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इक्कीसवीं सदी के लौह पुरुष, संगठन महारथी अमित शाह हैं – सत्येंद्र कुमार जैन

पवित्र ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता में लिखा गया है कि –

यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः।                                  स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।

अर्थात श्रेष्ठ मनुष्य जो आचरण करते हैं,अन्य मनुष्य वैसा ही आचरण करते हैं। श्रेष्ठ मनुष्य जो कुछ प्रमाण देते हैं,अन्य मनुष्य उसी के अनुसार आचरण करते हैं।

भारत के सबसे अधिक समय तक गृह मंत्री होने का कीर्तिमान रचने वाले केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उन्हीं श्रेष्ठ मनुष्यों की श्रेणी में आते हैं।उन्होंने अपने तप से, त्याग से, कर्तव्य निष्ठा से, संगठन निष्ठा से, कृतित्व से, अखंड प्रचण्ड पुरुषार्थ से प्रमाणित किया है। मन,वचन,काय से कर्तव्य पालन हेतु सर्वस्व समर्पण भाव से सिद्ध किया है।उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों के मन मस्तिष्क में, हृदय प्रदेश में अमिट छाप छोड़ी है। 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में गुजराती परिवार में जन्मे अमित शाह की प्रारम्भिक शिक्षा, गुजरात में अपने दादा के घर मानसा में हुई। उनको भारतीय शास्त्रों ,व्याकरण तथा महाकाव्य का अध्ययन भी बचपन में कराया गया। भारतीय दर्शन के प्रति उनकी अध्ययनशीलता उनके संभाषणों में समय-समय पर प्रकट होती रहती है उनके जीवन में उनकी माँ श्रीमती कुसुम बेन का विशेष प्रभाव रहा है। उन्हें खादी और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की प्रेरणा माता से प्राप्त हुई है।

आपातकाल के पश्चात 1977 में जब आम चुनाव हो रहे थे,तब 13 वर्ष के अमित शाह मेहसाणा लोकसभा सीट से प्रत्याशी रही सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी मणि बेन पटेल के लिए गलियों में पोस्टर,स्टीकर लगाने निकल पड़ते थे।इसी समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका जुड़ाव हुआ।राष्ट्रवाद,सेवा समर्पण,तप और त्याग के भाव का बीजारोपण हुआ। 1980 में 16 वर्ष की आयु में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।1982 में उनको अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गुजरात का संयुक्त सचिव भी बनाया गया।उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के 1984 में नारायणपुर वार्ड में सांघवी बूथ के एजेंट के रूप में कार्य किया। 1987 में वह भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े ।अध्ययन शील होने के कारण 80 के दशक में दीनदयाल शोध संस्थान से उनका लगाव रहा। वे राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख के निकट रहे,उनसे सीखने का अवसर भी प्राप्त हुआ। 1989 में भाजपा के अहमदाबाद के नगर सचिव बने। 1995 में अमित शाह को गुजरात प्रदेश के वित्त विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया।उन्होंने निगम की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया। घाटे में चल रहे निगम को 214 प्रतिशत का लाभ हुआ। उन्होंने अनेक नवाचार जैसे पट्टा क्रय विक्रय, कार्यशील पूंजी अवधि लोन और ट्रक लोन प्रदान किए।

वर्ष 1997 में अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। कुछ समय बाद ही गुजरात की सरखेज विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाया गया।वह पहली बार 25000 से अधिक वोटो से जीतकर विधायक बने। वह निरंतर 2017 तक विधानसभा के सदस्य रहे हैं ।अमित शाह 36 वर्ष की आयु में 2002 में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के सबसे युवा अध्यक्ष बने। बैंक को घाटे से निकालकर मुनाफे में ले आए।

