शाहपुरा भोपाल की सहयोग विहार कॉलोनी के निजी भवन में लगा रहा अधिकारियों का तांता..
भोपाल 17 जून 2025। मंदिर अथवा धार्मिक स्थलों पर तो श्रद्धालुओं का अक्सर तांता लगा देखा होगा मगर पिछले 5-7 दिनों से यही नजारा स्थानीय लोगों ने भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र की सहयोग विहार कॉलोनी स्थित एक निजि भवन में देखा गया।
ज्ञात हो कि ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार अंतिम तिथि 10 जून से बढ़ाकर 17 जून कर दी गई थी। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश के जीएसटी विभाग का दरबार रिटायर्ड ओएसडी दिलीप राज द्विवेदी और संयुक्त आयुक्त दीप खरे द्वारा गोपनीय ढंग से यहां लगाया गया। बता दें कि युग क्रांति द्वारा हाल में प्रकाशित समाचारों में दिलीप राज द्विवेदी द्वारा मंत्री जगदीश देवड़ा के बंगले से समानांतर सत्ता चलाने का जिक्र सुर्खियों में रहा। जिसके अंतर्गत जीएसटी विभाग में द्विवेदी के सिंडीकेट के सदस्यों के रूप में प्रमुख रूप से जेसी खरे के नाम का भी उल्लेख किया गया था। विभागीय मंत्री एवं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने उक्त खबरों पर इतना ही संज्ञान लिया कि उन्होंने रिटायर्ड विशेष सहायक को अपने से जुदा नहीं किया बल्कि इन्हें अपने बंगले से अन्यत्र ऑपरेशन को अंजाम देने की रियायत दी। इसीलिए ट्रांसफर का ये महा अभियान सहयोग विहार के निजी बंगले से संचालित हो रहा है।
सूत्रों की माने तो मनचाही अथवा एंटी इवेजन ब्यूरो में पोस्टिंग उन्हीं की सुनिश्चित हुई जिन्होंने सहयोग विहार के इस मंदिर में विराजित इन दोनों देवताओं को मन माफिक प्रसादी अर्पित की है। प्रदेश के सभी एंटी इवेजन ब्यूरो के जेसी, डीसी, एसी, सीटीओ,एसीटीओ,टीए एवं इंस्पेक्टर्स को प्रसादी/चढ़ौती लिए श्रद्धालुओं की तरह कतार में यहां देखा गया जिसकी सर गर्मी से पड़ोसी भी प्रभावित रहे। मनचाही पोस्टिंग की कामना लिए तमाम श्रद्धालुओं/अधिकारियों का तांता आज आखिरी दिन तक लगा रहा। क्योंकि ट्रांसफर के इस महायोग का आज (17 जून) अंतिम दिन है लिहाजा आज के उपरांत पोस्टिंग के तथाकथित इन देवताओं के पट बंद हो जाएंगे। पोस्टिंग के इन देवताओं ने देर-रात दो-तीन बजे तक अपने श्रद्धालुओं को खुलकर दर्शन दिये और प्रसादी स्वीकार की।
ये सिलसिला विभागीय मंत्री एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की गैर हाजिरी में चलता रहा और जब मंत्री पचमढ़ी विजिट से वापस आए तो अनुमोदन के तौर पर उनके हस्ताक्षर ले लिए गए। मंत्री देवड़ा स्वभावतया सीधे हैं लिहाजा इसे मंत्री जी की जरूरत कहे अथवा मजबूरी मगर सच्चाई यह है कि इस युगल बंदी ने विभागीय मंत्री को वास्तविकता से अनभिज्ञ रखा है। ट्रांसफर लिस्ट में विश्व युगल बदी द्वारा जो भी काला-पीला किया गया इसकी मंत्री जी को भनक तक नहीं लगने दी साथ ही उपमुख्यमंत्री की आड़ लेकर ये प्रमुख सचिव और आयुक्त को गुमराह करने की कोशिश करते रहे।
इस युगलबंदी की नापाक कोशिश को कितनी सफलता अथवा असफलता मिलती है यह बात अभी हाल में ही ट्रांसफर लिस्ट जारी होने पर साबित हो जाएगी जिसमें संयुक्त आयुक्त दीप खरे का नाम होना बताया गया है।