डिजिटल युग हर बच्चे के लिए अवसरों का स्रोत बने..
बच्चों को ऑनलाइन व ऑफलाइन सुरक्षित रखने को प्रतिबद्ध है भारत सरकार-डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी
भोपाल, 25/10/2025। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने जिनेवा में आयोजित अंतर संसदीय संघ के 151 वें सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने ‘डिजिटल वातावरण में बच्चों के अधिकार’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही स्थितियों में सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी राष्ट्रों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि डिजिटल युग बच्चों के लिए अवसरों का स्रोत बने, डर का नहीं। डॉ. सोलंकी ने द्विपक्षीय वार्ताओं सहित बाल सुरक्षा, एआई और गोद लेने के कानूनों पर भारत का पक्ष रखा। इसके साथ ही डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी भारत-बेलारूस और भारत-यूक्रेन के बीच संसदीय सहयोग को मजबूत बनाने संबंधी द्विपक्षीय चर्चाओं में भी शामिल हुए।
डिजिटल युग में बच्चों के अधिकारों पर रखी भारत की बात
भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने “डिजिटल वातावरण में बच्चों के अधिकार“ विषय पर भारत का दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि भारत के मजबूत कानून, जैसे पॉक्सो एक्ट-2012 आईटी एक्ट-2000 और भारतीय न्याय संहिता-2023 बच्चों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए प्रभावी हैं। भारत सरकार ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की है और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल व टोल-फ्री हेल्पलाइन-1930 के माध्यम से कोई भी व्यक्ति साइबर अपराध की रिपोर्ट कर सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और ’मिशन वात्सल्य’ जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया, जो बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं।
साझा किया भारत का एआई फॉर ऑल विजन
भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने ‘संसद में एआई’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में भारत का विजन प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत का एआई विजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ तथा ‘सभी के लिए एआई’ की राष्ट्रीय रणनीति पर आधारित है। उन्होंने भारत को ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के संस्थापक सदस्य और जी-20 की अध्यक्षता के दौरान एआई पर वैश्विक सहमति बनाने वाले देश के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत ’लोग, प्रकृति, और प्रगति’ के तीन स्तंभों पर आधारित एआई चाहता है।
बाल अधिकारों और गोद लेने की सुरक्षित प्रक्रियाओं पर दिया जोर
भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकारों और गोद लेने की प्रक्रियाओं पर भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार कन्वेंशन (सीआरसी) और हेग कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है और बच्चों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में सभी गोद लेने की प्रक्रियाएं, चाहे वे किसी भी धर्म की हों, केवल ’जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015‘ और ’एडॉप्शन रेगुलेशंस 2022 के तहत ही होती हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 (मानव तस्करी के खिलाफ) और अनुच्छेद 39 (एफ) (बच्चों के शोषण से बचाव) का भी हवाला दिया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, उड़ीसा से सांसद श्रीमती अपराजिता सारंगी, दिल्ली से सांसद श्रीमती कमलजीत सेहरावत, बिहार से सांसद डॉ. संजय जायसवाल और उड़ीसा से सांसद डॉ. सस्मित पात्रा शामिल थे।
