hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişbets10padişahbetpadişahbet girişjojobetjojobet girişholiganbetmatbetmatbet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetcasibomholiganbetholiganbet giriş

हाईकोर्ट ने विजय शाह के विवादित बयान पर लिया स्वतः संज्ञान, कुछ घंटों में FIR दर्ज करने के दिए निर्देश

महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को मामले को टालने को लेकर जमकर लगाई फटकार

कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा हम न्यायालय के इस साहसिक और त्वरित निर्णय का स्वागत करते हैं

भोपाल 14 मई 2025। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक और विवादित बयान पर आज जबलपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच — माननीय न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन एवं न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला — ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई और कुछ ही घंटों में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए।

सुनवाई के दौरान जब राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के लिए 3 दिन का समय मांगा, तो न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए उनकी जमकर खिंचाई की और कुछ घंटे में कार्रवाई के निर्देश दिए।

विदित हो कि मंत्री विजय शाह के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस पार्टी ने इस बयान को देश की बेटियों और सेना के गौरव के खिलाफ बताया है और मंत्री विजय शाह के इस्तीफे की मांग की है।

उच्च न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि हम न्यायालय के इस साहसिक और त्वरित निर्णय का स्वागत करते हैं और मांग करते हैं कि भाजपा नेताओं के ऐसे गैरजिम्मेदार बयानों पर जिसमें भारत के जवान और किसान का निरंतर जो अपमान किया जा रहा हैं उस पर अंकुश लगे , जिससे समाज में नफरत और विभाजन फैलाने वालों को स्पष्ट संदेश जाए ।

त्रिपाठी ने कहा कि जहां एक ओर पूरा देश भारत की बेटी और भारतीय सेना की शान कर्नल सोफिया कुरैशी के समर्थन में एकजुट होकर खड़ा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी अपने बेशर्म मंत्री विजय शाह को बचाने में जुटी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि यह केवल एक महिला का नहीं, बल्कि देश की सेना और गौरवशाली परंपरा का अपमान है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। बीजेपी की चुप्पी और बचाव की कोशिश यह दर्शाती है कि वह महिलाओं के सम्मान और सेना की गरिमा को लेकर गंभीर नहीं है।