hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişjojobetjojobet girişmatbetpusulabetpadişahbetpadişahbet girişcasibomjojobetjojobet girişholiganbet giriş
ब्रेकिंग

मध्य प्रदेश परिवहन का खलीफा है वीरेश तुमराम !

तकरीबन पांच सौ करोड़ से बड़ा है बेनामी संपत्ति का साम्राज्य..

भोपाल 21 अप्रैल 2025। पिछले कुछ सालों में तथाकथित जिन दलालों ने अवैध वसूली की खातिर सरकारी कर्मचारियों को डमी बनाकर जमकर लूट-घसोट की और विभाग के बेरियरों/चौकियों पर अवैध वसूली से प्रदेश में हाहाकार मचायी उनमें मुख्य रूप से आरटीआई वीरेश तुमराम, आरटीआई किशोर सिंह बघेल, पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के नाम शामिल है। इन तीनों ने अपने कुछ सहयोगियों के माध्यम से संपूर्ण प्रदेश के परिवहन विभाग को सिंडिकेट की तरह चलाया। भले ही लास्ट मोमेंट पर सरगना सदस्य सौरभ शर्मा जांच एजेंसियों के शिकंजे में फंस गया मगर तुमराम के काला साम्राज्य पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा है।
“सैटर” के रूप में पहचाने जाने वाले तुमराम का काम पोस्टिंग की दलाली करना, स्वयं के डमी कैंडिडेट क्रिएट करना एवं उनके माध्यम से चेक पोस्टों से अवैध वसूली करना रहा है। चेक पोस्ट बंद होने से पहले इनके पास हमेशा 8 से 10 बेरियल रहे और आज भी प्रदेश की कुख्यात चेक प्वाइंटों में से 10 पर इसका कब्जा बरकरार है। यह पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का नजदीक रहा और गोविंद सिंह राजपूत के मंत्री बनने से इसकी काली सत्ता में मानो चार चांद लग गए क्योंकि यह मंत्री राजपूत के साथ छात्र राजनीति से हमजोली रहा। जिसके चलते काली कमाई का साम्राज्य चरम पर रहा और आज भी बरकरार है। सूत्रों की माने तो इसे पांच सौ करोड़ से ज्यादा बेनामी संपत्ति का अधिपति बताया जाता है। सूत्र अनुसार यह बेनामी संपत्ति दिल्ली, भोपाल, इंदौर, पुणे, बेंगलुरू सहित कई शहरों में टेरेस, बंगला, फार्म हाउस, कमर्शियल प्रॉपर्टी एवं कृषि भूमि के रूप में है।
डेढ़ करोड़ की गाड़ी में घूमने वाला यह शख्स भले ही कैंप ऑफिस भोपाल में अटैच है मगर नाका प्रभारी अथवा अटैचमेंट से इन पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह प्रभारियों के सरगना है। भोपाल कैंप ऑफिस में बैठकर अपने 10 बैरियरों की कमान संभालने के साथ-साथ यह पूरे विभाग में सेटिंग के गोरख धंधे को दिन दूना रात चौगुनी तरक्की कराने में लीन है। कैंप ऑफिस अटैचमेंट मात्र एक हाथी के दांत जैसा दिखावा है।

तुमराम के नियंत्रण में है यह बेरियल..
बता दें कि पूर्व परिवहन मंत्री के तकरीबन 4.5 साल के दौरान बेरियलों पर इसका इसका वर्चस्व चरम पर था और उस दौरान बेरियलों पर वसूली के लिए बोली लगाई जाती थी। जिसके चलते ज्यादा पैसे देने पड़ते थे, इससे बचने के लिए तुमराम ने इन चेक पोस्टों से प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा वसूली की प्रथा चालू की जो आज पूरे प्रदेश का मॉडल बन चुकी है। इसी के चलते विभाग की दुर्दशा हुई। परिवर्तित व्यवस्था के बावजूद आज जो चेक प्वाइंट अवैध वसूली के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं उनमें अधिकांश इसी शख्स के नियंत्रण में है। जिनमें मुख्य रूप से कावासा (सिवनी), मोतीनाला (मंडला), मोरवा (सिंगरौली), सेंधवा (बड़वानी), खिलचीपुर (राजगढ़), माल्थौन (सागर), चिरुला (दतिया), सिकंदरा (शिवपुरी) और जबलपुर एवं भोपाल की फ्लाइंग स्क्वाड शामिल है।

गुरु- चेला के अंदरुनी विवाद के चलते इस गोरख धंधे के सिंडिकेट का सदस्य सौरभ शर्मा जरूर शिकंजे में फंसा मगर खलीफा तुमराम की काली सत्ता का बेताज बादशाहत का ताज आज तक क्यों निष्कंटक है इसका खुलासा अगले एपिसोड में…