिया है। हम स्वास्थ्य सुविधाओं में फिसड्डी हैं, लेकिन दवाइयों के खरीद घोटालों, नकली इंजेक्शनों और फर्जी डॉक्टरों के फर्जीवाड़े में अव्वल हैं।”
मारपीट, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार की सिलसिलेवार घटनाएँ
छतरपुर की घटना कोई इकलौता मामला नहीं है। मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए यातना गृह बन चुके हैं।
रतलाम, दिसंबर 2024: सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ डॉ. सीपीएस राठौर ने गाली-गलौज की।
इंदौर, अक्टूबर 2023: महाराजा यशवंतराव अस्पताल में एक HIV पॉजिटिव मरीज को जूनियर डॉ. आकाश कौशल ने गालियाँ दीं और थप्पड़ मारे।
बैतूल, अक्टूबर 2021: डॉ. प्रदीप धाकड़ ने एक गर्भवती महिला को लात मारी, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।
सीधी, नवंबर 2024: गर्भवती उर्मिला रजक को एंबुलेंस न मिलने से ठेले पर प्रसव करना पड़ा, और नवजात की मृत्यु हो गई।
दमोह, अप्रैल 2025: फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने नकली डिग्रियों के सहारे 15 हार्ट सर्जरी कीं, जिसमें सात मरीजों की मौत हो गई।
रीवा, फरवरी-मार्च 2025: संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में पाँच प्रसूताओं को अमानक इंजेक्शन दिए गए, जिससे उनकी याददाश्त चली गई और वे आईसीयू में भर्ती रहीं।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमीः मरीजों की मजबूरी
श्री नायक ने जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश के अधिकांश जिला अस्पतालों में हृदय रोग, कैंसर, यूरोलॉजी और न्यूरोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। जिला अस्पतालों में यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, डीएम कार्डियोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट का अभाव है। जहाँ सोनोग्राफी मशीनें हैं, वहाँ रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं, और कई अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीनें बंद पड़ी हैं। एंडोस्कोपी मशीनें किसी भी जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि संबंधित रोग विशेषज्ञ ही नहीं हैं। पैथोलॉजी लैब हैं, लेकिन पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं, जिसके कारण मशीनों से जाँच नहीं हो पाती। मरीजों को जानबूझकर निजी लैबों में भेजा जाता है, ताकि कमीशनखोरी का सिलसिला चलता रहे। मरीजों को इलाज के लिए नागपुर, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में भटकना पड़ता है, जो गरीब परिवारों के लिए आर्थिक और भावनात्मक बोझ है। 2024 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञ डॉक्टरों के 60% से अधिक पद रिक्त हैं। बीजेपी सरकार ने 22 वर्षों में न तो विशेषज्ञों की भर्ती की और न ही उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा के लिए प्रोत्साहित करने की नीति बनाई।”
कमीशनखोरी और घोटालों का गढ़
मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जाँचों को जानबूझकर टाला जाता है, ताकि उन्हें निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक लैबों में भेजकर कमीशनखोरी की जा सके। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 2024 में मरीजों ने शिकायत की कि उनकी बुनियादी जाँचें नहीं की गईं और उन्हें निजी लैबों में भेजा गया। इसके अलावा, दवाइयों की खरीद में घोटाले और नकली दवाओं का खेल मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। 2024 में 13 दवाएँ अमानक पाई गईं, जिनमें सेफोटैक्सिम जैसे एंटीबायोटिक शामिल थे। 2023 में भोपाल में खरीदी गई दवाइयाँ एक्सपायरी डेट के करीब या अमानक पाई गईं। श्री नायक ने कहा कि हर साल 400 करोड़ रुपये की दवाएँ खरीदी जाती हैं, लेकिन थर्ड पार्टी जाँच के बिना इनका उपयोग शुरू कर दिया जाता है। यह भ्रष्टाचार सुनिश्चित करता है कि मरीजों को नकली या अमानक दवाएँ मिलें।”
रोबोटिक सर्जरी का सपना, चीर-फाड़ की हकीकत
जब दुनिया रोबोटिक सर्जरी और मिनिमली इनवेसिव तकनीकों को अपना रही है, मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल दशकों पुरानी चीर-फाड़ सर्जरी पर निर्भर हैं। श्री नायक ने तंज कसते हुए कहा कि”बीजेपी सरकार के 22 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाएँ आधुनिक होने की बजाय मध्ययुग में पहुँच गई हैं। भोपाल और इंदौर को छोड़कर, ज्यादातर अस्पतालों में बुनियादी सर्जिकल उपकरण और स्टरलाइजेशन की सुविधाएँ तक नहीं हैं। रोबोटिक सर्जरी तो दूर, यहाँ मरीजों को समय पर सर्जन तक नहीं मिलता।”
आयुष्मान भारतः कागज़ों की उपलब्धि बीजेपी सरकार आयुष्मान भारत योजना को अपनी उपलब्धि बताती है, लेकिन यह योजना जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। श्री नायक ने कहा “आयुष्मान भारत केवल कागजी शेर है। सरकारी अस्पतालों में न दवाएँ हैं, न विशेषज्ञ डॉक्टर, न कार्यरत मशीनें। दमोह के फर्जी डॉक्टर कांड ने दिखाया कि इस योजना के तहत सरकारी राशि की लूट हो रही है। मरीजों को निजी अस्पतालों में लूटा जा रहा है, और कमीशनखोरी चरम पर है।”
बीजेपी सरकार पर करारा हमला श्री नायक ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 22 वर्षों के बीजेपी शासन ने मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। छतरपुर में बुजुर्ग का अपमान, दमोह में फर्जी डॉक्टर की सात हत्याएँ, रीवा में नकली इंजेक्शनों से प्रसूताओं की बर्बादी, और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी—यह सब बीजेपी की नाकामी का नतीजा है। यह सरकार बैंक की राजनीति और भ्रष्टाचार के संरक्षण में मशगूल है, जबकि जनता त्राहिमाम कर रही है।”
जनता के साथ आंदोलन की चेतावनी
श्री नायक ने चेतावनी दी कि यदि बीजेपी सरकार ने तत्काल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती, कमीशनखोरी और घोटालों पर रोक नहीं लगाई, तो कांग्रेस जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी।
उन्होंने कहा कि”स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा पर समझौता और भ्रष्टाचार का यह घिनौना खेल किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। मध्य प्रदेश की जनता अब और अपमान, लूट और मृत्यु बर्दाश्त नहीं करेगी।”