वर्ष 2001 में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय सहकारिता प्रकोष्ठ का संयोजक नियुक्त किया गया।वह वर्ष 2002 से 2010 तक गुजरात सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं।उन्होंने खेलों को भी बढ़ावा दिया। सर्वप्रथम अहमदाबाद के प्राथमिक विद्यालय में शतरंज का प्रयोग किया,जिससे बच्चों के मानसिक विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सुझाव पर गुजरात के समस्त प्राथमिक स्कूलों में सुझाव को लागू किया ।उन्होंने क्रिकेट को भी बढ़ावा दिया वर्ष 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष बनाया गया। 2013 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया एवं उत्तर प्रदेश राज्य का प्रभार दिया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी को 73 सीटों पर विजय श्री प्राप्त हुई। इस महा विजय के सूत्रधार अमित शाह रहे हैं। मुझे भी उनके साथ विमर्श करने का अवसर प्राप्त हुआ है।उनसे वर्ष 2013 में भाजपा संवाद प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक रूप में संवाद प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समय राष्ट्रीय कार्यालय में भेंट हुई।उनका राष्ट्रव्यापी सूक्ष्म दर्शी एवं वृहद दृष्टिकोण,समर्पण और कर्तव्य निष्ठ मार्गदर्शन आज भी प्रेरणा देता है।फिर अनेक बार भाजपा संवाद प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रूप में उनसे दिल्ली प्रवास के समय मार्गदर्शन मिलता रहा। जुलाई 2014 में अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में महा सदस्यता अभियान संचालित कर भारतीय जनता पार्टी को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाया। 11 करोड़ से अधिक सदस्य देश भर में बनाए गए। अनेक नवाचार उनके द्वारा किए गए। अनेक विभागों और प्रकल्पों को बनाया गया। कार्यालय ,पुस्तकालय और ई पुस्तकालय पर उन्होंने विशेष जोर दिया ।आज भाजपा के लगभग 2000 स्वयं के कार्यालय देश भर में बन रहे हैं या बन चुके हैं।वह वर्ष 2017 में गुजरात से राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल में भाजपा को सबसे बड़ी ऐतिहासिक जीत अर्जित हुई। 303 सीट जीतीं। 2019 में उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री के रूप में दायित्व दिया गया। सर्वप्रथम उन्होंने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35 अ को निष्प्रभावी किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को सिद्ध किया।कश्मीर घाटी में शांति और प्रगति के रास्ते को खोला है। अलगाववाद और आतंकवाद पर कार्रवाई की है। पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं तथा वहां की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित अनेक समस्याओं को शांतिपूर्वक हल किया है। ब्रू रियांग समझौता, असम मेघालय सीमा विवाद का हल,बोडो समस्या का निदान जैसे प्रमुख समझौते सम्मिलित हैं।50 साल से जारी नक्सलवादी तिरुपति से पशुपतिनाथ,नेपाल तक का रेड कॉरिडोर बना कर भारत के लगभग 126 जिलों में आतंक फैला रहे थे।विकास की राह में रोड़ा बनते थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रबल इच्छा शक्ति और अमित शाह की जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण वह उग्रवाद महज 11 जिलों में सिमट गया है ।आज 3 जिले ही अति उग्रवाद से पीड़ित हैं।वामपंथी रेड कॉरिडोर को ध्वस्त कर दिया गया है। नक्सलवाद को मार्च 2026 तक समाप्त करने की संकल्पना भी अमित शाह पूर्व में ही व्यक्त कर चुके हैं। आज नक्सलवादी प्रभावित जिलों में विकास से लोगों को लाभ मिल रहा है।समाज में व्याप्त नसे पर उन्होंने कड़े कदम उठाए हैं।संसद में युगांतकारी निर्णय लिए हैं। वर्ष 2021 में वह भारत के सहकारिता विभाग के पहले मंत्री बनाए गए। उन्होंने सहकार से समृद्धि का नया मंत्र दिया है।2 लाख से अधिक सहकारी समितियों का गठन किया गया है ।गांव-गांव में छोटे से छोटे किसानों को भी लाभ प्राप्त हो रहा है। सहकार से समृद्धि के मंत्र को फलीभूत किया जा रहा है।

अखंड प्रचंड पुरुषार्थी अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के सर्वोत्कृष्ट संगठक हैं,संगठन शिल्पी हैं,संगठन के महारथी हैं।वह एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र को आत्मसात करने वाले,जम्मू-कश्मीर में 70 साल से प्रभावी धारा 370 को निष्प्रभावी करने वाले, 50 साल से अधिक से प्रभावी नक्सलवाद का उन्मूलन करने वाले गृह मंत्री मंत्री हैं।वह लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के सच्चे अनुयायी हैं।इसीलिए अमित शाह 21वीं सदी के भारत के लौह पुरुष हैं, आयरन मैन हैं,फौलादी व्यक्तित्व हैं।