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ग्वालियर में ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता के बीच घमासान जारी

मुख्य अभियंता कार्यालय पर सीई सूर्यवंशी का पुतला दहन कर ठेकेदारों ने की जमकर नारेबाजी..

ठेकेदारों का एकतरफा आरोप बेबुनियाद..!

ग्वालियर 28 अगस्त 2025। पिछले कुछ माह से लोक निर्माण विभाग संभाग ग्वालियर में ठेकेदारों एवं मुख्य अभियंता के बीच चल रही कसमकस अब खुलेआम सड़कों पर आ गई है जिसमें 2 दिन पूर्व ठेकेदारों ने सीई का घेराव करने की कोशिश की और आज पुतला दहन कर एस एल सूर्यवंशी के खिलाफ जम के नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारी ठेकेदारों ने बताया कि गत चार माह से न तो किसी भी ठेकेदार का भुगतान किया जा रहा और ना ही भुगतान पर कोई भी अग्रेषित कार्रवाई हो रही, जिससे हम सभी ठेकेदार मानसिक एवं आर्थिक रूप से बहुत प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्होंने कहा की डिवीजन के सभी ठेकेदारों की माप पुस्तिका चीफ इंजीनियर ने अपने आदेश से अपने कार्यालय में अधीक्षण यंत्री के यहां रखवाली हैं। ठेकेदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि हम सभी से माप पुस्तिका के नाम पर पैसों की मांग की जा रही है जबकि मुख्य अभियंता को माप पुस्तिका (MB) चैक करने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के ठेकेदारों को परेशान करने की नियत से शासन को गुमराह कर भोपाल से भुगतान पर रोक लगवा दी है जबकि ग्वालियर सर्कल के अंतर्गत आने वाले अन्य जिलों में ऐसी स्थिति नहीं है। ठेकेदारों ने बताया कि हम कई दिनों से सीई साहब से मिलने का समय मांग रहे हैं मगर वह मिलने से एवं समस्या के निराकरण से लगातार बच रहे हैं। लिहाजा ठेकेदारों को आज मजबूरन आंदोलन का अंतिम रास्ता अपनाना पड़ा।

संपादक एवं मुख्य अभियंता की बातचीत के अंश 

सीई ऑफिस हंगामावहीं दूसरी ओर मुख्य अभियंता एस एल सूर्यवंशी ने युगक्रांति संपादक तोमर को जानकारी देते हुए विस्तार से बताया कि “मैंने कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षक यंत्री को निर्देश दिए हैं कि पूरे काम को चेक करें और जो काम सही पाया जाए उन्हीं का भुगतान करें, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि यह काम दूसरे एग्रीमेंट में ना हुआ हो। उन्होंने बताया कि मेरे पास इस तरह की लगातार शिकायतें आ रही थी कि कई कामों के टेंडर नहीं लगाए गए, एफडीआर नहीं जमा कराई जा रही, ऐसे ही फर्जी बिलों के भुगतान किये जा रहे हैं, इसलिए इनकी जांच करवा कर कार्रवाई की जाए। तब हमने मार्च में निरीक्षण किया तो पाया कि कई कामों में एफडीआर नहीं थी और टेंडर की फाइलें गायब कर दी गई थी। इस पर मैंने संबंधित बाबू को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच चालू कराई”।

संपादक बृजराज तोमर के पूछे जाने पर सूर्यवंशी ने बताया कि कार्यपालन यंत्री देवेंद्र भदोरिया के विरुद्ध शिकायतों के आधार पर इसके द्वारा किए गए संदेहास्पद भुगतान के सारे रिकॉर्ड एवं फाइलें मैंने तलब की है और रिकॉर्ड मिलने के बाद उसकी जांच कराई जाएगी एवं दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जावेगी।
सूर्यवंशी ने बताया कि जो ठेकेदार आज शोर मचा कर हो हल्ला कर रहे हैं वे सभी अपने गलत कामों का या बिना कामों का भुगतान चाह रहे हैं, जिन पर मैंने रोक लगा दी है और स्पष्ट कर दिया है कि जो सही काम है सिर्फ उसी का भुगतान होगा गलत का नहीं। इन्होंने बताया कि जांच की स्थिति में हमें हर प्रकार की माप पुस्तिका को चैक करने का अधिकार है। हमने  सिर्फ मेंटेनेंस के कामों के भुगतान पर रोक लगाइ है अन्य पर नहीं। मैं जहां भी निरीक्षण को जाता हूं तो मकान में रहने वाला कहता है कि जब से हम आए तब से मेंटेनेंस का कोई काम नहीं हुआ है और ठेकेदार हमसे कहता है कि यह कार्य हमने किया है इसका भुगतान करो। अरे भाई यदि काम किया है तो मौके पर वो है कहां ? इसलिए सिर्फ कागजों में दिखने वाले सभी कामों एवं उनके भुगतान पर रोक लगा दी है और जांच होने के उपरांत ही यह कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

फिलहाल मसला चाहे जो भी हो मगर ठेकेदारों द्वारा मचाये जा रहे हो हल्ला के साथ एकतरफा आरोपों को सच मान लेना मुनासिब नहीं होगा। सीई सूर्यवंशी का पक्ष इस बात से इत्तेफाक रखता है कि कुछ वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुझे व्यक्तिगत रूप से व्यावहारिक तौर पर बातचीत में कहा था कि तोमर साहब कागजों में हमारा ग्वालियर सिंगापुर से भी बेहतर लगता है और मौके पर स्थिति बिलकुल विपरीत है यदि उनकी गंभीरता से जांच करा दी जाए तो विभाग में ब्लास्ट हो जाएगा। जिस पर मैंने तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री नागेंद्र सिंह से विस्तार से चर्चा की तो उन्होंने कड़ा एक्शन लेते हुए तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पीके महेश्वरी को हटाकर ऐआर को पदस्थ किया साथ ही ऑफलाइन टेंडर की व्यवस्था पूरे प्रदेश में बंद करा दी।

पड़ताल के बाद पीडब्ल्यूडी में फर्जीवाड़ों का जल्द खुलासा..